Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Saturday, March 22, 2025 5:50:11 AM

वीडियो देखें

जैड प्लस सुरक्षा में डैमोक्रेसी

जैड प्लस सुरक्षा में डैमोक्रेसी

रिपोर्ट : राजेन्द्र शर्मा

किसी न सच ही कहा है — सब को कोई संतुष्ट नहीं कर सकता है। मोदी जी के विरोधियों को संतुष्ट करना तो और भी मुश्किल, बल्कि नामुमकिन ही है। बताइए! पहले रात-दिन इसकी शिकायत करते थे कि मोदी जी प्रेस का सामना क्यों नहीं करते हैं। नौ साल हो गए, मोदी जी ने एक बार प्रेेस कान्फ्रेंस नहीं की। सारा मीडिया तो जेब में है, फिर भी छप्पन इंच की छाती के दावेदार को, प्रेस के सामने आने से डर क्यों लगता है, वगैरह, वगैरह। और अब जब मोदी जी ने प्रेस का सामना कर के दिखा दिया और इंडिया वाली गरीब, लाचार टाइप प्रेस का नहीं, वर्ल्ड लेवल की दादा टाइप की प्रेस का सामना कर के दिखा दिया, तो प्रेस का सामना करने के लिए थैंक यू करने की जगह, कह रहे हैं कि कुल जमा एक सवाल का जवाब दिया और वह भी टेलीप्रॉम्प्टर के भरोसे! एक सवाल, उसका भी जवाब टेलीप्रॉम्प्टर से, ये व्हाइट हाउस की प्रेस कान्फ्रेंस भी कोई प्रेस कान्फ्रेंस है, लल्लू!

 

और बात सिर्फ टेलीप्रॉम्प्टर की ही होती तो फिर भी गनीमत थी। प्रेस कान्फ्रेंस का टॉपिक ही छोडक़र भाई लोग, अब इकलौते सवाल के मोदी जी के रटे-रटाए जवाब के पीछे पड़ गए हैं। कह रहे हैं कि मोदी ने अमरीका में कहा कि डैमोक्रेसी हमारे डीएनए में है, हमारी रग-रग में, हमारी स्पिरिट है, उनके नये इंडिया में किसी तरह का भेदभाव नहीं है, वगैरह। पर जो डैमोक्रसी डीएनए में, रग-रग में है, स्पिरिट में है, वह मोदी जी के नये इंडिया में दूर-दूर तक कहीं नजर क्यों नहीं आती है? उल्टे अमृतकाल में सेंगोल वाले राज्याभिषेक के बाद तो लोगों ने मोदी सल्तनत की स्थापना की बातें करनी शुरू कर दी हैं। और जो भेदभाव कहीं है ही नहीं, न धर्म का, न जाति का, न लिंग का, न क्षेत्र का, न भाषा का, वह भेदभाव ही क्यों हर जगह और हर समय दिखाई देता है! जो मोदी जी के हिसाब से है, वो ही अदृश्य है और नहीं है, वही-वही हर तरफ दिखाई देता है; मोदी जी यह आपका अमृतकाल है या माया जाल है! जी का जंजाल तो खैर है ही!

 

अब इन विरोधियों को मोदी जी कैसे समझाएं कि डैमोक्रेसी दिखाई नहीं देती है, दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती है, इसका मतलब यह तो नहीं है कि डैमोक्रेसी है ही नहीं। अयोध्या में राम का जन्मस्थान किसी ने देखा था, नहीं ना! पर था। उसके होने से इंकार करने की किसी की हिम्मत है? वह तो स्पिरिट में है। और अयोध्या भी क्यों जाएं, हवा को ही ले लीजिए। दिखाई तो नहीं देती है, पर होती तो है। सच यह है कि जो चीज ज्यादा गहरी हो जाती है, वह दिखाई देना बंद हो जाती है, पर गहराई में एकदम सुरक्षित रहती है। मोदी जी ने डैमोक्रेसी को इतनी सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया है, जहां से कोई उसे छू भी नहीं सकता है। मोदी जी डैमोक्रेसी की कीमत अच्छी तरह समझते हैं, सो उसकी सुरक्षा का पक्का इंतजाम किया है और उसे सात तालों की जैड प्लस सुरक्षा में, डीएनए की तिजोरी में बंद कर के रखा है, जहां से न चोर उसे चुरा सकता है, न आग जला सकती है, न पानी गीला कर सकता है, वगैरह। भेदभाव का मामला इससे ठीक उल्टा है। मोदी जी के नये इंडिया ने उसे भीतर से एकदम से उगल कर, खुद को अंदर तक पूरी तरह स्वच्छ कर लिया है और भेदभाव गंदगी की तरह ऊपर-ऊपर तैरता दिखाई दे रहा है।

 

अमृतकाल का भी पूरा साल होने आ गया और मोदी जी के विरोधी अच्छे दिनों का ही इंतजार कर रहे हैं। ये तो अच्छे दिन का आना भी तभी मानेंगे, जब इन्हें अच्छे दिन दिखाई देंगे। खुद देखने पर इतना विश्वास और एक सौ चालीस करोड़ के पीएम की बात पर जरा भी विश्वास नहीं — यह भी अगर विपक्षियों की एंटीनेशनलता नहीं है तो और क्या है?

 

व्यंग्यकार वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक ‘लोकलहर’ के संपादक हैं।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *