गुस्साए ग्रामीणों ने दरबीजी-भौंरा रोड पर लगाया जाम
मामले में प्रधानाचार्य सहित दो शिक्षक सस्पेंड -पीड़ित परिवार को 5 लाख की आर्थिक मदद
सुल्तानपुर/ कोटा। सुल्तानपुर थाना क्षेत्र में दरबीजी गांव के सरकारी विद्यालय में जर्जर शौचालय की दीवार ढह जाने से एक 6 वर्षीय मासूम बालिका की उसके नीचे दबने से हुई दर्दनाक मौत के मामले में प्रधानाचार्य सहित दो शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं बालिका की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने दरबीजी-भौंरा रोड को जाम कर दिया। ग्रामीण सड़क पर जाम लगाकर बैठ गए और करीब 5 घंटे तक प्रदर्शन करते रहे।
सूचना मिलने पर उपखंड अधिकारी दीपक महावीर, डीएसपी शिवम जोशी, तहसीलदार प्रीतम कुमारी सहित अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश की। मृतक बालिका के परिजनों को 5 लाख की सहायता राशि देने का आश्वासन दिया। जिसमें 3 लाख मौके पर ही दिए गए। 2 लाख एक सप्ताह में देने पर सहमति बनी। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ।
वहीं जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कोटा रूपसिंह मीणा एवं सीबीईई ओ गायत्री मीणा ने बताया कि विद्यालय में प्रथम दृष्टया जो लापरवाही सामने आई है। इसके तहत विद्यालय में घटना के समय मौजूद राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के कार्यवाहक प्रिंसिपल अशोक कुमार पोरवाल, अध्यापक रामदयाल मेघवाल एवंगायत्री कंवर को सस्पेंड कर दिया गया है। तीनों को 16 सीसी के तहत चार्ज शीट दी गई है। निलंबन के दौरान अशोक पोरवाल को इटावा ब्लॉक, रामदयाल मेघवाल को खैराबाद सीबीईओ कार्यालय एवं गायत्री कंवर को सांगोद ब्लॉक भेजा गया है। विद्यालय में कार्यरत चार अन्य शिक्षकों राम भरोस, जयप्रकाश, किशनलाल एवं प्रफुल्ल अग्रवाल जो छुट्टी पर थे, को 17 सीसी का नोटिस दिया गया है। उनके छुट्टी पर रहने के संबंध में जांच की जाएगी। साथ ही यह भी पता किया जाएगा कि उन्होंने छुट्टी सैक्शन करवा रखी थी या नहीं। अवकाश लेने में अनियमित मिलती है तो 17 सीसी का नोटिस, 16 सीसी की चार्ज शीट में कन्वर्ट हो जाएगी। विद्यालय में कार्यरत शिक्षक रामभरोस 31 जनवरी को मेडिकल पर, जवप्रकाश शर्मा सीएल, किशन लाल नागर 27 जनवरी से व प्रफुल्ल अग्रवाल 28 जनवरी से मेडिकल पर थे। इन्होंने ऑनलाइन छुट्टी सैंक्शन नहीं करवा रखी होगी तो 17 सीसी की चार्ज शीट दी जाएगी।
विद्यालय स्टाफ के खिलाफ पुलिस में दी शिकायत
मामले में नरेश, भारत राज, मनीष मीणा, राम कल्याण, सिकंदर सहित अन्य ग्रामीणों ने सुल्तानपुर थानाधिकारी सत्यनारायण मालव को शिकायत देते हुए बताया कि 31 जनवरी को गांव में हुई घटना के दौरान मासूम छात्र रोहिणी वैष्णव की मौत हो गई है। जिसमें विद्यालय स्टॉफ की घोर लापरवाही उजागर हुई है। ग्रामीणों ने विद्यालय स्टॉफ पर छुआछूत एवं जातिवाद फैलाने का भी आरोप लगाया है।
महिला टीचर करती हैं दुर्व्यवहार
ग्रामीणों ने बताया कि महिला टीचर बच्चों के साथ दुव्यवहार करती हैं। इस संबंध में पहले भी विद्यालय प्रशासन को बताया गया था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। जो शौचालय गिरा है, वह काफी समय से जर्जर अवस्था में था। विद्यालय में बने हुए नए शौचालय का विद्यालय स्टॉफ उपयोग करता था। बच्चों से साफ-सफाई का कार्य करवाया जाता था। स्टॉफ की कार्य शैली से ग्रामीण नाराज थे। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। उन्होंने मामले की जांच करने की मांग की।
पिता ने स्टाफ पर लगाया लापरवाही का आरोप
थाना अधिकारी सत्यनारायण मालव ने बताया कि दरबीजी निवासी मृतक बालिका के पिता सोनू पुत्र हजारीलाल बैरागी ने मामला दर्ज कराया कि मेरी पुत्री रोहिणी वैष्णव 31 जनवरी को विद्यालय में पढ़ने के लिए गई थी। इसी दौरान शौचालय की दीवार के मलबे में दब जाने पर वह गंभीर रूप से घायल हो गई। लेकिन विद्यालय स्टॉफ की लापरवाही के चलते समय पर उसे इलाज नहीं मिल सका। जिसके चलते उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि विद्यालय स्टॉफ को मेरी बच्ची के मलबे में दबे होने की बात पता लगने के बाद भी उसे अस्पताल ले जाने की जगह पर वह परिजनों का इंतजार करते रहे। जिसके चलते रोहिणी वैष्णव की मौत हो गई। अगर समय पर विद्यालय स्टॉफ मेरी बच्ची को अस्पताल ले जाते तो उसकी जान बच सकती थी। विद्यालय में जब नए शौचालय बना दिए गए थे तो पुराने शौचालयों को बंद क्यों नहीं किया गया। अगर शौचालय को बंद कर दिया जाता तो यह हादसा टल सकता था। उन्होंने बताया कि रोहिणी वैष्णव 6 के साथ ही विद्यालय में रोहिणी की बड़ी बहन राधिका 8 और भाई सागर 2 भी पढ़ते थे।
ग्रामीणों से समझाइश कर मामले को शांत कराया गया। मुख्यमंत्री सहायता कोष का प्रपोजल बनाकर भेज दिया गया है। साथ ही मामले में लापरवाही करने वाले दोषियों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
-दीपक महावर, एसडीएम
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