भुगतान की मांग को लेकर कोटा कलेक्ट्रेट पर 18 फरवरी से धरने पर बैठे मजदूरों में उस वक्त भारी आक्रोश फैल गया जब राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा कोटा दौरा कर बिना मिले वापस जयपुर लौट गए।
गौरतलब है कि शनिवार को सीएम भजनलाल शर्मा का कोटा दौरा था। धरने पर बैठे जेके मजदूरों की मांग थी कि मुख्यमंत्री धरने पर आकर उनसे वार्ता करें। लेकिन बिना मजदूरों से मिले वापस जयपुर लौट जाने से मजदूरों में काफी रोष फैल गया। मजदूरों ने इसे लेकर उनकी आलोचना की।
मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि 40 वें दिन धरने का संचालन कामरेड हनुमान सिंह ने किया।धरने को सम्बोधित करते हुए मजदूर नेता कामरेड हबीब खान ने बताया कि शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक दिवसीय दौरे पर कोटा पहुंचे। हमने उनसे मिलने और ज्ञापन देने का प्रोग्राम बनाया था। जिला कलक्टर से बात भी करने गए। लेकिन जिला प्रशासन हमसे नहीं मिला और ना ही किसी कर्मचारी के माध्यम से मजदूरों के प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री से मिलने दिया। कोटा का जिला प्रशासन भी आराफ़ात ग्रुप के साथ मिलकर मजदूर विरोधी काम कर रहा है। जिला कलक्टर के सामने जेके फैक्ट्री के मजदूर न्याय की आस लगाए 40 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कोटा में आकर ये कह रहे हैं कि राजस्थान का मजदूर खुशहाल है, जो गलत है। राजस्थान के मजदूरों को खुशहाल करने वाला मुख्यमंत्री कोटा आकर बिना जेके फैक्ट्री के मजदूरों से मिले ही वापस जयपुर लौट गया। ये कोटा क्षेत्र के मजदूरों का अपमान है। इसे जेके फैक्ट्री का मजदूर बर्दाश्त नहीं करेगा।
सरकार को दुबारा चालू करनी पड़ेगी फैक्ट्री
मजदूर नेताओं ने कहा कि जिला प्रशासन और राजस्थान सरकार जेके फैक्ट्री के मजदूरों को कमजोर समझने की भूल कर रहा है। जिन मजदूरों को आज जिला कलक्टर और मुख्यमंत्री ने अनदेखा कर रखा है, धरने के 50 दिन के बाद प्रशासन और सरकार के गले की फांस बनने वाला है। धरना जितना लंबा चलेगा उतना ही सरकार और जिला प्रशासन पर कर्ज बढ़ेगा। मजदूरों की धरने पर खर्च होने वाली राशि भी बकाया वेतन जो 250 करोड़ से अधिक है, के साथ ब्याज सहित सरकार को देनी पड़ेगी। फैक्ट्री को दोबारा चालू करने पर सरकार को मजबूर कर देंगे। ज़ब तक बकाया वेतन भुगतान नहीं किया जाता, तब तक धरना जारी रहेगा।
40 वें दिन धरने को इन्होंने किया संबोधित
सीटू मिडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि 40 वें दिन धरने को कामरेड हबीब खान, नरेंद्र सिंह, कामरेड गोपाल शर्मा, कामरेड अली मोहम्मद, कामरेड उमाशंकर, कामरेड कालीचरण, मदन मोहन शर्मा आदि नेताओं ने सम्बोधित किया।
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