रिपोर्ट : वसीम अहमद
रुपईडीहा बहराइच। भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में गत मंगलवार की रात से अनवरत मूसलाधार बारिश के कारण पानी से रुपईडीहा कस्बे में मेन हाईवे, बजाजा मार्केट तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें तलाब का रुप धारण कर लिया है। भारत नेपाल सीमा से सटा ब्लॉक नवाबगंज क्षेत्र में पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। अधिक तर ग्राम पंचायतों की सड़कें तलाब में तब्दील हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के दावे फेल हैं। गांवों में खड़ंजा,नाली निर्माण व मिट्टी पटाई लगता है कागजों में ही हुई है। ग्राम पंचायत केवलपुर में कुछ कार्य संतोष जनक है। परंतु इससे सटी गांव सभा सहजना के मजरे निबिया, मनवरिया, लहरपुरवा व सितापूरवा के जनमार्ग चलने लायक नही है। इन गांवों के जनमार्गो पर हुए जलभराव में विकास की सारी पोल खोल दी है। यही हाल नेपाल सीमा से सटी गांव सभा गोकुलपुर, पचपकरी व रंजीतबोझा की है। कमोबेश ब्लॉक की सभी 70 गांव सभाओं की पगडंडियां व जनमार्ग विकास की पोल खोल रहे हैं। रुपईडीहा कस्बे के व्यापार ठप है। पांच दिनों से 75 प्रतिशत व्यापारियों ने शटर ही नही उठाये। नेपाली ग्राहक पांच दिनों से बाजार में दिखाई नही दिए। रुपईडीहा कस्बे का बजाजा मार्केट, मालगोदाम रोड तो चलने लायक नही रह गया। रुपईडीहा कस्बे से नेपालगंज जाने वाली एनएच 927 के दोनो ओर बने नालों में पानी ही नही पहुंच रहा है। इसलिए इस रोड पर तलाब का रुप धारण कर लिया है।
नेपाली जिला बांके व बर्दिया भी अविरल वर्षा से प्रभावित।
नेपाल के बांके के जिलाधिकारी सूर्य बहादुर खत्री के नेतृत्व में एक दल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जाना चाहता था। परंतु अधिक जलभराव व पानी होने के कारण खडै़चा से ही वापस आ गये। जिलाधिकारी ने कहा कि राप्ती नदी खतरे का निशान पार कर चुकी है। उन्होंने बताया कि जिले की डुडुवा गांव सभा के रामनगर पाझा, टेपरी पाझा, छीटूपुरवा पाझा आदि गांवों में पानी भर गया है। वहां से 2 सौ 50 लोगो को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि घरों में पानी भर जाने के बावजूद मानवीय व जानवरों की क्षति नही हुई है।
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