कोटा। इटावा के अखिल भारतीय किसान सभा कार्यालय पर मंगलवार को किसान सभा तहसील अध्यक्ष महेंद्र कुमार सुमन की अध्यक्षता में संयुक्त किसान-मजदूर मोर्चा की बैठक सम्पन्न हुई, जिसका संचालन सचिव कमल बागड़ी ने किया। बैठक में किसान सभा के जिलाध्यक्ष कामरेड दुलीचंद बोरदा, जिला सचिव व तहसील पीपल्दा प्रभारी कामरेड हंसराज चौधरी उपस्थित रहे।
बैठक को संबोधित करते हुए किसान सभा जिला अध्यक्ष कामरेड दुलीचंद बोरदा, जिला सचिव कामरेड हंसराज चौधरी व तहसील कमेटी पीपल्दा किसान सभा के नेताओं कमल बागड़ी, मुकुट बिहारी जंगम ने कहा कि वर्तमान केंद्र की बीजेपी सरकार में किसानों, मजदूरों व आमजन की हालत काफी दयनीय हो चुकी है। महंगाई आसमान छू रही है। कारपोरेट घरानों को किसानों व मजदूरों को गुलाम बनाने की खुली छूट दे रखी है। इस सब को रोकने व किसानों-मजदूरों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए संयुक्त किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर इटावा क्षेत्र के किसान व मजदूर लाल झण्डे के संगठन अखिल भारतीय किसान सभा और निर्माण मजदूर यूनियन सीटू के संयुक्त नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आगामी दिनों में सड़क पर उतर कर इटावा उपखण्ड क्षेत्र से संघर्ष की शुरूआत करेंगे। जिसकी तैयारियाें के तहत किसान सभा व सीटू के सदस्य गांव-गांव में सदस्यता अभियान के माध्यम से किसानों व मजदूरों को लामबंद करने का काम करेंगे।
इन मांगों को लेकर उतरेंगे सड़कों पर
सीटू महामंत्री मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि किसान-मजदूर इटावा पीपल्दा क्षेत्र में वर्ष 2022 में आई बाढ़ से नष्ट मकानों व फसलों का मुआवजा वंचित पीड़ित परिवारों और किसानों को जल्द वितरण करने, नगर पालिका इटावा शहर क्षेत्र व पंचायत समिति इटावा ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले सभी परिवारों को आवासीय भूखंडों के निःशुल्क पट्टे जल्द जारी किए जाने, श्रम विभाग कार्यालयों में पेंडिंग पड़े श्रमिक योजनाओं के सभी आवेदनों की सहायता राशि का भुगतान लोकसभा चुनावों से पूर्व लाभार्थी मजदूरों के खातों में डाले जाने, कृषि उपजमंडी इटावा को कच्ची पक्की आढ़त कृषि उपजमंडी घोषित करने, इटावा मंडी समिति से 102 पीड़ित किसानों की बकाया राशि 1 करोड़ 46 लाख रुपयों का जल्द भुगतान पीड़ित किसानों को करने, प्रदेश में बजरी खनन पर लगी रोक को हटाया जाए ताकि निर्माण कार्य के लिए स्थानीय नदियों चम्बल, कालीसिंध और पार्वती से पीपल्दा क्षेत्र में निर्माण कार्य के लिए बजरी खनन हो सके व मजदूरों को भवन निर्माण क्षेत्र में रोजगार मिल सके। किसानों की सम्पूर्ण उपज को खरीद करने के लिए समर्थन मूल्य का एमएसपी पर गारण्टी कानून C2+50℅ फार्मूले के अनुसार लागू करने, बिजली संशोधन विधेयक बिल 2020 रद्द करने, शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को 200 दिन हर साल काम व प्रतिदिन 600 रुपए मजदूरी लागू करने, तेल, आटा, मिर्ची, नमक आदि सभी खाद्य पदार्थों की बढ़ी हुई कीमतों को कम करने, डीजल, पेट्रोल, खाद, बीज व कीटनाशक दवाओं की आसमान छूती दरों पर नियंत्रण कर कम करने, राजस्थान के किसानों-मजदूरों को कर्ज से मुक्त करने, सभी तरह के बैंक लोन सीसी सहित माफ करने, नगर पालिका इटावा के सभी वार्डों में खसरा नम्बर के हिसाब से इटावा पटवारी द्वारा दुबारा मैपिंग कराई जाने आदि मांगों को लेकर सड़कों पर उतर कर संघर्ष करेंगे।
इन नेताओं ने भी किया संबोधित
बैठक में संयुक्त संघर्ष समिति अध्यक्ष मुरलीधर मीणा, राधेश्याम परालिया, सूरजमल मीणा, भोजराज नागर, गजानंद गौड़, दुलीचंद आर्य, मुकुट बिहारी जंगम, गोपाल लाल महावर सीटू यूनियन उपाध्यक्ष ने भी सम्बोधित किया।
लोगों से की लामबंद होने की अपील
बैठक में वक्ताओं ने किसानों, मजदूरों व आम जनता के हित में सभी मांगों को लागू कराने के संघर्ष में ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को संयुक्त किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेतृत्व में लामबंद होने की अपील की।
इन गांवों को किसान-मजदूर रहे मौजूद
सीटू महामंत्री मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि संयुक्त किसान मजदूर बैठक में गैता, इटावा, ढोली, शेरगढ़, बम्बोलिया, लुहावद, कंवरपुरा, जोरावरपुरा, केशोपुरा, बालूपा, मोरखुदना, रोहली की झोपड़ियां, गिरधरपुरा, बिसलाई, दुर्जनपुरा, लक्ष्मीपुरा, अयानी सहित अन्य कई गांवों के किसान-मजदूर मौजूद रहे।
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