बकाया भुगतान की मांग को लेकर 16 वें दिन भी जारी रहा जेके कर्मियों धरना
परिजनों के साथ कोटा कलेक्ट्रेट पर 18 फरवरी से धरने पर बैठे हैं मजदूर
कोटा। बकाया भुगतान की मांग को लेकर जेके कर्मियों का अनिश्चित कालीन धरना बुधवार को 16 वें दिन भी जारी रहा।
धरने के संचालक व मजदूर नेता कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड उमाशंकर ने बताया कि जेके फैक्ट्री की 227.17 एकड़ जमीन को सरकार द्वारा अधीन कर मजदूरों को उनका बकाया भुगतान करने का मामला विधानसभा में भी उठा है। बून्दी विधायक हरिमोहन शर्मा ने विधानसभा में कोटा की जेके फैक्ट्री के मजदूरों की आवाज को बुलंद किया। जिससे जेके फैक्ट्री की बेशकीमती जमीन पर नजर गड़ाए बैठे भूमाफियाओं में खलबली मची हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आमजन व मजदूरों के हित में लागू करने के मामले में सरकार कोई जवाब नहीं दे पा रही है। इधर मजदूर नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार सकारात्मक जवाब नहीं देती और जेके फैक्ट्री के 4200 कर्मियों का बकाया वेतन भुगतान नहीं कर देती, हमारा धरना कलेक्ट्रेट के सामने इसी तरह जारी रहेगा।
16 वें दिन के धरने को इन्होंने किया संबोधित
16 वें दिन के धरने को हबीब खान, नरेंद्र सिंह, उमा शंकर, अली मोहम्मद, अशोक सिंह, एडवोकेट अकरम भाई, कामरेड दुलीचंद बोरदा, सीपीआईएम लाडपुरा की ब्रांच सैक्रेटरी रोशिया बानो, संजीता, कालीचरण सोनी, गोपाल शर्मा आदि नेताओं ने सम्बोधित किया।
अराफात पर कानूनी कार्यवाही की मांग
वक्ताओं ने कहा कि अराफात जेके फैक्ट्री की करोड़ों रुपयों की जमीन का मालिक बना बैठा है। जबकि अराफत फैक्ट्री चलाने व मजदूरों का बकाया भुगतान करने के लिए की गई लीज डीड को पूरी नहीं कर पाया। राज्य सरकार को अराफात से लीज डीड खत्म करने के सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च 2023 को दिए आदेश को राज्य सरकार लागू नहीं कर रही है। इसलिए जेके फैक्ट्री के तमाम कर्मचारी सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कराने और फैक्ट्री की जमीन को अधीन करवा कर बकाया वेतन भुगतान सरकार से लेने व साथ ही जेके फैक्ट्री की मशीनों को खुर्दबुर्द करने वाले अराफात पर कानूनी कार्यवाही कराने के लिए अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं। जब तक मजदूरों के बकाया वेतन का भुगतान नहीं होगा, धरना जारी रहेगा।
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