तैनाती जमादार की काम स्टोर कीपर का,अब बाबू रहते हुए एकाउंटेंट भी बन बैठे
रिपोर्ट : डी. पी.श्रीवास्तव
बहराइच।जमादार के पद पर रहते हुवे बाबूगिरी करने वाले एक ऐसे कर्मचारी का मामला प्रकाश में आया है जिसके द्वारा अपने अधीनस्थ विभागीय अधिकारियों के बीच उनकी मौन स्वीकृत पर अपनी अवैध सत्ता को चलाता रहा।और वर्तमान सरकार का भी डर उसे नहीं रहा।
बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शाशनकाल में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बहराइच में कर्मी रमेश की तैनाती जामदार के पद पर हुई थी जो चौकीदारी का काम भी देखता था।और धीरे धीरे जिम्मेदारों की घोर लापरवाही के कारण उसके द्वारा बाबू का काम भी देखा जाने लगा।लेकिन एक लंबे अंतराल के बाद सन 2018 में इनका प्रमोशन बाबू के पद पर होने के बाद ये एकाउंट का भी वर्क देखने लगे।इनकी तैनाती कैसरगंज होने के बाद भी ये बहराइच संस्थान में तैनात होकर अपना रोब गांठते रहे।बताया जाता है कि अभी कुछ दिनों पूर्व इनको बड़े बाबू के ओहदे से नवाजा गया है।इनके ऊपर संस्थान की एक कर्मी राधा से करीब डेढ़ लाख रुपयों के सामानों की रिसीविंग लेने के बाद भी हजारों का सामान अब तक उपलब्ध नहीं करवाया गया है।पिछले लगभग सात वर्षों से रमेश द्वारा सिर्फ उन्हें डेट di ja रही है।इस दौरान उनके द्वारा तमाम अवैध संपत्तियां भी बनाए जाने की बात भी बताई जा रही है।यहां सवाल यह भी है कि क्या सब कुछ बगैर अधिकारियों के सहयोग से हो पाना संभव है?और तो और इसी बीच एक और मामला प्रकाश में आया कि जल्द ही स्टोर कीपर के पद पर तैनात हुवे कर्मी की पत्नी श्रीमती संतोषी को विभागीय अधिकारी पर आरोप लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।श्रीमती संतोषी द्वारा प्रमुख सचिव व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास,उत्तर प्रदेश शासन,निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन उत्तर प्रदेश,आयुक्त देवीपाटन मंडल को रजिस्ट्री के माध्यम से अवगत करवाया गया है कि मेरे पति की नई तैनाती राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बहराइच में हुई है।लेकिनअपने पति को काफी परेशान हालत में देखकर जब सच जानने की कोशिश की गई तो यह मामला सामने आया कि मेरे पति अभय शर्मा द्वारा लीगल अवकाश लिया गया था।लेकिन हाल ही में जांच में आए ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश राम द्वारा पति को हताश व परेशान करने की नियत/पूर्वाग्रस्त,होकर उपस्थिति पंजिका में दर्ज प्रविष्टियों को दरकिनार करते हुवे स्पष्टीकरण मांगा गया।जबकि उनके द्वारा तत्कालीन प्रधानाचार्य पी.के.श्रीवास्तव को अवकाश रिसीव करवाकर उपस्थिति पंजिका में भी दर्ज करवा दी गई थी।बावजूद उनका वेतन बाधित कर दिया गया।उनका साफ कहना है कि जांच किसी ईमानदार अधिकारी से करवाया जाए यदि मेरे पति गलत हों तो इन पर कार्यवाही की जाए और यदि उक्त अधिकारी गलत हों तो उन पर कार्यवाही की जाए।उक्त प्रकरण को लेकर फिलहाल मामला जो भी हो लेकिन जब हमारे जिला प्रभारी द्वारा ज्वाइंट डायरेक्टर ,देवीपाटन मंडल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोई भी स्वीपर स्टोरकीपर का कार्य नहीं कर सकता लेकिन बाबू एकाउंट सेक्शन देख सकता है फिर भी स्वयं कोई भी बिल पास नहीं कर सकता।उन्होंने कहा की हाल ही में एक जांच भी की गई है जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।जबकि अभय शर्मा(टंग आफ स्लिप अभय सिंह) के बारे में काफी सोच विचार कर बताया की अभी कोई ऐसा मामला मेरे पास नहीं आया है।एक अभय शर्मा का मामला था यदि वे अनुपस्थित रहे होंगे तो इस पर भी कार्यवाही हुई होगी।फिलहाल मामला जो भी हो लेकिन लेकिन सच और झूठ का सामने आना अभी बाकी है।
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