विधानसभा पर प्रदर्शन की नहीं मिली अनुमति
निर्माण मजदूरों से जुड़ी 8 यूनियनों ने लिया भाग, 26 सूत्रीय मांगों का सौंपा ज्ञापन
इटावा/ कोटा। सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ निर्माण मजदूरों ने जयपुर स्थित राजस्थान श्रम आयुक्त कार्यालय पर गुरुवार को जोरदार प्रदर्शन कर श्रम आयुक्त को 26 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। प्रदर्शन में सीटू, इंटक, एटक, आर सीटू व अन्य चार निर्माण यूनियनों ने भाग लिया। सीटू महामंत्री मुरारी लाल बैरवा के नेतृत्व में इटावा के कई मजदूर प्रदर्शन में शामिल हुए। गौरतलब है कि मांगों को लेकर गुरूवार को मजदूरों का विधानसभा पर प्रदर्शन था। जिसकी अनुमति नहीं मिलने से श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन का निर्णय लेना पड़ा।
सीटू महामंत्री मुरारीलाल ने बताया कि जयपुर में निर्माण मजदूरों से जुड़ी 8 यूनियनों ने विधानसभा पर मजदूरों की मांगों को लेकर प्रदर्शन करने का तय किया था। लेकिन राजस्थान सरकार और पुलिस ने विधानसभा पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी। उसके बाद सभी संगठनों ने श्रम आयुक्त कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। 26 सूत्रीय मांगों को लेकर किए गए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला मजदूरों ने भी भाग लिया। श्रम विभाग पर हुए प्रदर्शन के बाद आमसभा हुई।
आमसभा को इन्होंने किया संबोधित
आमसभा को सीटू प्रदेश अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत, सीटू प्रदेश उपाध्यक्ष और वरिष्ठ साथी कामरेड रवींद्र शुक्ला, बीडब्ल्यूएफआई के राष्ट्रीय सचिव कामरेड ब्रिज सुंदर जांगिड़, राजस्थान निर्माण यूनियन सीटू के अध्यक्ष कामरेड भगवान सिंह, महामंत्री कामरेड हरेंद्र सिंह, इंटक के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली, इंटक यूनियन के नेता रामप्रसाद जांगिड़, राजस्थान निर्माण पंचायत यूनियन के नेता चुन्नीलाल, राजस्थान निर्माण मजदूर फेडरेशन बीकानेर की अध्यक्ष शबनम बानो, एटक के प्रदेश महामंत्री कामरेड कुणाल रावत, कामरेड डीके झगानी, आरसीटू के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल सैनी, निर्माण मजदूर यूनियन के नेता कामरेड हरकेश बुगालिया, मनोज निर्माण यूनियन के नेता मनोज कुमार सहित अनेक साथियों ने संबोधित किया। उसके बाद 11 सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल ने श्रम आयुक्त से काफी देर तक वार्ता की और शीघ्र ही एक बड़ी मीटिंग बुलाकर इन समस्याओं पर निर्माण संगठनों से चर्चा 20 मार्च के बाद करने का निर्णय लिया गया। श्रम आयुक्त ने सभी मांगों का निस्तारण करने का आश्वासन दिया।
प्रदर्शन की इजाजत नहीं देना लोकतंत्र की हत्या
आमसभा में वक्ताओं ने कहा कि भाजपा की सरकार द्वारा विधानसभा पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं देना लोकतंत्र की हत्या है। सभी वक्ताओं ने इसकी घोर आलोचना की। साथ ही आने वाले समय में मांगें पूरी नहीं होने पर हर जिले में एक बड़ा आंदोलन करने का निर्णय लिया। श्रम कानूनों पर हो रहे कुठाराघात के खिलाफ भी केंद्रीय श्रम संगठनों द्वारा किए जाने वाले आंदोलन में भाग लेने का निर्णय लिया गया। प्रदर्शन के दौरान सभी साथियों ने जोरदार नारेबाजी की।
कोटा जिले से इन्होंने लिया भाग
कोटा जिले से निर्माण मजदूर यूनियन सीटू इटावा के महामंत्री मुरारीलाल बैरवा, कोषाध्यक्ष राकेश कुमार, सचिव प्रेम पेंटर, यूनियन सदस्य गिर्राज प्रसाद, संजय महावर के साथ अन्य निर्माण मजदूरों ने प्रदर्शन में भाग लिया। यूनियन की तरफ से इटावा-पीपल्दा क्षेत्र और कोटा संभाग के निर्माण मजदूरों की 19 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी संयुक्त श्रम यूनियनों के 26 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के नाम श्रम आयुक्त जयपुर को दिया।
ज्ञापन में ये थीं मुख्य मांगें
ज्ञापन में मुख्य जेके फैक्ट्री के मजदूरों का बकाया भुगतान करने, शुभशक्ति योजना के पोर्टल को चालू करने, श्रम विभाग द्वारा निरस्त किए गए मजदूरों के श्रमिक कार्डों और योजना आवेदनों को रीओपन करने, छात्रवृत्ति की रुकी हुई सहायता राशि मजदूरों के खातों मे डलवाने, मजदूरों को 60 साल के बाद 10 हजार रूपए मासिक पेंशन लागू करने आदि मुख्य मांगें रखी गईं।
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