रिपोर्ट : रियाज अहमद
बाबागंज बहराइच। विकास खण्ड नवाबगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत विशुनापुर में जहां पति कोट़ेदार, तो वहीं धर्म-पत्नी ग्राम प्रधान है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई शिकायती पत्र, सक्षम अधिकारियों सहित मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश शासन के पास भेजा गया है। जबकि शासनादेश के अनुसार एक ही परिवार के सदस्य ग्राम प्रधान व कोट़ेदार नहीं हो सकते हैं। लेकिन संबंधित विभाग अपनी खाऊ-कमाऊ नीति के तहत शासनादेश के विपरीत अवैध रूप से चलवाईं जा रही उक्त कोट़े की दुकान पर कार्यवाही से बिल्कुल परहेज कर रहे हैं। राम बहोरी, तेजी, राम प्रजापति, आत्मा राम वर्मा आदि ग्रामीणों ने बताया कि, कोटेदार रहते, मो. हनीफ ने अपनी अर्धांगिनी श्रीमती महरून निशा को प्रधानी का चुनाव लड़ाया, और ग्रामीणों को फ्री राशन आदि का प्रलोभन देकर चुनाव जीत लिया। लेकिन उक्त कोटेदार ने पीडीएस दुकान से स्तीफा नही दिया। जबकि इन बातों से सम्बन्धित विभाग वाकिफ भी है, और पूर्ण जानकारी होने के बावजूद आपूर्ति विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है। ग्रामीणों के विरोध व शिकायत के बाद भी स्थानीय अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। वहीं राशन कार्ड धारकों का कहना है कि, प्रधान प्रतिनिधि कोटेदार मो. हनीफ इसी दबंगई के बिना पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में घटतौली कर काफी धांधली करता है। वहीं पंचायत चुनाव में अन्य प्रत्याशियों के रहे समर्थकों से चुनावी रंजिश रखने की वजह से उन उपभोक्ताओं से अभर्तता के साथ पेश आना आम बात है, तथा प्रत्येक कार्ड धारक लाभार्थियों से 1 यूनिट की, कटौती कर 5 किलो खाद्यान्न प्रति राशन कार्ड कम दिया जाता है, जबकि अंत्योदय लाभार्थी को मात्र 30 से 31 किलो ही खाद्यान्न दिया जाता है। पिछले 2 माह से लाभार्थियों के अंगूठे तो, मशीन में लगवा लिये जा रहे हैं, लेकिन खाद्यान्न का वितरण नहीं किया जा रहा है। बराबर शिकवा-शिकायत पर भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। राशनकार्ड धारकों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली शासनादेश के दिशानिर्देशों के तहत कोटे की दुकान तत्काल प्रभाव से निरस्त कर, नई दुकान का चयन कराए जाने की मांग, जिमेदार अधिकारियों से की है। इस सम्बंध में जब, पूर्ति निरीक्षक नवाबगंज नितिन पटेल से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान के परिवार का, कोई भी सगा सम्बन्धी सदस्य कोटेदार नही रह सकता है।
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