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Saturday, February 15, 2025 10:44:00 PM

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प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की स्थापित हो रही इकाइयों से किसानों को उनकी उपज का मूल्य, तथा लोगों को मिल रहा है रोजगार

प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की स्थापित हो रही इकाइयों से किसानों को उनकी उपज का मूल्य, तथा लोगों को मिल रहा है रोजगार

बहराइच 14 जनवरी। उत्तर प्रदेश में विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में वर्ष भर खाद्यान्न, बागवानी, दुग्ध तथा अन्य कृषि उत्पाद हेतु प्रदेश के वृहद उत्पाद को दृष्टिगत रखते हुए अवशेष (सरप्लस) उत्पाद को मूल्य संवर्द्धन श्रृंखला में परिवर्तित करते हुए प्रसंस्कृत उत्पाद के रूप में आमजन के लिए सुलभ कराये जाने के लिए प्रदेश सरकार विस्तृत रूप में कार्य कर रही है। प्रदेश में सहज सुलभ श्रमशक्ति, वृहद स्तर पर प्रसंस्करण योग्य उत्पाद एवं इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की असीमित सम्भावनाओं को देखते हुए प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का सुनियोजित विकास बहुगुणित करने हेतु सरकार ने उ.प्र. खाद्य प्रसंस्करण नीति लागू की है।
उ.प्र. राज्य में बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में पूंजी निवेश, रोजगार सृजन एवं राज्य की ग्रामीण आय में वृद्धि की अपार सम्भावनाएं हैं। खाद्यान्न, बागवानी उत्पाद, दूध, मांस के कुल उत्पादन में पूरे देश में उ0प्र0 का प्रमुख स्थान है। बड़े बाजार, उत्पादन की कम लागत, मानव संसाधन के अलावा कच्ची उपज की पर्याप्त उपलब्धता के कारण राज्य में बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए काफी सम्भावना है, इसलिए राज्य को एक फूड पार्क राज्य में विकसित करने के लिए उ.प्र. सरकार संकल्पित है।
प्रदेश मे खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो के सुनियोजित विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 प्रख्यापित की है जिसके द्वारा पूँजीगत अनुदान, ब्याज उत्पादन, गुणवत्ता एवं प्रमाणीकरण बाजार विकास, अनुसंधान एवं विकास तथा निर्यात प्रोत्साहन के साथ-साथ प्रदेश मे उद्योगो की स्थापना हेतु अनेक रियायतें एवं छूट प्रदान की गई है। उत्तर प्रदेश आलू विकास नीति के अन्तर्गत प्रदेश की मुख्य नकदी फसल आलू के चतुर्दिक एवं सुनियोजित विकास के लिए भी अनेक प्रकार की सुविधाएँ एवं छूट प्रदान की गई है। इन नीतियों के प्रख्यापन एवं क्रियान्वयन से प्रदेश मे खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो की स्थापना से मूल्य संवर्धन सुनिश्चित हो रहा है। सरकार की इन नीतियों से उत्पादक एवं उपभोक्ताओं को लाभ हो रहा है तथा प्रदेश के किसानों का आर्थिक विकास हो रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा फरवरी, 2018 में आयोजित उ.प्र. इन्वेस्टर्स समिट-2018 में खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर के उद्योगपतियों द्वारा धनराशि रू. 15182.54 करोड़ के 285 एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित हुए, जिसके सापेक्ष 123 इकाईयां व्यवसायिक उत्पादन में, 41 इकाइयां व्यवसायिक उत्पादन की प्रक्रिया में हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजनान्तर्गत 45 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसमें रू. 1054.77 करोड़ का निवेश किया गया। उ.प्र. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के अन्तर्गत अब तक 636 आॅनलाइन आवेदन पंजीकृत हुए, जिनमें धनराशि रू. 3312.82 करोड़ का पूंजी निवेश तथा 1.28 लाख प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ है। इसके सापेक्ष अब तक 275 प्रस्ताव स्वीकृत किये गये जिनमें रू. 810.51 करोड़ का पूंजी निवेश हो रहा है।

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