बहराइच 23 अप्रैल। अब तक उपलब्ध जानकारी एवं वैज्ञानिक शोधों,ं अनुमान एवं परिणाम के अनुसार मानव जाति का एक मात्र ठिकाना जिसे हम धरती माता अर्थात पृथ्वी रूपी इस सुन्दर ग्रह को नुकसान पहुंचाने वाली मानव गतिविधियों को कम करने हेतु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आमजनमानस को एकजुट कर पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना सहयोग देने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल ‘‘विश्व पृथ्वी दिवस’’ के रूप में मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस को मनाने की शुरुआत 1970 में हुई थी। सबसे पहले अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने पर्यावरण की शिक्षा के तौर पर इस दिन की शुरुआत की थी।
एक साल पहले 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में विनाशकारी तेल रिसाव की वजह से त्रासदी हो गई थी। इस हादसे में 10,000 से अधिक समुद्री पक्षी, डॉल्फ़िन, सील और सी लॉयन के साथ-साथ कई इंसानों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इस घटना से प्रभावित होकर गेलॉर्ड नेल्सन के आहवान पर 22 अप्रैल 1970 को आयोजित हुए विश्व पृथ्वी दिवस में लगभग 02 करोड़ अमेरिकियों ने हिस्सा लिया था। वर्ष 2023 में आयोजित होने वाले विश्व पृथ्वी दिवस के 53वां संस्करण की थीम “इन्वेस्ट इन अवर प्लैनेट” है।
विकास खण्ड चित्तौरा अन्तर्गत ग्राम पंचायत धरसवां में विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम ‘‘सेल्फी विद अमृत सरोवर’’ के अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने कहा कि पृथ्वी दिवस एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक है कि हम सभी को ग्रह की रक्षा करने में भूमिका निभानी है। यह हमें हमारे दैनिक विकल्पों और कार्यों के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सोचने और हमारे कार्बन पदचिह्न को कम करने, संसाधनों के संरक्षण और वन्य जीवन और प्राकृतिक आवासों की रक्षा करने के लिए कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
डीएम डॉ. चन्द्र ने कहा कि मॉ की गोद जैसी इस सुन्दर धरा के लिए ज़रूरी है कि गृह पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति, सरकारी व गैर सरकारी तन्त्रों को मिलकर प्रयास करना होगा। डॉ. चन्द्र ने कहा कि पृथ्वी दिवस उन नीतिगत परिवर्तनों की वकालत करने के अवसर के रूप में भी कार्य करता है जो पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जैसे प्रदूषण को कम करने के लिए मजबूत नियम, नवीकरणीय ऊर्जा के लिए समर्थन में वृद्धि और अधिक टिकाऊ भूमि उपयोग प्रथाएं।
डीएम डॉ. चन्द्र ने कहा कि पृथ्वी दिवस के अवसर पर हम पेड़ लगाना, कचरे को कम करना, टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण का समर्थन करने वाले नीतिगत परिवर्तनों की वकालत कर हम इस पुनीत अभियान में अपना हिस्सा डाल सकते हैं। क्योंकि हरित, समृद्ध और न्यायसंगत भविष्य की दिशा में परिवर्तन को गति देने के लिए हम समान रूप से जिम्मेदार हैं। पृथ्वी दिवस के अवसर पर डीएम ने जनपदवासियों का आहवान किया कि उपलब्ध भूमि पर अधिक से अधिक पौधे रोपित करें, अपने दैनिक जीवन में प्रतिबन्धित प्लास्टिक का प्रयोग कदापि न करें, खेतों में फसल अवशेष को आग के हवाले न करें, अनावश्यक रूप से कार्बन उत्सर्जित करने वाली गतिविधियों से परहेज़ करें।
डीएम डॉ. चन्द्र ने कहा कि असंतुलित मानव गतिविधियों का ही दुष्परिणाम है कि आज हमें नाना प्रकार के पर्यावरणीय समस्याओं ने एक साथ घेर लिया। इस पूरी समस्या को इंगित करने के लिए शायद एक पंक्ति पर्याप्त है कि ‘‘घर को आग लग गई घर के चराग से’’। जलवायु परिवर्तन के कारण ही आज हमें सूखे, बाढ़, चक्रवात तथा पृथ्वी के तापमान में वृद्धि जैसी समस्याओं ने एक साथ घेर रखा है। डीएम ने कहा कि विश्व पृथ्वी दिवस को हमें आई ओपनिंग इवेन्ट के रूप में लेना होगा वरना हमें शायद दूसरा मौका नसीब न हो। डीएम ने कहा कि एक पीढ़ी के तौर पर हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम आने वाली नस्लों को कम से कम एक ऐसी दुनिया सौंप कर जाएं जैसी हमें हमारे बुज़ुर्गों ने सौपी थी।
विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत धरसवां में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डीएम ने मौके पर मौजूद उपायुक्त मनरेगा के.डी. गोस्वामी, खण्ड विकास अधिकारी चित्तौरा एस.के. त्रिपाठी, प्रधान सविता पाण्डेय, एडीओ सहकारिता अमर सिंह, एडीओ आईएसबी सत्यव्रत श्रीवास्तव, एडीओ महिला ज्योति सिंह, एडीओ पंचायत विधानचंद, एपीओ मनरेगा संदीप त्रिपाठी, प्रधान प्रतिनिधि राम सुन्दर पाण्डेय, ग्रामवासियों तथा बच्चों के सेल्फी ली तथा बच्चों को टाफी का वितरण किया। अमृत सरोवर को निरीक्षण करते हुए डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस स्थल को और भी रमणीय बनाएं जाने हेतु अधिक से अधिक छायादार, औषधीय तथा सजावटी पौधे रोपित कराए जाएं।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






