बैठक में मजदूर विरोधी सरकार के खिलाफ एकजुट होने का लिया निर्णय
कोटा। प्रदेश भर में लाखों निर्माण मजदूर काम कर रहे हैं। मगर भाजपा सरकार इनकी कोई सुध नहीं ले रही। इन मजदूरों को कोई सुविधा समय पर नहीं मिल रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री व श्रममंत्री झूठा प्रचार कर मजदूरों को गुमराह कर रहे हैं। सरकार मजदूरों के पैसों पर कुंडली मार कर बैठी है। जो पैसा मजदूरों देना चाहिए, उस पर आपत्ति लगाकर लाभ से वंचित कर रही है। कोटा संभाग के पीपल्दा इटावा क्षेत्र के निर्माण मजदूर वर्ग आगामी लोकसभा चुनावों में मजदूर विरोधी सरकार के खिलाफ एकजुट होगा। यह बात निर्माण मजदूर यूनियन सीटू तहसील अध्यक्ष देवीशंकर महावर ने इटावा क्षेत्र के मजदूरों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार भले ही मजदूरों व गरीब तबके के लोगों के जीवन में सुधार लाने के दावे करे। लेकिन धरातल पर इसी तबके का सबसे अधिक शोषण किया जा रहा है। यूनियन द्वारा मुख्यमंत्री श्रम मंत्री ओर बोर्ड के अधिकारियों को निर्माण मजदूरों की मांगों व श्रमिक योजनाओं में भ्रष्टाचार रोकने के बारे में बार-बार ज्ञापन दिए गए। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है। परिवार पहचान पत्रों में खामियां व आधार मैचिंग के चलते नए श्रमिक तो दूर पुराने श्रमिकों का भी पंजीकरण, नवीनीकरण अधर में लटका हुआ है।
कल्याण बोर्ड के पैसे पर सरकार की नजर
सीटू महामंत्री इटावा मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि सीटू यूनियन पदाधिकारियों ने निर्माण मजदूरों से मुलाकात की। कहा कि श्रम मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री यह दावा कर रहे हैं कि मजदूरों के लिए करोड़ों रुपए राहत के तौर पर दिए गए हैं। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। वर्ष 2018 से श्रमिक योजना शुभशक्ति की सहायता राशि मजदूरों को नहीं मिली। शिक्षा कौशल योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि भी पिछले 3-4 सालों से नहीं दी जा रही है। भाजपा सरकार जहां श्रम कानूनों को बदलकर कारपोरेट घरानों के पक्ष में में लेबर कोड बना रही है, वहीं मजदूरों के कल्याण बोर्ड में जमा पैसों पर भी सरकार की नजर है।
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