सांसद ने भी मामले का लिया संज्ञान
रिपोर्ट : डी. पी.श्रीवास्तव
बहराइच।उत्तर प्रदेश के तेज तर्रार मुख्य मंत्री जिनकी मांग अब अन्य प्रदेशों में भी होने लगी है ऐसे युग पुरुष योगी आदित्यनाथ के नाम से ही जहां जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के भू _माफियाओं की रूहें कांप जाया करती हैं बावजूद जिले में अजमत अली उर्फ भूरी प्रशासन व सत्ता पक्ष के कुछ आकाओं का एक ऐसा खिलाड़ी है जो मुख्यमंत्री की निगाहों को ओझल कर जो खतरनाक खेल अब तक खेलता रहा है शायद अब उस खेल पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।अगर पूर्व जिलाधिकारी द्वारा उक्त मामले में सख्त कदम उठा लिया गया होता तो शायद अब तक वह जिले का नंबर एक भू माफिया घोषित हो चुका होता। लेकिन जनहित व न्याय हित में जनता की आवाज बुलंद करने वाले सांसद अक्षय लाल गौड़ के चौखट पर मामला पहुंचते ही तत्काल जिलाधिकारी को मामले में कार्यवाही हेतु लिख दिया गया।जिस पर वर्तमान जिलाधिकारी द्वारा अपराधियों व अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की पद्धति पर कार्य करते हुए मामले में तत्काल जांच के आदेश दे दिए गए। मालूम हो कि जब से जिलाधिकारी मोनिका रानी द्वारा जिले की कमान संभाली गई है तब से जिले में भ्रष्टाचार के खात्मे को लेकर आम लोगों में भी एक नई उम्मीद जगी है।
मामला तब प्रकाश में आया जब गत दिनों हरजीव कुमार अग्रवाल, मोहल्ला गुलाम अलीपुरा,थाना दरगाह शरीफ,बहराइच द्वारा जिलाधिकारी को अवगत करवाते हुए यह बताया गया की अजमत अली उर्फ भूरी पारिवारिक गिरोहबंद,दबंग, अकूत संपत्ति का मालिक व भू _माफिया सरगना होने के साथ-साथ थाना दरगाह शरीफ का हिस्ट्री सीटर अपराधी है और उसका गैंगस्टर एक्ट में भी चालान हो चुका है।बावजूद वह अपनी दबंगई व धनबल के दम पर कानून से आंख मिचौली करता रहा है।
श्री अग्रवाल का कहना था कि उक्त द्वारा करोड़ों की नजूल की भूमि पर जबरन अवैध कब्जा करके प्लाटिंग कर सौ_सौ,पचास_पचास रुपयों के स्टांप पर अपना फोटो चस्पा कर हस्ताक्षर के माध्यम से पचासों करोड़ रुपयों में जमीन की बिक्री कर क्रेताओं को कब्जा दिलवाने का काम करता रहा है।।जिसमें पुलिस की भी बड़ी भूमिका मानी जा रही है।उसके मामले में थाना स्तर पर भी मौन साथ लिया जाता है। उक्त द्वारा भूमि हथियाने में अपने रिश्तेदारों व चहेतों का भी योगदान लिया जाता रहा है।श्री अग्रवाल का कहना है कि उनके तमाम प्रयासों के बाद उक्त के विरुद्ध दिनांक 08.11.2020 को थाना दरगाह शरीफ में मुकदमा संख्या 476/ 20, धारा 419,420,468,47, व धारा 213 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 दर्ज हो सका है। जिस पर विवेचक द्वारा संबंधित गाटाओं की निशान देही हेतु तहसील सदर में प्रार्थना पत्र देकर राजस्व टीम का गठन करवाते हुए टीम द्वारा संबंधित गाटाओं को चिन्हित किया गया।और क्रेताओं से विपक्षी के साक्ष्य भी जुटाए गए। मिले साक्ष्यों के आधार पर विपक्षी के विरुद्ध दिनांक 14.12. 2020 को सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया। दाखिल पत्र के आधार पर यही मामला सामने आया की अजमत अली उर्फ भूरी द्वारा सरकार की हजारों करोड़ों रुपयों की भूमि की क्षति कारित की गई। जिस संदर्भ में क्षतपूर्ति हेतु वसूली कराने की बात कही गई है।श्री अग्रवाल का कहना है कि भूलवश कार्यवाही का आदेश एसएचओ दरगाह शरीफ को होने से उनके द्वारा रिपोर्ट तो लगा दी गई लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की क्षतिपूर्ति हेतु कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।अब जिले के लोकप्रिय सांसद द्वारा मामले का संज्ञान लिए जाने से उक्त प्रकरण तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है।
आपको बताते चलें कि विक्रीत गाटा संख्या 682, 684 , व 686 का कुल क्षेत्रफल 23 बीघा 7 बिस्वा बताया जा रहा है।और 2023 की मूल्यांकन सूची के अनुसार मोहल्ला सलार गंज की सरकारी मालियत दर रेट 8600/_ वर्गमीटर निर्धारित है।जबकि विक्रीत गाटा संख्याओं का क्षेत्रफल 18,750 बताया जा रहा है। जिसकी सरकारी मालियत सोलह करोड़,बारह लाख,पचास हजार रुपए बताई जा रही है।
मामले में खास बात यह भी है कि राजस्व विभाग दंड प्रक्रिया के तहत 10 गुना के हिसाब से क्षति पूर्ति का प्रावधान बताया जा रहा है।लिहाजा अजमत अली उर्फ भूरी से यदि वसूली की कार्रवाई शुरू की गई तो प्रदेश के सरकारी खजाने में एक सौ इकसठ करोड़,पच्चीस लाख रुपए की बढ़ोत्तरी हो सकेगी।
और शायद अजमत अली उर्फ भूरी भू_माफियाई को लेकर वसूली मामले में बहराइच व प्रदेश ही नहीं बल्कि भारत के ऐतिहासिक पन्नों में नंबर वन का ताज अपने नाम दर्ज करवाकर वसूली कर्ताओं में एक नया इतिहास बनाएंगे।
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