रिपोर्ट : रियाज अहमद
बहराइच। नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने अभियुक्त को बीस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्त को 50 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। रूपईडीहा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने 30 जून 2022 को थाने पर तहरीर देकर रूपईडीहा के सुजौली गांव निवासी लुकई उर्फ अजमत के विरुद्ध उसकी 7 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना का मुकदमा पंजीकृत कराया था। पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदम दर्ज कर विवेचना शुरू किया था। विवेचना अधिकारी व थाने के प्रभारी निरीक्षक श्रीधर पाठक ने मुकदमें में पीड़िता का बयान व अन्य साक्ष्यों को एकत्रित कर आरोप पत्र सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया था। एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि पुलिस महानिदेश लखनऊ के निर्देशन में चलाए जा रहे आपरेशन कन्विक्शन के तहत त्वरित कार्रवाई के लिए विषेश शासकीय अधिवक्ता पाक्सो संत प्रताप सिंह और विशेष लोक अभियोजक पाक्सो संतोष सिंह व थाने के पैरोकार की प्रभारी पैरवी के तहत शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो दीपकांत मणि की कोर्ट पर मुकदामें में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अभियुक्त लुकई पर दोष सिद्ध करते हुए बीस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्त को 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित भी किया है। अर्थदंड अदा न करने की स्थित में अभियुक्त को तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
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