रिपोर्ट : संजय पराते केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि गंगा की जिस पवित्रता का वर्णन हमारे धार्मिक ग्रंथों में किया गया है, महाकुंभ की गंगा अब पवित्र नहीं रह गई है। बोर्ड की रिपोर्ट में बताया गया है कि संगम घाट पर मल से उत्पन्न कोलीफॉर्म की मात्रा प्रति 100 […]
देश
कॉरपोरेट सरकार में निशाने पर आदिवासी

रिपोर्ट : संजय पराते भाजपा आदिवासियों के विकास और उनकी भलाई के बारे में लंबे चौड़े-दावे करती है। इन दावों की पड़ताल जल-जंगल-जमीन पर उनके स्वामित्व के अधिकार के संदर्भ में की जानी चाहिए, क्योंकि अधिकांश आदिवासी आज भी वन क्षेत्र में रहते हैं और उनकी आजीविका भी जंगलों से प्राप्त उत्पादों पर ही […]
टैरिफ को तारीफ पढ़ता लगुआ-भगुआ मीडिया और ट्रंप के आगे दंडवत करती छप्पन…

रिपोर्ट : बादल सरोज अमरीका यात्रा से जो कम-से-कम हासिल की उम्मीद लगाई जा रही थी, वह भी पूरी नहीं हुई। इस यात्रा को लेकर शुरू से ही आशंकित भारतीयों को भी इतनी उम्मीद तो थी ही कि अपने माय डीयर फ्रेंड ट्रम्प से जब मोदी मिलेंगे तो हाऊडी ट्रम्प बोलकर इतना तो करवा […]
हिंदू राष्ट्र में प्रतिबंधित है मृतक का शोक

रिपोर्ट : अपूर्वानंद दिल्ली के रेलवे प्लेटफॉर्म पर भीड़ के कारण हुई भगदड़ के चलते कम से कम 15 लोग मारे गए। इस वाक्य को वास्तव में ऐसे लिखा जाना चाहिए : भारत की राजधानी दिल्ली के रेलवे प्लेटफॉर्म पर सरकार की बदइंतज़ामी और लापरवाही के चलते उमड़ी भीड़ के बीच हुई भगदड़ में […]

शैक्षणिक परिसरों में लोकतंत्र और सद्भाव के लिए एकता एक्सप्रेस @मुंबई

रामदास प्रीनी शिवनंदन की रिपोर्ट, अनुवाद : संजय पराते स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने नफरत के खिलाफ ‘एकता एक्सप्रेस’ के नाम से एक अखिल भारतीय अभियान – 6 दिसंबर, 2024 से 30 जनवरी, 2025 तक – चलाया था, जिसका उद्देश्य सांप्रदायिकता का मुकाबला करना और शैक्षणिक संस्थानों में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना […]
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मोदी जी, अगर देश का सम्मान बचा नहीं सकते, तो इस्तीफा क्यों…

रिपोर्ट : महेंद्र मिश्र एक देश कैसे मरता है, अमृतसर में उतरने वाले अमेरिकी सैन्य विमान और उनमें हथकड़ियों और बेड़ियों से बंधे बैठे भारतीय नागरिक उसकी खुली निशानी हैं। मृत्यु केवल एक भौतिक क्रिया नहीं है। अगर किसी का मान-सम्मान खत्म हो जाए, किसी की प्रतिष्ठा धूल-धूसरित हो जाए, तो वह शख्स भी […]
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राजेंद्र शर्मा के तीन व्यंग्य 1. मुंह तोड़ जवाब आया है!

अब बोलें, क्या कहेंगे मोदी पर मीडिया के सवालों से भागने की तोहमत लगाने वाले! बेचारे मोदी जी ने जरा सा प्रेस कॉन्फ्रेंस वगैरह से दूर ही रहने का प्रण क्या कर लिया था, भाई लोगों ने उन पर स्वतंत्र मीडिया से डरने-डराने के इल्जाम ही लगाने शुरू कर दिए। इसकी बतकहियां शुरू […]
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बदलने थे गांव, बदल रहे हैं नाम!
रिपोर्ट : बादल सरोज बात 1966 के नवम्बर की है। हिसार जिले के एक गांव में हुक्का गुड़गुड़ाते हुए एक ताऊ बोले कि पंजाब से अलग हो गए ये बहुत अच्छा हुआ!! उनके नाती ने पूछा कि ऐसा क्या बदल जाएगा? ताऊ बोले कि बेटा, पंजाब में ठण्ड बहुत पड़ती थी, अब नहीं पड़ेगी। ताऊ […]

राजेंद्र शर्मा के तीन व्यंग्य 1. हथकड़ियों का डंका!
एक बात माननी पड़ेगी कि मोदी जी जो खुद कहते हैं, वह तो जरूर करते ही करते हैं, वह और भी पक्के से करते हैं, जो भक्त कहते हैं कि मोदी जी कर देंगे। बताइए, मोदी जी ने अपने मुंह से कभी कहा था कि देश तो देश, विदेश तक से घर वापसी कराएंगे। बस […]
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ट्रम्प की हथकड़ी बेड़ी में जकड़ा भारत और मिमियाते हुक्मरान
रिपोर्ट : बादल सरोज 5 फरवरी को भारत ने भारत की जमीन पर भारतियों का जो अपमान देखा, वह इतिहास में शायद ही पहले कभी देखा हो। जानवरों की तरह हथकड़ियों में बंधे, बेड़ियों में जकड़े 104 भारतीय, जिनमे 23 महिलायें, 12 बच्चे और 79 पुरुष थे, अमृतसर के हवाई अड्डे पर अमरीकी सैनिक विमान […]
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‘सस्टेनेबल फार्मिंग टेक्नोलॉजी अवार्ड’ से नवाजे जाएंगे डॉ राजाराम
जैविक खेती, प्राकृतिक ग्रीनहाउस और नवाचारों के लिए मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान भोपाल । देश के ख्याति प्राप्त जैविक कृषि वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् डा. राजाराम त्रिपाठी को सस्टेनेबल फार्मिंग टेक्नोलॉजी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र आईसीएआर ICAR, कृषि विभाग छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश शासन के मार्गदर्शन तथा ‘फार्म एंड फूड’ […]
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जहाँ मज़दूर अदृश्य है!

रिपोर्ट : नंदिता हक्सर अनुवाद : अंजली देशपांडे कई साल पहले, मैं साहित्य उत्सवों के विचार से रोमांचित होती थी और उनमें उत्साही भागीदार हुआ करती थी। मैं अरुंधति रॉय के इस बयान से सहमत नहीं थी कि ये केवल अभिजात वर्गीय उत्सव होते हैं। ऐसे अन्य लेखकों से मिलना, जो खुद उत्पीड़न का […]

दिल्ली: दो नावों की सवारी में आप हुई धड़ाम!
रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा आखिरकार, दिल्ली में वह हो गया, जिसकी बहुतों द्वारा आशंकाएं जताई जा रही थीं। भाजपा सत्तर में से 48 सीटें जीत गई। 27 साल के बाद उसे दिल्ली की सत्ता में निर्णायक तरीके से वापसी करने का मौका मिल गया। और बारह वर्ष बाद, दिल्ली के चुनाव में जनता का फैसला […]
किसी एक माँ का लाल नही, पूरे भारत माँ का लाल था…
राजकीय सम्मान के साथ हुई, सेना के जवान की अंतिम विदाई, उमड़ा जनसैलाब रिपोर्ट : रियाज अहमद नानपारा बहराइच। मटेरा चौराहा निवासी सेना के जवान, उनके माता-पिता और बेटी समेत पांच लोगों की मंगलवार सुबह सड़क हादसे में मौत हो गई थी। बुधवार को सेना के जवान का पूरे राजकीय सम्मान के साथ गार्ड […]
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अधूरा न्याय : जल रही है संघर्ष की मशाल!
रिपोर्ट : जी सुबर्णा, अनुवाद : संजय पराते आरजी कर मामले में सियालदाह कोर्ट के फैसले ने कोलकाता पुलिस, राज्य प्रशासन और सीबीआई की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। संजय रॉय को हत्या और बलात्कार के मुख्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, […]
दिल्ली चुनाव : एक मिथक का अंत और एक त्रासदी का और…
रिपोर्ट : संजय पराते दिल्ली में आप पार्टी की हार से देश के पैमाने पर उसके विकल्प बनने के मिथक का अंत हो गया है, लेकिन इसने देश को एक बड़ी त्रासदी में फंसा दिया है। भाजपा की जीत से वे सभी लोग निराश हैं, जो भाजपा-आरएसएस-कॉर्पोरेट गठजोड़ के वास्तविक खतरे को समझते हैं कि […]
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महाकुंभ में त्रासदी : कुंभ के पथ में ‘हिन्दू राष्ट्र’ की पताका?
रिपोर्ट : सुभाष गाताडे एक अदद त्रासदी किसी सियासतदां की समूची करियर को हमेशा के लिए गर्त में ले जा सकती है… या कम से कम उसके कैरियर पर एक गहरा धब्बा हमेशा के लिए चस्पा कर सकती है। ‘दुनिया के सबसे बड़े समागम’ के तौर पर बताए जा रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के […]
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अमृतकाल के बजट में जीवनामृत नहीं
रिपोर्ट : जे के कर केन्द्र सरकार ने साल 2025-26 का आम बजट पेश कर दिया है। अमृतकाल के इस बजट के स्वास्थ्य बजट में जीवनामृत याने जरूरत के मुताबिक पर्याप्त धन का अभाव है। साल 2024-25 में स्वास्थ्य बजट रिकवरी को छोड़कर (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण+स्वास्थ्य रिसर्च+आयुष) 93471.76 करोड़ रुपयों का था, उसकी तुलना […]
राजेंद्र शर्मा के तीन व्यंग्य 1. बच्चे तीन या ज्यादा ही अच्छे

हिंदू साधु-संत भी गुरु निकले। सिर्फ गुुरु ही नहीं विश्व गुरु के भी गुुरु। कुंभ का मौका देखकर भाई लोगों ने हिंदू राष्ट्र बनाने का एलान ही कर दिया है। और हिंदू राष्ट्र कोई यूं ही किसी लप्पे में नहीं बन जाएगा। बकायदा, हिंदू राष्ट्र का संविधान बनाया जाएगा। बनाया क्या जाएगा, संविधान तो बनकर […]
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मध्यम वर्ग के कर-बचत के सहारे अर्थव्यवस्था को खींचने की कोशिश

रिपोर्ट : संजय पराते अंततः मोदी सरकार ने यह मान लिया है कि हमारी अर्थव्यवस्था मंदी में फंस गई है। 8.2% की दर से अर्थव्यवस्था के विकास का जो आंकलन किया गया था, वह भरभराकर गिर गया है और 6.4% पर आकर टिक गया है। इस आंकलन को भी अर्थशास्त्री चुनौती दे रहे हैं, […]
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झूठ का पुलिंदा है राष्ट्रपति का अभिभाषण!

रिपोर्ट : संजय पराते राष्ट्रपति द्वारा संसद में दिया जाने वाला वक्तव्य, जिसे राष्ट्रपति का अभिभाषण कहा जाता है, स्वयं उनके द्वारा लिखा गया वक्तव्य नहीं होता है। यह वक्तव्य उस सत्ताधारी पार्टी द्वारा लिखा जाता है, जिसका वह प्रतिनिधित्व करती है। इसलिए जब अपने अभिभाषण में “मेरी सरकार” कहकर संसद को संबोधित करती है […]
24 में आजादी, 35 में हिन्दू राष्ट्र! इधर सन्निपात, उधर बारह बांट!!

रिपोर्ट : बादल सरोज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने अपने हिसाब से भारत के इतिहास के पुनर्लेखन में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, इस देश की आजादी के बारे में अब तक की सारी तथ्य, सत्य, विधिसम्मत, विश्व-स्वीकृत जानकारी को झूठा करार देते हुए स्थापना दी है कि असली आजादी […]
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गणतंत्र @75 : कुछ इशारे!

रिपोर्ट : राजेन्द्र शर्मा बेढब तो है, पर हैरान नहीं करता है कि गणतंत्र की पूर्व-संध्या पर अपने परंपरागत संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘एक देश, एक चुनाव’ का जी भरकर गुणगान किया। उन्होंने इसे अपनी सरकार का ‘साहसपूर्ण दूरदर्शिता’ का प्रयास ही करार नहीं दिया, यह दावा भी किया कि इससे ‘सुशासन को नये […]
चुनाव रणनीति फर्मों को राजनीति आउटसोर्स करने के खतरे

रिपोर्ट : शुभम शर्मा, अनुवाद : संजय पराते प्रशांत किशोर उर्फ पीके, एक अनुभवी चुनाव रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में लाने में मदद की थी और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोर टीम का हिस्सा थे। इससे पहले, उन्होंने 2011 के गुजरात विधानसभा चुनाव अभियान में मोदी की […]
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पुरुषों के लिए त्रिशूल और महिलाओं के लिए खंजर
रिपोर्ट : सुभाष गाताड़े, अनुवाद : संजय पराते “हम दिल्ली से गैर-हिंदू पापियों को बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” — दिल्ली में एक सभा को संबोधित करते हुए एक विहिप नेता। “..कम खाना खाएँ, सस्ता मोबाइल फोन खरीदें, कुछ भी करें, बस घर में पाँच त्रिशूल रखने का वादा करें।” — दिल्ली में एक […]
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राजेंद्र शर्मा के दो व्यंग्य

1. अब पीओके मुक्ति यज्ञ इन सेकुलर वालों के चक्कर में भारत वर्ष का बहुत कबाड़ा हुआ है। बताइए, जो कुछ संत-महंतों, पंडे-पुजारियों के लिए बांए हाथ का खेल था, उनसे नहीं कराने के चक्कर में देश का इतना सारा टैम बर्बाद कर दिया गया कि पूछो ही मत। अब पाकिस्तान ने कश्मीर का जो […]
महाकुंभ का महाराजनीतिकरण: क्या होगा अंजाम?

रिपोर्ट : कृष्ण प्रताप सिंह ‘नया इंडिया’ की स्तंभकार श्रुति व्यास ने इस दैनिक में अपने स्तंभ की गुरुवार (16 जनवरी) की कड़ी में महाकुंभ का शाही स्नान कवर करके लौटे एक फोटो पत्रकार के हवाले से लिखा है कि उनके यह पूछने पर कि वहां आस्था का कितना जोश है, उसने बताया : ‘काहे […]
राजेंद्र शर्मा के तीन व्यंग्य 1. यह हुई न विश्व गुरु वाली…

मोदी जी को ट्रम्प के शपथ ग्रहण का न्योता नहीं मिलने पर ताने मारने वाले अब बोलें, क्या कहेंगे? शपथ ग्रहण में नहीं थे, तब तो हर तरफ मोदी जी ही मोदी जी थे। ट्रम्प की चाल में मोदी, ट्रम्प की जुबान पर मोदी, ट्रम्प के हर काम में मोदी। यही तो होती […]
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