यह अकल्पनीय है कि हमारी लोकतांत्रिक राजनीति में सरकार के मुखिया के तौर पर प्रधानमंत्री धमकाने और डराने वाली भाषा का इस्तेमाल करें
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिकायत की है. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कर्नाटक में एक चुनावी रैली में पीएम मोदी की तरफ से की गई टिप्पणी पर सख्त आपत्ति जताई है. कांग्रेस ने इस बाबत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह मोदी को इस बात के लिए आगाह कर दें कि वे अवांछित और धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इस तरह की भाषा उन्हें शोभा नहीं देती.पूर्व पीएम मनमोहन की ओर से 13 मई को राष्ट्रपति को लिखा गया यह पत्र सोमवार को मीडिया को जारी किया गया है. पत्र में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस नेताओं ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान हुबली में मोदी की तरफ से दिए गए उस बयान का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेताओं को सीमा लांघने के खिलाफ चेतावनी दी थी.पूर्व पीएम मनमोहन ने पत्र में लिखा है,”आदरणीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को आगाह करें कि वह कांग्रेस नेताओं या किसी अन्य दलों या व्यक्ति के खिलाफ इस प्रकार की अवांछित, डराने और धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इस तरह की भाषा प्रधानमंत्री के पद को शोभा नहीं देती है.”गौरतलब है कि पीएम मोदी ने छह मई को अपने भाषण में कहा था,”कांग्रेस के नेता कान खोलकर सुन लें, अगर आप सीमा लांघेंगे तो यह मोदी है, आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.”पूर्व पीएम मनमोहन ने पत्र में कहा है कि मोदी की तरफ से इस्तेमाल की गई शब्दावली डराने-धमकाने वाली है और इस तरह की भाषा का इस्तेमाल अपमानित करने और शांतिभंग करने के लिए उकसाने के इरादे से किया गया. पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों ने सार्वजनिक और निजी कार्यक्रमों और कार्यो के संचालन में मर्यादा और शिष्टाचार का पालन किया है.पूर्व पीएम मनमोहन ने कहा है,”यह अकल्पनीय है कि हमारी लोकतांत्रिक राजनीति में सरकार के मुखिया के तौर पर प्रधानमंत्री धमकाने और डराने वाली भाषा का इस्तेमाल करें और विपक्षी दलों के नेताओं और सदस्यों को सार्वजनिक रूप से धमकी दें.”मनमोहन सिंह के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, कर्ण सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, पी. चिदंबरम, ए. के. एंटनी, आनंद शर्मा, अशोक गहलोत, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, अहमद पटेल और मुकुल वासनिक ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
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