बहराइच 13 दिसम्बर। मा. उच्च न्यायालय, इलाहाबाद खण्डपीठ लखनऊ द्वारा जनहित याचिका-1012/2023 ज्योति राजपूत बनाम उ०प्र० राज्य व अन्य में पारित आदेश के अनुपालन एवं जनपद न्यायाधीश उत्कर्ष चतुर्वेदी के निर्देश पर एनजीओ थारु जनजाति महिला विकास समिति, गोण्डा द्वारा संचालित वृद्धाश्रम स्थित अमीनपुर, नगरौर का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विराट शिरोमणि द्वारा निरीक्षण किया गया।
अधीक्षक वृद्धाश्रम दिलीप कुमार द्विवेदी द्वारा बताया गया कि संस्था की कुल क्षमता 150 है। वर्तमान में वृद्धाश्रम में 106 वृद्धजनों का पंजीकरण हैं जिसमें 104 वृद्धजन संस्था में संवासित है। पुरुष एवं महिलाओं के कमरे पृथक-पृथक हैं। केरल व राजस्थान राज्य के एक-एक बुजुर्ग भी संवासित हैं। संस्था में वर्तमान में कोई भी बुजुर्ग मानसिक मंदित अथवा दिव्यांग संवासित नहीं है। संस्था में कुल 19 कमरे हैं, जिसमें अधीक्षक कार्यालय, मनोरंजन कक्ष, चिकित्सीय कक्ष, भण्डारण कक्ष एवं मेस के अतिरिक्त 15 आवसीय कक्ष हैं। शौचालयों की संख्या 9 एवं स्नानगार 6 हैं। 5 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जो सुचारु रुप से कार्य कर रहें। आज प्रातः के नाश्ते में बुजुर्गों को चाय व बिस्किट तथा दोपहर के भोजन में पूड़ी, सब्जी, रायता दिया गया है। पिछले माह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, चित्तौरा के चिकित्सक श्री फरीद द्वारा बुजुर्गों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। संस्था में यदि कोई बुजुर्ग बीमार पड़ता है तो उसे 108 एम्बुलेंस के माध्यम से इलाज हेतु सरकारी अस्पताल भेजा जाता है। बुजुर्गों से मिलने आने वाले उनके परिवारजनों की प्रविष्टि आगन्तुक पंजिका में कराने के पश्चात ही उनकी मुलाकात करायी जाती है। सर्दियों में बुजुगों के लिए की गयी व्यवस्था के संबंध में पूछे जाने पर अधीक्षक द्वारा बताया गया कि सभी बुजुगों को गर्म वस्त्र, रजाई कम्बल वितरित किये गये हैं। रात में प्रचुर मात्रा में अलाव की भी व्यवस्था की गयी है। कमरों में 10 हीटर लगाये गये हैं। गर्म पानी हेतु 2 गीजर लगे हैं। शाम को गुड़, दूध व च्यवनप्राश भी दिया जाता है।
मनोरंजन कक्ष में कुछ बुजुर्ग टेलीवीजन देखते हुए पाए गये। चिकित्सीय कक्ष में ऑक्सीजन मशीन के अतिरिक्त पर्याप्त मात्रा में एलोपैथ व आयुर्वेदिक दवाएं पायी गयी। मेस के सामने 2-2 आर०ओ० सिस्टम व वॉटर कूलर लगे पाये गये। संस्था में एक रेफरीजरेटर भी है। मेस एवं भण्डारण कक्ष में साफ- सफाई उचित पायी गयी। मेरे द्वारा आवसीय कक्षों में जाकर बुजुर्गों से बातचीत करते हुए उनकी समस्याएं पूछी गयी। सभी संतुष्ट दिखे। भविष्य में यदि किसी बुजुर्ग को कोई समस्या भी आती है, तो वह स्वयं अथवा अधीक्षक, वृद्धाश्रम के माध्यम से प्रार्थना पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच को प्रेषित कर सकता है। अधीक्षक वृद्धाश्रम को आश्रम की साफ-सफाई, बुजुर्गों के खान-पान एवं स्वास्थ्य आदि की दशा उचित बनाये रखने हेतु निर्देशित किया गया। इसके अतिरिक्त अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि यदि संस्था में कोई दिव्यांग अथवा मानसिक मंदित प्रवेश कर सकता है तो उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग, दिव्यांग विभाग के अतिरिक्त कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






