नई दिल्ली: गुजरात के विधायक व दलित नेता जिग्नेश मेवानी के एक विरोध जुलूस कार्यक्रम को पुलिस द्वारा इजाजत नहीं दिए जाने के बावजूद मंगलवार को सैकड़ों लोग दिल्ली के संसद मार्ग पर एकत्रित हुए. इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए संसद मार्ग पर अवरोध लगाए गए हैं. संयुक्त पुलिस आयुक्त अजय चौधरी ने संवाददाताओं से कहा,”किसी को भी (रैली आयोजित करने के लिए) इजाजत नहीं दी गई है.”चौधरी ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश का हवाला दिया जिसमें मध्य दिल्ली में जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया है. उन्होंने कहा,”हमने आयोजकों को किसी अन्य स्थान पर जैसे रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने को कहा है.”मेवानी ने गुरुवार को कहा था कि वह व उनके समर्थक मंगलवार को जंतर मंतर से प्रधानमंत्री कार्यालय तक जुलूस निकालेंगे. गुजरात के विधायक ने प्रदर्शन के लिए इजाजत से इनकार करने पर पुलिस व केंद्र सरकार की निंदा की. कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले मेवानी ने संवाददाताओं से कहा,”एक चुने गए प्रतिनिधि को बोलने की अनुमति नहीं है..यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. हम सिर्फ लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने जा रहे थे. लेकिन सरकार हमें निशाना बना रही है.”असम के आरटीआई व किसान अधिकार कार्यकर्ता अखिल गोगोई के भी रैली को संबोधित करने की उम्मीद है. गोगोई शिक्षा का अधिकार, बेरोजगारी व लैंगिक व समाजिक न्याय पर अपनी बात रखेंगे.सुरक्षा बेहद कड़ी
युवा हुंकार रैली के मद्देनजर दिल्ली में अर्द्धसैनिक बलों समेत 2,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. नयी दिल्ली जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संसद मार्ग पर किलेबंदी कर दी गई है और पानी की बौछार करने वाले वाहन तैनात किए गए हैं. अधिकारियों के अनुसार, आंसू गैस के लांचर व पानी की बौछारों के लिए पाइपों से लैस सुरक्षा कर्मियों को कनॉट प्लेस से संसद भवन को जोड़ने वाले संसद मार्ग पर तैनात किया गया है.स्वराज इंडिया के नेता प्रशांत भूषण ने एक ट्वीट में कहा था,’कृपया लोगों को भ्रमित न करें. एनजीटी के आदेश जंतर मंतर के लिए हैं, न कि संसद मार्ग के लिए. उच्चतम न्यायालय ने हमेशा कहा है कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन और बैठकों का अधिकार एक बुनियादी अधिकार है. युवा रैली को रोकने का पुलिस का कोई भी प्रयास अलोकतांत्रिक तथा मूलभूत अधिकारों का हनन होगा.’
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