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Saturday, July 5, 2025 3:56:35 AM

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गोष्ठी, हस्ताक्षर अभियान और स्क्रीनिंग कैम्प लगाकर मनाया गया विश्व उच्चरक्त चाप दिवस

गोष्ठी, हस्ताक्षर अभियान और स्क्रीनिंग कैम्प लगाकर मनाया गया विश्व उच्चरक्त चाप दिवस

जनपद की स्वास्थ्य इकाइयों पर आयोजित हुए विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रम

बहराइच 17 मई। विश्व उच्चरक्त चाप दिवस के अवसर पर सीएमओ कार्यालय सहित जिले की अन्य स्वास्थ्य इकाइयों पर गोष्ठी, हस्ताक्षर अभियानख् स्क्रीनिंग कैम्प सहित अन्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया गया। सीएमओ कार्यालय सभागार में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए सीएमओ डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाने का उद्देश्य हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करना है। हाइपरटेंशन को हाई बीपी भी कहा जाता है। डॉ. कुमार ने बताया कि उच्चरक्तचाप के खतरों से लोगों को आगाह किये जाने के उद्देश्य प्रत्येक वर्ष 17 मई उच्चरक्त चाप दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सीएमओ ने कहा कि कभी भी हाइपरटेंशन का दुष्प्रभाव विकराल रूप ले सकता है ऐसे में बेहद जरूरी होता है कि लोक इसके कारण को समझे। हाइपरटेंशन का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल है। इसके अलावा नींद की कमी, मोटापा, ऑयली चीजें ज्यादा खाना, अधिक नमक खाना ये सब चीजें भी हारपरटेंशन को बुलावा देती हैं। आज कल के युवा लोगों को ज्यादा काम करना पसंद नहीं आता। उन्हें सिर्फ आराम की लाइफ जीना है, जिस वजह से उन्हें बीपी की बीमारी घेर लेती है और आगे चलकर यही खराब स्वास्थ्य का कारण बनती है। आज की युवा पीढ़ी टेंशन कम करने के लिए शराब, सिगरेट आदि मादक पदार्थों का सेवन करते हैं। इसी वजह से वह हाइपरटेंशन जैसी बीमारी के शिकार हो जाते हैं।
एनसीडी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. संजय सोलंकी ने बताया कि हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर को श्साइलेंट किलरश् कहा जाता है। यह खुद गंभीर समस्या नहीं है लेकिन इसकी वजह से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन हेमरेज, किडनी फेल होना जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याओं का खतरा होता है। चिंता की बात यह है कि बहुत से लोग हाई बीपी की समस्या को गंभीरता से नहीं लेते हैं क्योंकि उनके पास पूरी जानकारी नहीं है। इसके लक्षणों की शुरुआत में पहचान नहीं हो पाती है जिसकी वजह से रोगी समय पर इलाज नहीं करा पाते हैं।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. पी. तिवारी ने कहा कि 120/80 मिमी एचजी से कम ब्लड प्रेशर की संख्या नॉर्मल रेंज मानी जाती है। 130 से ऊपर जाना ज्यादा सीरियस नहीं है लेकिन अगर यह 140/90 हो जाय तो यह कंडीशन हाइपरटेंशन मानी जाती है। उन्होंने बताया कि ब्लड प्रेशर बढ़ने की दो वजह हैं जिसमें पहला कैलोरी का अधिक सेवन करना, जिससे मोटापा बढ़ता है और हाई बीपी की समस्या होती है। दूसरा है नमक का अधिक सेवन। रोजाना 5 ग्राम तक नमक खाना चाहिए।
एनसीडी क्लीनिक के डॉ. अंशुमान सिंह श्रीनेत्र ने बताया कि वे लोग जो दिन में बहुत ज्यादा स्मोकिंग करते हैं उन्हें भी हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम हो सकती है। स्मोकिंग करने से ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं। इसके चलते ब्लड प्रेशर का लेवल हाई होने लगता है। बहुत ज्यादा अल्कोहल का सेवन करने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इतना ही नहीं हाई बीपी के मरीज अगर शराब का बहुत ज्यादा सेवन करते हैं तो उनपर ब्लड प्रेशर की दवाओं का असर भी कम होता है। लगातार और लंबे समय तक शराब पीने से क्रोनिक हाइपरटेंशन हो सकता है। क्रोनिक हाइपरटेंशन कोरोनरी आर्टरी की बीमारी का एक बहुत बड़ा खतरा है।
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. विजित जायसवाल ने कहा कि बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेना भी हाइपरटेंशन को बढ़ावा देता है। नींद की कमी से तनाव हार्माेन में वृद्धि हो सकती है, जो ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। उच्च रक्तचाप को प्राकृतिक रूप से ठीक करने के लिए डाइट का रोल भी बहुत खास होता है। अपने भोजन में फाइबर से भरपूर चीज़ें लें। प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज करें। मैग्नीशियम और ओमेगा -3 फैटी एसिड वाले फूड आइटम्स उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
विश्व उच्चरक्त चाप दिवस की जागरूकता के लिए जिला एनसीडी क्लीनिक पुराना सीएमओ कार्यालय भवन में एक माह तक स्वास्थ्य शिविर लगाकर मरीजों की उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि का परीक्षण कर उनकी काउंसलिंग और फिजियोथेरेपी सेवा भी प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर उपमुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पी के बांदिल, डीसीपीएम मोहम्मद राशिद, एफएलसी विवेक श्रीवास्तव, फहीम अहमद, डीडीईओ मो. हारून, एनसीडी क्लीनिक से फिजियोथेरेपी विशेषज्ञ डॉ. रियाजुल हक, परामर्शदाता पुनीत शर्मा, लैब टेक्नीशियन संतोष सिंह, नर्सिंग ऑफिसर बृज प्रकाश, स्वाती श्रीवास्तव के साथ मेंटल हेल्थ की टीम भी मौजूद रही।

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