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Thursday, March 27, 2025 4:42:13 PM

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श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने शिक्षा, एफएलएन, डिजिटल पहल, अनुसंधान और कौशल विकास में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को प्रदर्शित करने वाली मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने शिक्षा, एफएलएन, डिजिटल पहल, अनुसंधान और कौशल विकास में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को प्रदर्शित करने वाली मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

‘आजीवन शिक्षण के लिए आधार तैयार करना’: मूलभूत साक्षरता और अंक ज्ञान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आज से शुभारंभ

एफएलएन की सुविधा प्रदान करने वाले वातावरण के निर्माण में राज्यों की सर्वोत्तम कार्य-प्रणालियों की पहचान करने और उन पर विचार-विमर्श करने के अवसर प्रदान करने हेतु सम्‍मेलन का आयोजन

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने शिक्षा, एफएलएन, डिजिटल पहल, अनुसंधान और कौशल विकास में सर्वोत्तम कार्य-प्रणालियों को प्रदर्शित करने वाली मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में गूगल, यूनिसेफ, एनएसडीसी, एनसीईआरटी, नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडियन नॉलेज सिस्टम डिवीजन (आईकेएस), स्टार्टअप पहल और सभी राज्य सरकारों सहित 100 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। यह प्रदर्शनी 19 जून, 2023 को छोड़कर, 17 से 22 जून, 2023 तक स्थानीय संस्थानों, छात्रों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के लिए खुली रहेगी।

मूलभूत साक्षरता और अंक ज्ञान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का भी आज पुणे में शुभारंभ हुआ। शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इस सम्मेलन में अपना उद्घाटन संबोधन दिया।

इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री चंद्रकांत पाटिल, महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा मंत्री श्री दीपक केसरकर, डीओएसई एंड एल के सचिव श्री संजय कुमार, अभिनेता, फिल्म निर्माता और भाषा विशेषज्ञ डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी और शिक्षा मंत्रालय एवं राज्य शिक्षा विभागों के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान की समझ के साथ पढ़ने में दक्षता के लिए राष्ट्रीय पहल यानी निपुण भारत अभियान पर प्रकाश डाला, जो समयबद्ध (2026-27) तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर देता है।

श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह सम्मेलन किस प्रकार से उन सभी सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों की पहचान करने और चर्चा करने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा जो युवा शिक्षार्थियों में मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान की सुविधा प्रदान करने वाले वातावरण का निर्माण करने के लिए राज्यों द्वारा अपनाई जा रही हैं। उन्होंने विशेषज्ञों के ज्ञान से होने वाले लाभों पर भी प्रकाश डाला जिन्होंने अपने अमूल्य ज्ञान और अनुभव को साझा किया।

उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे जी-20 शिक्षण कार्यकारी समूह की बैठकों ने प्रौद्योगिकी-सक्षम शिक्षण, कौशल और भविष्य के कार्य क्षेत्रों में दुनिया भर से कुछ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और अनुसंधान को मजबूत करते हुए नवाचार को बढ़ावा देने में सहायता की है। उन्होंने उल्‍लेख किया कि वर्तमान कार्यकारी समूह की बैठक भारत की जी-20 अध्यक्षता पर अधिक जागरूकता के साथ-साथ एफएलएन कौशल की सार्वभौमिक प्राप्ति के प्रति हमारे संकल्प को नवीनीकृत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करने का एक उपयुक्त क्षण है।

श्री चंद्रकांत पाटिल ने बहुभाषावाद को उस कुंजी के रूप में रेखांकित किया जो हमें दुनिया में बढ़ती विविधता के माध्यम से नेविगेट करने में सशक्त बनाती है। उन्‍होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में व्यापक रूप से वर्णित अपनी विविध भाषाई पृष्ठभूमि को पहचानते हुए इस बहुभाषी दुनिया में सही मार्ग चुनने का कौशल सिखाने की आवश्यकता है।

श्री संजय कुमार ने पूरे देश में जी-20 कार्यकारी समूह की बैठक के माध्‍यम से व्‍यापक स्‍तर पर जन-भागीदारी कार्यक्रमों की सराहना की, जिसने भारत में एफएलएन, एनईपी और जी-20 के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाई है। उन्‍होंने कहा कि देश में यह एक ऐसा अभियान है जिसने 4 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई है।

इस प्रदर्शनी में महाराष्ट्र, गुजरात, असम और झारखंड राज्यों की मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता में सर्वोत्तम कार्य-प्रणालियों को प्रदर्शित किया गया।

स्कूली शिक्षा के अपर सचिव श्री विपिन कुमार ने दिन के कार्यक्रमों के संचालन में शामिल सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

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