कोटा कलेक्ट्रेट पर 18 फरवरी से परिजनों के साथ धरने पर बैठे हैं मजदूर
कोटा। बकाया भुगतान की मांग को लेकर जेके फैक्ट्री के मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना रविवार को लगातार 13 वें दिन भी जारी रहा।
धरने के संचालक कामरेड उमाशंकर ने बताया कि जेके फैक्ट्री के बन्द होने के बाद मजदूरों के परिवारों के सामने रोजगार के लाले पड़ गए हैं। लेकिन जेके सिंथेटिक में संचालित सीटू की मजदूर यूनियनों के नेताओं ने हार नहीं मानी और निरंतर मजदूरों के बकाया भुगतान के लिए व अराफात कैमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड से मजदूरों को दिलाने के लिए कोटा की सड़कों औरर कोर्ट के जरिए संघर्ष करते रहे। मजदूरों की एकता और संघर्ष से ही यह सब सम्भव हो पाया था कि सुप्रीम कोर्ट को मजदूरों के पक्ष में सरकार को आदेश जारी कर कहना पड़ा कि जेके फैक्ट्री को राजस्थान सरकार अपने अधीन कर जेके फैक्ट्री के 4200 मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान करे और अराफात से कम्पनी की लीज डीड रद्द करे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मजदूर जेके फैक्ट्री के लेनदार हैं। जब तक सरकार मजदूरों को उनका बकाया वेतन और ड्यूज ग्रेच्यूटी का भुगतान नहीं कर देती, फैक्ट्री की जमीन पर किसी को नहीं दे सकती है। 27 साल की लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद फिर हमें सरकार से बकाया भुगतान लेने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कराने के लिए न्यायाधीश कोटा के समक्ष अनिश्चित कालीन धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ा है। लगातार जारी धरने पर मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है। धरने को अन्य मजदूरों और मजदूर हितैषी जन संगठनों का समर्थन मिल रहा है।
आरपार की लड़ाई के लिए कसी कमर
रविवार को 13 वें दिन धरने को सम्बोधित करते हुए कामरेड मदन मोहन शर्मा, कामरेड हबीब खान ने कहा कि अब आरपार की लड़ाई होगी। सरकार जितने दिन चाहेगी जेके फैक्ट्री के मजदूर धरने पर बैठने को तैयार हैं। बिना बकाया भुगतान लिए हम कलेक्ट्रेट के गेट से उठने वाले नहीं हैं।
13 वें दिन धरने को इन्होंने किया संबोधित
सीटू महामंत्री व मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि 13 वें दिन रविवार को धरने को कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड उमाशंकर, हनुमान सिंह, हरिशंकर, पुष्पा खींची, अली मोहम्मद, गुलाब शंकर, अशोक सिंह, कामरेड मदन मोहन, कामरेड हबीब खान आदि नेताओं ने सम्बोधित किया।
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