पुलिस अधीक्षक को जानकारी देने के बावजूद भी निर्दोष को खानी पडी रात भर जेल की हवा और 10यो पटा
श्रावस्ती (शोनवा) थाना सोनवा के अंतर्गत ग्राम पंचायत बनियागांव में गुड्डु के घर गुड्डु के एक भाई के पडोस के रिश्तेदार आये हुए थे वहीं पर गुड्डु के भाॅजा सुल्तान भी गया हुआ था कुछ कहा सुनी को लेकर गुड्डु व उसके भाई नाईम के ससुराल के लोगो से झगडा हो गया
देखते देखते छोटा स झगडे ने भयानक रूप ले लिया, घर की महिलाये बीच बचाव में पर गयी इतने में ही, नाईम के साला एक लाठी उठा कर गुड्डु के सर पर मार दिया गुड्डु जमीन पर गिर गया दूसरी लाठी मारने ही वाला था
तबतक गुड्डु के छोटा भाई कलीम तमाम चिलचाहपट सुनकर दौडकर आया और पीछे से लाठी पकड लिया किन्तु कलीम कमजोर होने के कारण उसका कुछ नही कर पाया नाईम के साले ने उसे भी पटक कर दो तीन मुक्का मारकर घर से भाग लिया, उधर गुड्डु के सर में लाठी लगने से काफी खून बहने लगा गुड्डु के ऑखो के आगे अंधेरा स छाने लगा, घर के महिलायें ये देखकर हताश हो गयी, तमाम तरह के घरेलु उपचार में लग गयी,
घटनाक्रम के दौरान सुल्तान भी वहीं मौजूद रहा, किन्तु दिल के मरीज होने के कारण वो दूर ही खडा रहा, उधर गुड्डु के सिर से इतना सारा खून बहता देखकर उसे भी बेचैनी होनी लगी, और घर के महिलाओ में तो रोना पिटना होने लगा इतना सब सुनकर नाईम के साले ने दूसरा इंतजाम 112 नंबर पर फोन करके कर लिया, डायल 112 नंबर के पुलिस राजेश यादव व मख्खन लाल पहुंच कर उल्टा पीडित को ही धमकाने लगे, तो सुल्तान नामक युवक ने कहा साहब गलती इनकी नही है उसके इतना कहते ही सिपाही राजेश यादव ने एक जोर का तमाचा लगा दिया, मार खाने के बाद सुल्तान ने अपने रिश्तेदार पत्रकार के पास फोन किया और मारने की बात कही तो पत्रकार ने उनसे बात करवाने की बात कहीं जब सुल्तान ने फोन लगाकर बात करने को कहा तो राजेश यादव व मख्खन लाल गाली देते हुये कहा की क्या प्रधानमंत्री है वो चलो इसको भी बैठाओ गाडी में थाने लेकर चलते हैं इसकी गर्मी वहीं निकालने की बात कहते हुए गाडी में बैठाकर मारने लगे इस दौरान सुल्तान पत्रकार के लाइन पर था जिसकी काॅल रिकोर्डिंग , पत्रकार के पास मौजूद है उसके बाद पत्रकार ने थाना प्रभारी और पुलिस अधीक्षक श्रावस्ती को फोन लगा कर डायल 112 के कार्तूतो को बताते हुये निर्दोष को छोडने की बात कहा तो पुलिस अधीक्षक महोदय ने देखने का अश्वाशन दिया, उधर थाना प्रभारी ने भी डायल 112 के सिपाहियो के कार्नामो को सुनकार न्याय के प्रति अश्वाशन दिया, और ये भी कहा आने दो तब उन सिपाहियो को बताता हूँ, थोडी देर के बाद जब थाना प्रभारी के पास फोन किया तो फोन रिसीव नही किता, उसके बाद पुलिस अधीक्षक के पास फिर फोन लगा कर बताया गया, उसके बावजूद भी सुल्तान को नही छोडा गया उधर गुड्डु के सिर में गहरी चोट लगने के कारण हालत काफी गंभीर था इसके बावजूद भी रात भर कस्टेडी में रखा गया, सुबह जब सुल्तान के तमाम रिश्तेदार वहाँ पहुँचे तो जो भी देखने जाता उसे किसी न किसी पुलिस वाले के जरिए गाली ही दिया जाता, जब सुल्तान का हालचाल लिया तो वो रोने लगा और किस तरह उसे रात में एस एच ओ के मौजूदगी में मारा गया, उसने सब बताया, उसने ये भी कहा की अब किसी से फोन मत करवाना क्योकि थाना प्रभारी खुद कह रहे है कि जब जब किसी का फोन आयेगा तब तब तम्हारी खातिरदारी होगी, उसने ये भी कहा की रात में जैसे कप्तान साहब ने फोन किया उसके बाद तत्काल मारना चालु कर दिया था, उधर पीडित जिसके सिर में गहरी चोट लगी जिसके सिर में सात सात टांके लगे उसके साथ दो पक्ष लेने वालो को रात बर थाने में बंदी बनाकर रखा गया जिसको कोई चोट नही उसके तरफ से मात्र एक को ही बंदी बाकी के लोग बिना किसी डर के खुलेआम घूमरहे थे, और सात सात टांका लगने के बावजूद कार्यवाही मात्र 323 और 504 की की गयी, सोनवा थाने की मनमानी यह भी देखी गयी की 151 के चलान में जमानत मिलने के बाद भी घायल पीडित को शाॅम छे बजे के बाद थाने से छोडा गया, जबकि जमानत चार बजे हो गयी थी, पीडित के रिश्तेदार तमाम रिक्वेस्ट कर रहे थे कि साहब सर में घाव बहुत हैं चोटिल ब्यक्ति की हालत काफी गंभीर है, किन्तु वहाँ कोई नही सुन रहा था, जब अधिक प्रयास करते तो उनको गालियां खाना पडता, जब ये देखकर परिजन तंग हो गये तो फिर पत्रकार के पास फोन किया,और पत्रकार ने एस आई के पास फोन कर क्यो न छोडने की जानकारी ली तो बताया की अभी मै बाहर हूँ एक घंटे बाद जाकर छोड दूंगा, फिर लगभग छे बजे के बाद उन्हे छोडा गया, उसके बाद घर के परिजन प्राइवेट क्लिनिक में उसका इलाज करवाया फिर लगभग 1 बजे रात में घर पहुंचे, ये श्रावस्ती थाना सोनवा के पुलिस के न्यायिक कार्यकारिणी है, आप देख सकते हैं पीडित का हाल, और निर्दोष की पिटाई का निशान
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