राजसमंद। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी समा, ज्ञानशाला नया बाजार व सुंदर कोलोनी के संयुक्त तत्वावधान में नन्हे बन्हें ज्ञानार्थीयों ने जैनिज्म थीम पर पर मॉडल प्रस्तुत किए। यह पहला अवसर था कि नन्हे ज्ञानार्थयों ने पच्चीस बोल, लोक-अलोक, अयुवत, ग्यारह आचार्य, फ्युचर के भारत, गुणस्चान, जैन थीम पर राखी, ग्रीटींग कार्ड, व पेंटिंग में सम्पूर्ण जैन धर्म को प्रस्तुत किया!
शहर के प्रज्ञा विहार में ज्ञानार्थीयों द्वारा निर्मित मॉडल्स की प्रदर्शनी आहूत की गई। प्रदर्शनी देखकर दर्शकों ने कहा- वाह! क्या हेलेंट है। इससे पूर्व यहां शासन श्री मुति सुरेश कुमार के साहितध्य
में आयोजित जैनिज्म एग्जीनीशन के उद्घाटन सत्र में श्रावक श्राविकाओं को सम्बोधित करते हुए मुनि सम्बोध कुमार ‘मेघमेश’ ने कहा- हम दुनिया किताबों से उठकर डिजिटलाइजेशन में प्रवेश कर रही है। इस दौर का भगवान वही है जिसके पास इनोवेशन्स है। ज्ञानशाला सिर्फ आध्यात्मिक रूप से समृद्ध नहीं बनाता बालक हर पहलू में सर्वागीण बताता है। अभिभावक जितना स्कूल और कोचिंग को महत्व देते हैं, उतना ही अगर ज्ञानशाला को दिया जाए तो भविष्य खुब सुरत है। →मुनि पढ्द्ध कुमार ने कहा- बच्चे भगवान का रनय है, इसका ज्ञानाला बच्चों को जमीली संस्कारों से जोड़ती है। ऐसे कार्यक्रम बच्चों के मन और
-मस्तिष्क के विकास में योगद्भुत बनते हैं, → मुनि सिद्ध प्रज्ञ जी ने कहा- ज्ञानशाला भावी पीढ़ी के निर्माण की फेक्ट्री है या मत के रंजन के साथ आत्म रंजन की प्रक्रिया भी है, जो बच्चों को सम्पुर्ण बताती है। → कार्यक्रम में ज्ञानशाला आंचलिक संयोजिका श्रीमति रितू,धोका, सहसंयोजिका श्रीमती नीलम पगारिया, क्षेत्रिय संयोजिका श्रीमति सबिता कोठारी, तेरापंथ अध्यक्ष प्रकाश सोनी, ज्ञानशाला तथा बाजार संयोजिका शिखा चौरड़िया, सुंदर कोलोनी संयोजिका कीर्ति कोठारी ने भी विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम इस अवसर ते. यु.प. अध्यक्ष धर्मेन्द्र मेहता, महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती इंदिरा पगारिया भी उपस्थित थे।
मंच संचालन श्रीमती तीता सोनी ने किया।
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