रिपोर्ट : रियाज अहमद
बहराइच। आज मुझे यहाँ आकर बड़ी ख़ुशी महसूस हो रही है कि, कभी मैं ने भी यहीं से शिक्षा प्राप्त की, और मैं यह भी बताना चाहती हूँ। कि मेरी बुनियादी शिक्षा इसी कादिर मांटेसरी स्कूल की है। और हर शिक्षित व्यक्ति की तरक्की में उसकी बुनियादी शिक्षा का बड़ा महत्तव होता है।
उक्त विचार मुख्य अतिथि के रूप में आई कुमारी शाहजहाँ पुत्री शब्बीर अहमद बेग (रिटायर्ड सैनिक) ने कादिर मांटेसरी स्कूल में आयोजित एक सम्मान समारोह में व्यक्त किये।
शाहजहाँ ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मैं स्कूल के संस्थापक व प्रधानाचार्य श्री मो० कासिम उर्फ़ बब्लू भाई का मैं शुक्रिया अदा करती हूँ कि, उन्होंने इस क्षेत्र में स्कूल खोल कर गरीबो के लिए एक उत्तम शिक्षा की व्यवस्था की। मैं खुदा से दुआएं भी करती हूँ कि, यह स्कूल दिन प्रतिदिन विकास और उन्नति की डगर पर चले। स्कूल के संस्थापक व प्रधानाचार्य मो० कासिम ने सम्मान समारोह में आये सभी अतिथियों का स्वागत व अभिनन्दन करते हुए, कहा कि, मुझे आज अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। कि मेरे स्कूल से प्राइमरी शिक्षा प्राप्त कर चुकी शाहजहाँ आज अमेरिका के विश्वविधालय में शोध कर रही हैं। मैं समझता हूँ कि मेरा स्कूल खोलने का उद्देश्य और मकसद पूरा हो गया और मैं अपने मिशन में खुद को कामयाब समझता हूँ। और मैं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रार्थना करता हूँ। स्कूल के अध्यापक डाक्टर सुफयान ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बहराइच जैसे अत्यंत पिछड़े क्षेत्र से होने के बावजूद यदि कोई ठान ले, तो वह किसी भी क्षेत्र में जीत हासिल किये बिना नहीं रह सकता। इसका ताज़ा उदाहरण इस समय हमारे और आपके सामने कुमारी शाहजहाँ के रूप में मौजूद है, जिन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा इसी स्कूल से प्राप्त की, फिर देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक (B.Sc.) और दिल्ली विश्वविद्यालय से बायोमेडिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन (M.Sc.) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने गेट (लाइफ साइंस) जैसी प्रतियोगी परीक्षा पास की और अपने माता-पिता और क्षेत्र का नाम रोशन किया। इस समय, वह अमेरिका के पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में मानव आनुवंशिकी और विकास विषय पर शोध कार्य यानी पीएचडी कर रही हैं। आज उन्हीं के सम्मान में यह समारोह आयोजित किया गया है।
सम्मान समारोह में स्कूल के अध्यापक-गण के अलावा श्रीमती हमीदा बेगम, नुजहत बेगम, शाहीन मेम, मो. शफी सर, अम्मार सर, सलमा बेगम, फिरदौस, अल्फिशा, यास्मीन, शफीक अहमद बागबान, जमाल अजहर सिद्दीकी, डा मेराजुद्दीन, हाफ़िज़ मोहिउद्दीन, जियाउद्दीन, शादाब पत्रकार,
हनीफ नेता, मशकूर, नासिर, हाजा असद, पररवेज, हुमाम, रिजवान, जावेद अन्सारी, हनीफ, मजहर सईद, रफीक उर्फ मुन्ना, रेशमा, आसिफ आदि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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