दिल्ली। हिंदू कालेज के 125 वें स्थापना दिवस पर आयोजित महोत्सव शृंखला में सोमवार को राजस्थान के पाटोंदा की प्रसिद्ध ढाई कड़ी की रामलीला का मंचन हुआ।
रामलीला का आयोजन विभिन्न दृश्यों में किया गया जिसकी शुरुआत गणेश वंदना के साथ हुई। “धन धन भारत शोभा धाम” शीर्षक भारत भूमि के गुणगान के बाद क्रमशः रावण मंदोदरी संवाद, लक्ष्मण मेघनाद युद्ध एवं लक्षण को शक्ति बाण लगने पर राम के विलाप और अंत में हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने के प्रसंग का भावपूर्ण मंचन किया गया। इस रामलीला मंचन में लोकेश दाधीच ने गणेश वंदना, धर्मवीर गोचर ने भारतमाता वंदना के बाद अभिनेताओं में बृजसुन्दर ने राम, दीनबंधु ने लक्ष्मण, वेदप्रकाश ने हनुमान, सुशील कुमार ने लंकापति रावण, रामेश्वर कटारिया ने मंदोदरी, रामप्रसाद ने मेघनाथ, चौथमल ने सुषेण वैद्य, संदीप ने कालनेमि, मुकुट ने मकरी, धर्मवीर ने भरत का अभिनय किया।
अन्य सहायक कलाकारों और नेपथ्य सहयोगियों में बृजराज,अमरलाल, श्रवण, सज्जन, देवकीनंदन, चेतन नागर और इंद्रजीत थे।
प्रारंभ में हिंदू कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अंजू श्रीवास्तव, उप प्राचार्य डॉ. रीना जैन, महोत्सव शृंखला के संयोजक डॉ. रामेश्वर राय एवं कॉलेज की प्रधानमंत्री मधुलिका ने दीप प्रज्वलन किया।
रामलीला के संयोजक डा पल्लव ने कलाकार परिचय दिया। उन्होंने बताया कि पाटोंदा की इस लोक रामलीला का आयोजन विगत 160 वर्षों से अनवरत हो रहा है। इसकी खास बात यह है कि इसमें कदम कर रहे सभी कलाकार खेतों में हल चलाने वाले मिट्टी की सुगंध से जुड़े अनगढ़ कलाकार हैं।
हाड़ौती और डिंगल की मिश्रित बोली में गाए छंदों और लोक संगीत की इस प्रस्तुति को अनूठा बनाते हैं।
अयोजन के अंत में प्राचार्य डॉ. अंजू श्रीवास्तव द्वारा सभी कलाकारों को स्नेहिल भेंट प्रदान कर कृतज्ञता ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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