बहराइच 29 दिसम्बर। शीतलहर व ठंड से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण, बहराइच द्वारा क्या करें और क्या न करें के सम्बन्ध में एडवाईज़री जारी की गयी है। अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव की ओर से जारी सुझावों में कहा गया है कि कोयले की अंगीठी/हीटर का प्रयोग करते समय सावधानी बरते तथा कमरे में शुद्ध हवा का आवागमन/वायु संचार बनाये रखें ताकि कमरे में विषाक्त/जहरीला धुआ एकत्र न हो। रात्रि में सोते समय बन्द कमरे में हीटर/अंगीठी का प्रयोग कदापि न करें। बन्द कमरे में हीटर/अंगीठी के प्रयोग से ऑक्सीजन स्तर घट जाता है जिसके कारण दम घुटने की सम्भावना बन सकती है।
आमजन को सुझाव दिया गया है कि शीतदंश (फ्रासबाइट) के लक्षणों पर नजर रखे जैसे शरीर के अंगों का सुन्न पढ़ना, हाथों में पैरों की उंगलियों, कान, नाक आदि पर सफेद या पीले दाग उभर आने पर अपने नजदीकी अस्पताल में सम्पर्क करें। अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढकें। ठंड में फर्स तथा हरे घास पर नंगे पैर न चलें। हाइपोथर्मिया के लक्षणों पर नजर रखें जैसे- असामान्य शरीर का तापमान, याददाश्त का कमजोर होना, बेहोशी असीमित ठिठुरन, थकान तुतलाना इत्यादि जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर नजदीकी अस्पताल में सम्पर्क करें।
अत्यधिक ठंड/कोहरा पड़ने पर वृद्धजनों तथा बच्चों का ध्यान रखने तथा अकेले रहने वाले पड़ोसियों का ख्याल रखने के साथ-साथ किसी भी आपात की स्थिति में नजदीकी पुलिस स्टेशन पर सम्पर्क करने का सुझाव दिया गया है। लोगों को अपने आप को सूखा रखने, फिटिंग वाले ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनने तथा स्वस्थ भोजन, विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं जाने की सलाह दी गयी है ताकि शरीर के तापमान का संतुलन बनाये रखें।
अपर जिलाधिकारी श्री रंजन ने लोगों को यह भी सुझाव दिया है कि ठंड में जहां तक हो सके घर में ही रहें, खुले वाहन तथा ज्यादा दूरी वाली यात्रा करने से बचें। आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें, शरीर में ऊष्मा प्रवाह को बनाये रखने के लिए निरन्तर गर्म पेय पदार्थों का सेवन करते रहें। कई स्तरों वाले गर्म कपड़े जैसे ऊनी कपड़े, स्वेटर टोपी मफलर इत्यादि का प्रयोग करें जिससे ठंड से बचा जा सके। इसके अलावा स्थानीय रेडियो सुने, समाचार पत्र पढ़े, टेलीविज़न एवं मोबाइल फोन के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें तथा तद्नुसार दी गयी सलाह एवं सुझाव का पालन करें।
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