दो विभागों की आपसी मतभेद चलते आमजन को हुई भारी दिक्कत
रिपोर्ट : रियाज अहमद
रूपईडीहा बहराइच।भारत नेपाल सीमा स्थित रुपईडीहा की लैंड कस्टम चेक पोस्ट ने भारत नेपाल सीमा को अकारण ही आज सुबह में लगभग 3 घंटे के लिए बंद कर दिया। सुबह 6:00 बजे से 9:30 बजे तक कस्टम का चेक पोस्ट बंद रहा। जिससे भारत नेपाल सीमा के दोनों तरफ के नागरिकों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्राप्त सूचना के अनुसार जब कस्टम बैरियर बंद किया गया, तो लोगों में अफरा तफरी का माहौल रहा। वह यह नही समझ पाए कि आखिर किस कारण से अचानक सीमा को बंद कर दिया गया है। यह खबर चारों तरफ फैल गई जब इस संबंध में रूपईडीहा कस्टम पर ड्यूटी कर रहे, कस्टम के सिपाही से पूछा गया कि आखिर आप आने जाने वाले लोगों को क्यों रोक रहे हैं, तो उसने बताया कि हमारे कस्टम इंस्पेक्टर का आदेश है, कि किसी वाहन को या कोई सामान लेकर नेपाल जाने वालो को न जाने दिया जाए वे लोग एसीपी से जाएं। इस संबंध में जब कस्टम के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई तो पता चला कि पूरा कस्टम कार्यालय सिर्फ एक ही सिपाही के बल पर चल रहा है, सिर्फ एक सिपाही की ड्यूटी कस्टम चेक पोस्ट पर थी उसने बताया सभी अधिकारी आईसीपी कार्यालय जा चुके हैं। यहां पर सिर्फ मेरी ड्यूटी है। तत्पश्चात कस्टम के इंस्पेक्टर से फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बताया की गाड़ियों के आवागमन में जो अधिसूचना हमको मिली है, उसमें हम लोगो में थोड़ा सा कंफ्यूजन है। इसलिए सीमा पर थोड़ी देर के लिए आवागमन रोक दिया गया था। उच्च अधिकारियों से बात करके कंफ्यूजन को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नेपाल से जो भारत नेपाल मैत्री बस सेवा चलती हैं। उस संबंध में आईसीपी के अधिकारियों एवं कस्टम के अधिकारियों में कुछ क्लियर नहीं हो पा रहा है। कि वह बस आईसीपी से जाएं या कस्टम बैरियर होकर जाए। क्योंकि आईसीपी माल वाहक गाड़ियों के लिए बनाई गई है, इसलिए सवारी बसों को पुराने रास्ते से यानी कस्टम कार्यालय होकर जाने दिया जा रहा था। इस पर लैंड पोर्ट अथॉरिटी ने ऑब्जेक्शन किया है, कि इन गाड़ियों को आईसीपी होकर ही भेजा जाए इसी के तहत भारत नेपाल सीमा पर लगी हुई एसएसबी ने उन गाड़ियों को कस्टम होकर के नेपाल जाने से रोक दिया। जबकि हमारे पास लिखित आदेश है कि सवारी गाड़ियों को पुराने रास्ते से ही जाने दिया जाए। इन्हीं कारणों से कुछ कंफ्यूजन है। जिसको क्लियर किया जा रहा है। जबकि विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि यह मामला लैंड कस्टम एसएसबी तथा आईसीपी के अधिकारियों के आपसी तनातनी के कारण उत्पन्न हुआ है, जो मैत्री बसें नेपाल से चलती हैं। आईसीपी के अधिकारी चाहते हैं, कि उन बसों को आईसीपी से होकर ही भेजा जाए। जबकि लैंड कस्टम चाहता है, क्योंकि यह सवारी गाड़ियां हैं। इसलिए इनको पुराने रास्ते यानी लैंड कस्टम होकर के ही जाने दिया जाए। दोनों विभागों की वर्चस्व की लड़ाई में जहां एक तरफ रूपईडीहा बाजार में व्यापारियों का करोड़ों का घाटा हो रहा है, वही आम जनमानस परेशान होता दिख रहा है। हद तो तब हो गई जब नेपाल से आई हुई एंबुलेंस गाड़ी को लैंड कस्टम रूपईडीहा के कर्मचारियों ने नेपाल नहीं जाने दिया और आईसीपी भेज दिया, और आईसीपी के कर्मचारियों ने वापस लैंड कस्टम भेज दिया। उसको 3 घंटे इंतजार करने के बाद नेपाल जाने दिया गया। भारत नेपाल सीमा पर लगे अधिकारियों को चाहिए कि, वे अपने आपसी मतभेद से नही नियमो के मुताबिक सीमा पर कार्य करे, जिससे आमजन को किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
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