Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Sunday, July 6, 2025 1:04:47 PM

वीडियो देखें

केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा 4 मार्च 2024 को आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), असम के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करेंगे

केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा 4 मार्च 2024 को आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), असम के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करेंगे

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा 4 मार्च 2024 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), असम के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करेंगे। यह निम्नलिखित अधिदेशों और उद्देश्यों के साथ एक व्यवस्थित अनुसंधान, शिक्षण विस्तार के माध्यम से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र – कृषि अनुसंधान और विकास में प्रगति की दिशा में एक मील का पत्थर पहल होगी।

अधिदेश:

दक्षिण पूर्व एशिया में उच्च कृषि शिक्षा में शिक्षण संस्थान के रूप में कार्य करना
उत्तर-पूर्व भारत के उच्च मूल्य वाले जैविक संसाधनों का संरक्षण और उपयोग करना और विशेष गुणों वाली फसल और पौधों के जीन प्ररूप में सुधार करना।
अम्लीय मिट्टी का प्रबंधन करना और उत्तर-पूर्व भारत की अम्लीय मिट्टी में उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित करना।
जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने हेतु प्रमुख फसल प्रणाली के लिए जैविक खेती मॉड्यूल को विकसित करना।
स्वदेशी मछली और पशु संसाधनों के लिए उत्पादन तकनीक को विकसित करना।
कृषि को अधिक लाभदायक और संरक्षित बनाने के लिए ग्रामीण उद्यमिता और व्यावसायीकरण को प्रोत्साहन देना।
उद्देश्य:

I) शिक्षा:

उत्कृष्टता को बढ़ावा देना, समग्र कृषि विकास के लिए उच्च मानक अनुसंधान को बढ़ावा देना और शैक्षिक कार्यक्रम को दक्षिण-पूर्व एशिया में भविष्य की आवश्यकताओं और अवसरों के अनुकूल बनाना। पॉलिटेक्निक शिक्षण के अनुसार विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के माध्यम से क्षेत्र में कृषि के व्यावसायीकरण के लिए उद्यमशीलता कौशल को प्रोत्साहन देने के लिए औपचारिक/गैर-औपचारिक प्रशिक्षण को सुदृढ़ करना।

II) अनुसंधान:

अनुसंधान कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर-पूर्व क्षेत्र में विशिष्ट कृषि चुनौतियों और अवसरों का समाधान करना है।
क्षेत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए जैव संसाधनों के उचित पुनरावर्तन के माध्यम से एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल को विकसित करना।
ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बागवानी और पशुपालन आधारित विविध कृषि प्रणाली मॉड्यूल को विकसित करें।
कृषि आय बढ़ाने और कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त खाद्य इंजीनियरिंग प्रोटोकॉल का उपयोग करके प्रभावी कटाई उपरांत प्रबंधन और मूल्य संवर्धन।
III) आउटरीच:

नवोन्वेषी विस्तार मॉडल बनाए, उन्हें विकासात्मक मॉडलों के साथ जोड़ें, और उनका प्रचार-प्रसार केवीके, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और उत्तर-पूर्व भारत के विभिन्न राज्यों के राज्य कृषि विस्तार और अन्य विकास विभागों के माध्यम से करें। सहभागी दृष्टिकोण के माध्यम से ग्राहक उन्मुख ऑन-फार्म/फार्म नवाचार अनुसंधान और प्रौद्योगिकी मूल्यांकन, शोधन और हस्तांतरण को अभिसरण मोड पर प्रोत्साहन देना।

आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) दिरपई चापोरी, गोगामुख, धेमाजी, असम में सुबनसिरी नदी के किनारे बनाया गया है। यह संस्थान 587 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है यहां विभिन्न अनुसंधान, विस्तार और शिक्षण गतिविधियों के संचालन के लिए पर्याप्त स्थान है।

आईएआरआई, असम की शैक्षणिक यात्रा का शुभारंभ 26 मई, 2017 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए शिलान्यास समारोह से होता है। इस कार्य ने भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए कृषि अनुसंधान में व्यवस्थित शिक्षण की शुरुआत की। संस्थान का लक्ष्य कुशल कृषि प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए व्यवस्थित अनुसंधान करना है जो क्षेत्र में ‘दूसरी हरित क्रांति’ लाने में योगदान दे सके। संस्थान का मुख्य उद्देश्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में व्यापक कृषि विकास के लिए शिक्षा,अनुसंधान और सुलभता है। इन प्रयासों से क्षेत्र में कृषि क्षेत्र की उत्पादकता, स्थिरता और पूर्ण विकास में वृद्धि की संभावना है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), असम दक्षिण-पूर्व एशिया में उच्च कृषि शिक्षा का केंद्र बनने की महत्त्वाकांक्षा रखता है।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *