बहराइच 04 सितम्बर। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि प्रदेश में ग्राम पंचायतों में सक्रिय कीर्तन/भजन मण्डलियों/पौराणिक एवं सांस्कृतिक मण्डलियों से सम्बन्धित दलों का संस्कृति विभाग में पंजीकरण किया जाना है। जनपद के प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामान्य तौर पर कीर्तन/भजन मण्डलियों/पौराणिक एवं सांस्कृतिक मण्डलियों रामलीला, कृष्णलीला आदि सांस्कृतिक आयोजनों का प्रस्तुतीकरण किया जाता है। इन मण्डलियों द्वारा हमारी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर को आगामी पीढ़ी तक ले जाने का कार्य सुगमतापूर्वक किया जा रहा है। इन मण्डलियों को संरक्षण न मिलने के कारण धीरे-धीरे यह मण्डलियां विलुप्त सी होती जा रही है। इस स्थिति संस्कृति विभाग द्वारा ऐसे मण्डलियों का व्यापक संरक्षण किये जाने के उद्देश्य से सभी मण्डलियों का अभिलेखीकरण किये जाने की परियोजना संचालित की गयी है। जिससे इन अमूर्त धरोहरों को संरक्षित कर इसे रोजगार से जोड़ा जा सके।
संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा विभिन्न लोक संस्कृतियों/विधाओं के अभिलेखीकरण का कार्य किया जाता है। कलाकारों के अभिलेखीकरण हेतु आनलाइन पंजीकरण की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करायी गयी है जो संस्कृति विभाग के वेबसाइड यूपीकल्चर डाट यूपी डाट एनआईसी डाट इन पर उपलब्ध है। पंजीकृत कलाकारों को आवश्यकतानुसार विभिन्न कार्यक्रमों एवं आयोजनों में समुचित अवसर प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। उन्होनें बताया कि कीर्तन भजन मण्डलियों पौराणिक एवं सांस्कृतिक आयोजक मण्डलियाँ का पंजीकरण कल्चर्रइवेन्ट्स डाट इन/होम/रजिस्टेªेशन पोर्टल पर निःशुल्क किया जा सकता है। पंजीकृत मण्डलियों को स्थानीय मेलो, तीज-त्यौहारों एवं अन्य विभिन्न अवसरों पर संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में प्रस्तुति का अवसर प्रदान किया जायेगा।
पंजीकरण के लिए कीर्तन, भजन मण्डलियों/पौराणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में जिस सांस्कृतिक कार्यक्रम का पंजीकरण किया जाना है उसका स्पष्ट उल्लेख किया जाय। मण्डली दल कम से कम 5 वर्ष पुराने होना चाहिए। मण्डली/दल को कम से कम (प्राइवेट व सरकारी मिलाकर 10 कार्यक्रम किये जाने का अनुभव होना चाहिए। जिसका प्रमाण पत्र संबंधित ग्राम प्रधान द्वारा प्रस्तुत किया जाय। मण्डली/दल यदि किसी मंदिर या संस्था से सम्बद्ध है तो वहां के प्रबंधक व संयोजक का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाय। मण्डली/दल द्वारा सरकारी विभागों में कार्यक्रम करने की स्थिति में सम्बन्धित विभागों से प्रमाण पत्र अथवा कार्यादेश प्रस्तुत किया जाय। मण्डली/दल द्वारा भजन कीर्तन की भक्तिधारा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाय।मण्डली/दल में न्यूनतम 06 सदस्य हों लेकिन अधिकतम की सीमा ना रखी जाय। दल में अधिकतम 25 सदस्य तक हो सकते हैं सदस्यों का नाम पोर्टल पर स्पष्ट रूप से किया जाय। मण्डली दल का पंजीयन ऑनलाइन व जिला पर्यटन संस्कृति परिषद द्वारा ऑफलाइन कैम्प लगाकर भी कराया जाय।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






