बहराइच 13 अप्रैल। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश उत्कर्ष चतुर्वेदी के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव मनोज कुमार मिश्रा ने वन स्टॉप सेण्टर, बहराइय आकस्मिक निरीक्षण कर सेन्टर में आवासित बालिकाओं/महिलाओं की सुरक्षा व अन्य आधारभूत सुविधाओं का जायज़ा लिया। इस अवसर पर श्री मिश्र द्वारा स्टाफ उपस्थिति पंजिका, निरीक्षण पंजिका, सूचना रजिस्टर एवं शेल्टर रजिस्टर इत्यादि अभिलेखों का भी अवलोकन किया गया जिसमें दर्ज प्रविष्टियां सही पाई गई। निरीक्षण के समय वन स्टॉप सेण्टर की प्रबन्धक श्रीमती रचना कटियार, लिपिक मनीष सिंह, डाटा इण्ट्री ऑपरेटर उमेश चन्द्र शुक्ला, आरक्षी मनोज कुमार सोनकर व श्रीमती रिंकू यादव, हेल्पर विजेन्द्र कुमार एवं पीड़िता रोशनी मौजूद रहे।
निरीक्षण के समय प्रबन्धक श्रीमती कटियान द्वारा बताया गया कि निरीक्षण के समय तक वन स्टॉप सेण्टर में 03 बालिका/महिला ठहरी हैं, जो बयान देने हेतु माननीय न्यायालय में गयी हुई हैं। वन स्टॉप सेण्टर में 01-01 परामर्श कक्ष, शेल्टर कक्ष, पैरामेडिकल व कार्यालय कक्ष सहित कुल 04 कमरे हैं। जबकि 02 शौचालय गय स्नानगृह है। श्रीमती कटियार ने बताया कि पैरामेडिकल कक्ष में ही खाना बनाया जाता है। प्रतिदन खाना बनाने व सफाई हेतु हेल्पर आते हैं। सुरक्षा व्यवस्था में 04 पुरुष व 05 महिला आरक्षी तैनात हैं। बालिकाओं/महिलाओं के प्रवास के लिये तखत उपलब्ध कराये गये हैं। कार्यालय द्वारा अवगत कराया गया कि बालिकाओं/महिलाओं के पानी पीने के लिये प्रतिदिन 20 लीटर का आर.ओ. जार लिया जाता है।
निरीक्षण के दौरान शौचालयों तथा कमरों में उचित साफ-सफाई पायी गयी। प्रबन्धक द्वारा बताया गया कि सफाई कर्मचारी नियमित आ रहे हैं। प्रबन्धक को आदेशित किया गया सफाई के स्तर को बनाये रखें। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि यहॉ पर 01 कम्प्यूटर स्थापित है जिस पर आपरेटर द्वारा कार्य किया जा रहा था। प्रबन्धक ने यह भी बताया कि वन स्टाप सेनटर में सुरक्षा के दृष्टिगत 04 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जो सभी क्रियाशील हैं। निरीक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि यदि कोई महिला/बालिका बीमार पड़ती है तो आपातकालीन स्थिति में संवासिनियों को एम्बुलेस बुलाकर जिला चिकित्सालय में ले जाकर उनका उपचार कराया जाता है. उन्ह इस संबंध में जिला चिकित्सालय से पर्याप्त सहयोग मिलता है। प्रबन्धक द्वारा यह भी बताया गया कि स्वास्थ्य सम्बन्धी अर्जेन्सी हेतु प्रतिदिन 01 पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी रहती है। निरीक्षण के समय मौजूद पीड़िता रोशनी से भी संविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने पर कोई भी प्रतिकूल तथ्य प्रकाश में नहीं आया।
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