जनपद कुशीनगर जिलाधिकारी एस राज लिंगम के द्वारा सुबह 10:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक जनता दरबार में आम जनमानस की समस्याओं को सुनने तथा उसके निस्तारण की कार्रवाई नियमित रूप से की जा रही है |
जिलाधिकारी के द्वारा फरियादी की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करते हुए उसके त्वरित निस्तारण की कार्रवाई करने का भी प्रयास किया जा रहा है |
इस कार्य में प्रत्येक दिवस जिला स्तरीय अधिकारी भी जिलाधिकारी के साथ उनके कार्यालय में बैठकर समस्याएं सुन रहे हैं लोग बेबाकी से अपनी बात कहते हैं और जिलाधिकारी संबंधित विभाग के अधिकारियों से तुरंत दूरभाष पर बात कर समस्या की हकीकत जानकर उस पर आवश्यक कार्यवाही करने के आदेश जारी कर देते हैं|
यदि जरूरत हुई तो ग्राम पंचायत के निचले स्तर तक क्षेत्रीय लेखपाल एवं सचिव से भी उनकी स्थलीय रिपोर्ट को दूरभाष पर ही लेकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं| आवश्यकता पड़ने पर शासनादेश की कॉपियां भी कार्यालय में ही मंगवा कर नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं|
मंगलवार को भी सैकड़ों फरियादियों ने जिलाधिकारी के पास अपनी फरियाद सुनाया| इसी में एक फरियादी ग्राम पंचायत सेमरा का था जिसने यह फरियाद की कि उसने उक्त गांव की पोखरी में मछलियां डाल रखी हैं, ग्राम प्रधान द्वारा 1 वर्ष का पट्टा भी जारी किया गया है, परंतु विपक्षी गण उसे मछली निकालने से जबरन रोक रहे हैं |
मौके पर ही उपस्थित एसडीएम रामकेश यादव ने उक्त संदर्भ में बताया कि गांव मेंतीन पोखरियों की नीलामी होनी थी और तीनों एक ही व्यक्ति को हो रही थी, उस गांव में एक ही मछुआ परिवार है इसलिए नियमानुसार उसे किसी अनुसूचित जाति को मिलना चाहिए था| इसीआधार पर तीसरे पोखरी का पट्टा खारिज किया गया था| जिसे ग्राम प्रधान ने उक्त फरियादी को दे दिया| जिलाधिकारी ने समस्या का अवलोकन करने के उपरांत यह पाया कि ग्राम प्रधान के द्वारा दिया गया पट्टा कानून के अनुसार वैध नहीं है| फिर भी मानवीय आधार पर 1 सप्ताह के भीतर उक्त फरियादी को मछली निकालने का आदेश दिया गया|
मजे की बात यह है कि फरियादी के साथ पहुंचे एक सिफारिशकर्ता बार-बार फरियादी की बात जिलाधिकारी से कर रहे थे| जिस पर जिलाधिकारी भड़क उठे| उन्होंने उनका परिचय पूछा तो उन्होंने पड़ोस का निवासी एवं संभ्रांत परिवार का बताया| साथ ही यह भी बताया कि वह मंडी परिषद देवरिया में कार्यरत हैं|सिफारिश करने वाले ने बताया कि पीड़ित उसका सैकड़ों बार पैर पकड़ कर लाया है,
जिस पर जिलाधिकारी और भी भड़क उठे और उन्होंने कहा कि आपने अपना पैर पकड़ने के लिए किराए पर दे रखा है क्या? उन्होंने के संबंधित के विभाग में देवरिया पता कराने के लिए कहा कि वह छुट्टी पर है कि नहीं है ? उक्त बातें सुनते ही उक्त व्यक्ति जिलाधिकारी के कार्यालय से धीरे पांव दबा कर निकल लिए| जिलाधिकारी ने इस बात को स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी फरियादी को अपनी फरियाद सुनाने के लिए किसी के सिफारिश की कोई आवश्यकता नहीं है|
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