बिहार में मधुबनी के रुद्रपुर थाना प्रभारी पर बेकसूर शख्स को जेल में रखने के मामले में दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. थानेदार किशोर कुणाल झा के एससी-एसटी एक्ट के स्पेशल जज ने बेकसूर शख्स को जेल में रखने के मामले में दोषी करार देते हुए ये जुर्माना लगाया है. एससी-एसटी एक्ट के स्पेशल जज एडीजे इशरतुल्लाह ने थानेदार को कड़ी फटकार लगाते हुए आदेश पारित किया.कोर्ट ने इस आदेश से एसपी को अवगत कराते हुए दारोगा किशोर कुणाल झा के वेतन से दो लाख रुपये काटने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही दारोगा के इस कारनामे को सीनियर पुलिस अधिकारी को भी अवगत कराने को कहा है.बता दें कि दारोगा की लापरवाही के कारण रुद्रपुर थाना क्षेत्र के बटसार सिसौनी निवासी अशोक सिंह को बेवजह मंडल कारा में कैद रहना पड़ा था. अशोक के अधिवक्ता ने 90 दिनों से अधिक जेल में रहने के बाद भी उसके खिलाफ चार्जशीट नहीं आने के बाद कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की तब मामले का खुलासा हुआ.कोर्ट ने जब कार्यालय से रिपोर्ट मांगी तब पता चला कि एससी-एसटी एक्ट एवं महिला से बदसलूकी मामले में कैद अशोक सिंह निर्दोष हैं. उसे अनावश्यक जेल में कैद रखा गया है.दरअसल 27 सितंबर 2018 को एक दलित महिला ने अशोक सिंह पर एफआईआर दर्ज करवाई थी. उसके खिलाफ जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए बदसलूकी करने का आरोप था. पीड़िता के बयान और केस में नामजद होने की बुनियाद पर थानेदार ने 27 सितम्बर 2018 को अशोक को गिरफ्तार कर लिया.अगले दिन कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया। 30 नवम्बर 2018 को एसपी ने अपनी रिपोर्ट में अशोक को निर्दोष पाते हुए कोर्ट में उसकी रिहाई का आवेदन देने को कहा लेकिन थानेदार ने नहीं दिया. लिहाजा बेकसूर शख्स को बेवजह जेल में रहना पड़ा.
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