जनपद भदोही
ज्ञानपुर,भदोही:-वर्तमान समय में अपने अपने कृत्यों की वजह से जिले की मीडिया इन दिनों जबरदस्त आलोचना का शिकार हो रही है।जो एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर आपस में धोबिया-पछाड़ दांव का प्रयोग करते हैं।इसका भरपूर लाभ न्यूज़ प्रसारण करने वाले सम्पादक महोदय उठा रहे हैं। और उनके रिपोर्टरों के भी चाय-पान का खर्चा चल रहा है।वास्तव में सही पत्रकारों की दशा इतनी खराब हो रही है कि अब खुद को भी पत्रकार बताने में शर्म महसूस हो रही है।
बताते चलें कि जिस तरह से गधे के गले में टाई बांधने से वह आरटीओ नहीं हो सकता ठीक उसी तरह से किसी अनपढ़ को गले में प्रेस का लटका देने से हर कोई पत्रकार नहीं बन सकता है वर्तमान समय में डीजे डिजिटल मीडिया ने वास्तव में प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ऐसी तैसी कर दी है या यह कहें कि पत्रकारिता का ही सत्यानाश कर दिया है। ग्लैमर की चाह और पुलिस-प्रशासन के बीच भौकाल गांठने के लिए जहां पहले अपराधी किसी राजनीतिक हस्ती या पार्टी का दामन थाम लेते थे, वहीं वर्तमान में ये ट्रेंड बदल गया है। तमाम अपराधी प्रवृत्ति के लोग अब पत्रकारिता और वकालत की तरफ रुख कर रहे हैं। परन्तु वकालत की डिग्री में लगने वाले समय और जरूरी पढ़ाई की वजह से पत्रकारिता वर्तमान में अपराधियों का सबसे पसंदीदा क्षेत्र बनता जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ वेब, पोर्टल और सोशल मीडिया जैसे दूसरे साधन आ जाने के बाद कोई भी शख्स कभी भी खुद को छायाकार या पत्रकार खुद ही घोषित कर दे रहा है। दुखद पहलू ये है कि जिस पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, उसमें कभी बुद्धिजीवी और समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा लिए लोग आते थे, जबकि आज अंधाधुंध अखबारों, पत्रिकाओं, वेब पोर्टल्स के आ जाने के बाद बड़ी संख्या में अपराधियों को भी ‘प्रेस’ लिखने का सुनहरा मौका मिल गया है। इसके सहारे वो न सिर्फ़ अपने पुराने अपराधों को छुपाए हुए हैं, बल्कि नये अपराधों को भी जन्म देकर, पुलिस और प्रशासन पर अपनी पकड़ भी मजबूत कर रहे हैं। वे तमाम तरह के गैरकानूनी कार्य पत्रकारिता की आड़ में संचालित करने में लगे हैं।
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