सीपीआईएम का सदस्यता अभियान शुरू
लुहावद में ब्रांच कमेटी की बैठक, पीपल्दा क्षेत्र में पार्टी सदस्यों का नवीनी करण
इटावा/ कोटा। पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र के लुहावद में सीपीआईएम की ब्रांच कमेटी की बैठक कामरेड बजरंग लाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें पीपल्दा क्षेत्र में पार्टी सदस्यों का नवीनी करण कर सदस्यता अभियान की शुरूआत की गई। बैठक में तहसील सचिव कामरेड मुकुट बिहारी जंगम, संयुक्त सचिव मुरारीलाल बैरवा, कामरेड चेतन प्रकाश, कामरेड गोपाललाल महावर पर्यवेक्षक के तौर पर उपस्थित हुए।
कामरेड मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि बैठक में तहसील सचिव कामरेड मुकुट बिहारी जंगम ने पार्टी सदस्यों सम्बोधित किया। जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है, यह कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने वाला और मजदूरों, किसानों व आमजनता विरोधी है। केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकारें सत्ता में हैं जो कॉरपोरेट घरानों के बैंकों के माध्यम से करोडों रुपए माफ करने में लगी हुई है। उन्होंने बताया कि अभी पिछले दिनों देश के 53 बड़े बैंकों ने पूंजीपतियों के 12272 हजार करोड़ रूपए माफ किए हैं। जबकि देश के किसान कर्ज माफी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पिछले 10 सालों में केंद्र की बीजेपी सरकार ने किसानों, मजदूरों और आमजनता को बर्बाद करने और पूंजीपतियों को मालामाल करने का काम किया है। सरकार के इस दोगले पन को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी सहन नहीं करेगी। जल्द ही सरकार की मजदूर, किसान और आमजन विरोधी नीतियों के खिलाफ माकपा के बैनर तले पीपल्दा तहसील क्षेत्र में आंदोलन करेगी। जिसमें जन मुद्दों पर आमजनता को सरकार के खिलाफ लामबंद किया जाएगा। केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार बिजली का निजीकरण कर स्मार्ट मीटर लगाना चाहती है। वहीं शिक्षा को निजी हाथों में सौंपकर गरीबों के बच्चों से शिक्षा का अधिकार छीन रही है। मजदूरों को बेरोजगार करने की नीयत से राजस्थान सरकार बजरी रेती खनन पर लगी रोक को हटाने से पीछे हट रही है। पिछले कई वर्षों से चंबल नदी से निर्माण कार्यों के लिए गैंता, राजपुरा, डोबरली से बजरी का खनन बन्द है। जिसकी वजह से पीपल्दा इटावा क्षेत्र के निर्माण मजदूर बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। पिछले तीन चार माह से वृद्धों को मिलने वाली पेशन को बन्द कर रखा है। जिसके चलते पेंशन पर निर्भर रहने वाले वृद्धों को भूखे रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना बन्द पड़ी है। शहरी क्षेत्र में नाम मात्र का काम दिया जा रहा है। भुगतान के नाम पर मजदूरों को 80 से 100 रुपए दैनिक मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। समय पर मस्ट्रोल नहीं चलाई जा रही। बीजेपी के शासनकाल में हर वर्ग को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। किसानों की फसलें सूखने को तैयार हैं। लेकिन सरकार नहरों में अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंचा पा रही है। इस पूंजीवादी सरकार को केवल कॉरपोरेट घराने ही नजर आते हैं। गरीबों, मजदूरों, किसानों, छात्रों, युवाओं, महिलाओं की इस सरकार को कोई परवाह नहीं है।
किसानों की कर्ज माफी को लेकर होगा आंदोलन
ब्रांच सैकेट्री सूरजमल मीणा ने कहा कि ज़ब बैंकों द्वारा पूंजीपतियों का करोड़ों रुपयों का कर्जा माफ किया जा रहा है तो किसानों का कृषि, केसीसी लोन भी सरकार बैंकों से माफ कराए। जिस तरह से अम्बानी के साथ 12272 हजार करोड़ की जगह 468 लाख में बैंकों ने समझौता किया, उसी प्रकार किसानों से भी एक लाख रूपए का 500 रूपए में समझौता करना होगा। आने वाले दिनों में बिजली, शिक्षा, चिकित्सा के निजीकरण के खिलाफ और किसानों और गरीब मजदूरों का सम्पूर्ण कर्जा माफ कराने की मांग को लेकर पार्टी आंदोलन करेगी।
साम्राज्यवाद के खिलाफ शोषित वर्ग को करेंगे लामबंद
मुरारीलाल बैरवा ने कहा कि सदस्यता अभियान चला कर माकपा पार्टी को पूरी मेहनत से आगे बढ़ाकर साम्राज्यवाद के खिलाफ शोषित, पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग को एकजुट कर संघर्ष करेंगे।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में कामरेड त्रिभुवन, गिरिराज सेन, हंसराज महावर, हेमराज पारेता, बालमुकुंद मीणा, सूरजमल मीणा, मुरारीलाल बैरवा, गोपाललाल महावर, चेतन प्रकाश मीणा, कामरेड मुकुट बिहारी जंगम सहित कई पार्टी सदस्य मौजूद रहे।
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