भुगतान की मांग को लेकर 93 वें दिन भी जारी रहा जेके मजदूरों का धरना
बकाया भुगतान की मांग को लेकर कोटा कलेक्ट्रेट पर 18 फरवरी से धरने पर बैठे जेके फैक्ट्री के मजदूर अब मोहल्ला मीटिंगों के जरिए सरकार की मजदूर नीतियों से आमजन को अवगत कराएंगे। इस बीच जेके फैक्ट्री के मजदूरों का धरना बुधवार को 93 वें दिन भी जारी रहा।
सीटू मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि 27 साल से फैक्ट्री पर 4200 मजदूरों का वेतन 250 करोड़ बकाया है। जिसके भुगतान की मांग को लेकर जेके फैक्ट्री के मजदूर 93 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं।लेकिन राज्य सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि 20 मार्च 2003 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला मजदूरों के पक्ष में आ चुका है।
वहीं 93 वें दिन धरने को अपना समर्थन देने आए सीटू के जिलाध्यक्ष कामरेड राकेश गालव ने प्रशासन और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अराफात और भूमाफियाओं की पैरवी करना बन्द करे और जेके फैक्ट्री की जमीन अपने अधीन करके फैक्ट्री के 4200 मजदूरों, कर्मचारियों का बकाया वेतन जो ब्याज जोड़कर 500 करोड़ बनता है, जल्दी भुगतान करे। फैक्ट्री चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मजदूरों के पक्ष में दिए आदेश को लागू करे। उन्होंने कहा कि सरकार के इस मजदूर विरोधी रवैये का सीटू संगठन विरोध करता है। अगर जल्द ही बकाया वेतन भुगतान के लिए कोई ठोस कदम सरकार नहीं उठाती तो धरने को उग्र रूप दिया जाएगा।
93 वें दिन धरने को इन्होंने किया संबोधित
सीटू मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि 93 वें दिन बुधवार को धरने को सीटू जिला अध्यक्ष राकेश गालव, जेके मजदूर नेता नरेंद्र सिंह, उमा शंकर, हबीब खान, मदन मोहन शर्मा, अली मोहम्मद, कालीचरण सोनी, केदार जोशी, गोपाल शर्मा, जाकिर हुसैन आदि ने सम्बोधित किया। धरने का संचालन अशोक सिंह ने किया।
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