रिपोर्ट : रियाज अहमद
बहराइच। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मुर्तिहा रेंज में स्थित प्राचीन मजार सैय्यद हासिम शाह उर्फ लक्कड़ शाह की मजार पर इस वर्ष भी सालाना उर्स के मौके पर मेला लगने की अनुमति प्रशासन ने नही दी। जबकि मजार पर होने वाले वार्षिक उर्स के साथ मेला लगने की भी परंपरा रही है, लेकिन कोविड महामारी के समय यहां पर मेला लगने पर रोक लगा दिया गया था। जिसके बाद से अब वन विभाग द्वारा हर वर्ष मेला पर पाबंदी की जाती है। वन विभाग ने इस वर्ष भी मेला लगाने पर रोक लगाई है। वन रेंज अधिकारी मुर्तिहा रत्नेश यादव ने बताया कि जायरीनों को जियारत व परंपरागत रीति रिवाज मनाने की पूरी अनुमति रहेगी, लेकिन लंगर बनाने व दुकानें लगाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। प्रशासन के अड़ियल रवैये से लक्कड़ शाह पर पहुंचने वाले जायरीन के चेहरों पर मायूसी दिखी। इस मामले को लेकर पूर्व राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार बंशीधर बौद्ध व इंडीया गठबंधन लोक सभा बहराइच प्रत्याशी रहे रमेश गौतम ने जब जिलाधिकारी सहित वन विभाग के आलाधिकारियों से वार्ता की, तब जाकर जायरीनों को कुछ राहत मिली। फिलहाल वन विभाग के सख्त रवैये से जायरीनों में अफरा तफरी रही।
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