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Sunday, March 23, 2025 8:08:19 PM

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- भारत की विशाल जनसंख्या, राष्ट्र निर्माण का एक साधन हो सकती है, युवाओं के साथ-साथ पेंशनभोगी और अन्य वरिष्ठ नागरिक भी एक मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान दे सकते हैं

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- भारत की विशाल जनसंख्या, राष्ट्र निर्माण का एक साधन हो सकती है, युवाओं के साथ-साथ पेंशनभोगी और अन्य वरिष्ठ नागरिक भी एक मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान दे सकते हैं

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में “नौ साल सेवा के 2014-2023 डीओपीपीडब्ल्यू” पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह, ने कहा कि भारत में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वह न केवल स्वस्थ और फिट हैं बल्कि एक विकसित राष्ट्र के रूप में भारत के ‘विजन-2047’ में योगदान करने के लिए प्रशासनिक और अपने क्षेत्र के विशाल अनुभवों से भरपूर हैं

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि भारत की बड़ी आबादी राष्ट्र निर्माण का साधन हो सकती है। युवाओं के अलावा सेवानिवृत्त नागरिक और अन्य वरिष्ठ नागरिक भी एक मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान दे सकते हैं।

 

यहाँ विज्ञान भवन में “पेंशन एवं पेंशन भोगी कल्याण विभाग के नौ साल” के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की 70 फीसदी आबादी अगर 40 साल से कम उम्र की है तो, यह भी एक नई सच्चाई है कि वास्तविक भारत में 60 से अधिक उम्र के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वे न केवल स्वस्थ और कुशल हैं, बल्कि भारत के ‘विजन-2047’ में योगदान करने के लिए प्रशासनिक और अपने क्षेत्रों विशाल अनुभव से भरपूर हैं। उन्होंने कहा- भारत में पेंशन पाने वाले कर्मचारियों की संख्या सेवारत कर्मचारियों की तुलना में अधिक है और सेवानिवृत्ति के बाद भी उनकी बहुमूल्य सेवाएं ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकती हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि उभरती सामाजिक जरूरतों के दबाव में 2014 से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई में पेंशन के नियमों और विनियमों में क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि डीओपीपीडब्ल्यू ने न केवल सेवारत/सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए कई लाभकारी कदम उठाए हैं बल्कि, पेंशन भोगियों के जीवन को आसान बनाने के लिए भी काम किया है और ‘डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट’ इस दिशा में एक और कदम है। उन्होंने बताया कि नवंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र ‘जीवन प्रमाण’ ऑनलाइन जमा करने के लिए एक आधार आधारित योजना ‘जीवन प्रमाण’ शुरू की गई थी ताकि पेंशन भोगियों के लिए अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करते समय पारदर्शिता और ‘सुविधाजनक जीवन’ सुनिश्चित किया जा सके।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि पेंशन विभाग ने 2022 के नवंबर से फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से राष्ट्रव्यापी डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अभियान शुरू किया है, जिसके परिणामस्वरूप 30, लाख पेंशन भोगियों ने अपना जीवन प्रमाणपत्र डिजिटल माध्यम से जमा किया है। उन्होंने डीओपीपीडब्लू को भारत सरकार में फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने वाला पहला विभाग बनने के लिए बधाई भी दी।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कई मानवीय पेंशन संबंधी नीतिगत बदलावों की ओर भी इशारा किया जैसे मृतक सरकारी कर्मचारी/पति/पत्नी की आश्रित तलाकशुदा बेटी को पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र बनाया जाना, 7 साल की सेवा पूरी करने से पहले किसी कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में अंतिम आहरित वेतन के 50 प्रतिशथ की दर से पारिवारिक पेंशन, मृत सरकारी कर्मचारी/पेंशन भोगी के बच्चे को पेंशन का पात्र बनाने का आदेश, यदि वह मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित है, जीवन भर पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का पात्र बनाया जाना, यदि पारिवारिक पेंशन के अलावा अन्य स्रोतों से उसकी कुल आय सामान्य दर पर पारिवारिक पेंशन से कम है। इसके अलावा तलाक शुदा बेटियों और दिव्यांगों के लिए पारिवारिक पेंशन प्रावधान में छूट भी शामिल है।

 

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर विभाग ने सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारियों के अनुभवों को प्रदर्शित करने के लिए “अनुभव” नामक एक पोर्टल भी लॉन्च किया है, जो अब हमारे लिए एक बड़ा संसाधन बन गया है। विभाग ने न केवल पेंशन अदालतों की अवधारणा पेश की है बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डिजिटल अदालतों का संचालन करने के लिए प्रौद्योगिकी का भी लाभ उठाया है।

 

पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग, के सचिव श्री वी श्रीनिवास ने अपने संबोधन में कहा कि डीओपीपीडब्ल्यू ने बैंकरों के लिए जागरूकता कार्यक्रम की एक श्रृंखला शुरू की है ताकि बैंक के पेंशन संभालने वाले फील्ड पदाधिकारियों को नवीनतम पेंशन नियमों/प्रक्रियाओं में सुधार और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा पारदर्शिता, डिजिटलीकरण और सेवा वितरण के सरकार के उद्देश्य के अनुरूप ‘भविष्य’ प्लेटफार्म पेंशन-प्रसंस्करण और भुगतान का एंड टु एंड डिजिटलीकरण सुनिश्चित किया है। सेवानिवृत्त व्यक्ति द्वारा अपने कागजात ऑनलाइन दाखिल करने से लेकर इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में पीपीओ जारी करने और डिजीलॉकर में जाने तक, इस मंच ने सरकार की पूर्ण पारदर्शिता और दक्षता के इरादे को प्रदर्शित किया है। भविष्य मंच एक एकीकृत ऑनलाइन पेंशन प्रसंस्करण प्रणाली है जिसे केंद्र सरकार के सभी विभागों के लिए 01.01.2017 से अनिवार्य कर दिया गया है।

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