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Sunday, September 15, 2024 12:25:16 PM

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भाषा को समयानुसार प्रवाहित होते रहना चाहिए

भाषा को समयानुसार प्रवाहित होते रहना चाहिए

हाड़ौती आनंद गौरव से सम्मानित कर मार्तण्ड के नए हाड़ौती लघु कथा संग्रह का किया लोकार्पण

-आनंद प्रकाशन दादाबाड़ी कोटा का साहित्यकार सम्मान समारोह सम्पन्न

 

आनंद प्रकाशन दादाबाड़ी कोटा की ओर से आयोजित साहित्यकार सम्मान के एक शिष्ट समारोह में हाड़ौती व्याकरण एवं शब्दकोश निर्माता चौथमल प्रजापति मार्तण्ड को आनंद प्रकाशन दादाबाड़ी कोटा द्वारा हाड़ौती आनंद गौरव सम्मान से नवाजा गया।

आनंद प्रकाशन की संस्थापक डॉ. क्षमा चतुर्वेदी के अनुसार प्रजापति को शाल, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र देकर समारोह के अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्रनाथ चतुर्वेदी, मुख्य अतिथि पं. लोकनारायण शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ लोकप्रिय कवि साहित्यकार देवकी दर्पण की सरस्वती वंदना से हुआ। इसके बाद मार्तण्ड के नए हाड़ौती लघुकथा संग्रह सत को बळ का लोकार्पण किया गया। कृति पर समीक्षात्मक दृष्टि डालते हुए आरसी आदित्य ने कहा कि भाषा को समयानुसार प्रवाहित होते रहना चाहिए। समीक्षक विजय जोशी ने कहा कि इस कृति की लघु कथाओं में भावनाओं की सघन सृष्टि है। वरिष्ठ साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही ने कहा कि यह सम्मान समारोह श्रीकृष्ण और सुदामा के प्रेम को चरितार्थ करता है। वरिष्ठ साहित्यकार पं. लोकनारायण शर्मा ने कहा कि प्रजापति ने हाडौती भाषा को समृद्ध किया है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि चौथमल प्रजापति मार्तण्ड की भाषा शुद्ध हाड़ौती की मिसाल है, जो नए रचनाकारों का मार्ग प्रशस्त करती है। साहित्यकार सीएल सांखला ने मार्तण्ड के व्यक्तित्व एवं कृतीत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रजापति एक संघर्षशील जीवटता से लबरेज हाड़ौती लोक बोली को भाषा का स्वरूप प्रदान करने वाले मुखर व कर्मठ व्यक्तित्व के धनी हैं।

 

इन साहित्यकारों ने भी किए विचार व्यक्त

 

समारोह में विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार केबी भारतीय, साहित्यकार जोधराज परिहार मधुकर, नंदसिंह पंवार, रवीन्द्र बीकावत, डॉ. नंदकिशोर महावर, रामकरण प्रभाती, सत्येन्द्र वर्मा, दुर्गाशंकर बैरागी, घासीलाल पंकज, दिलीप सिंह हरप्रीत,

महाराम सामरिया आदि‌ साहित्यकारों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन साहित्यकार योगेश यथार्थ ने किया। अंत में आनंद प्रकाशन कोटा की संस्थापक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. क्षमा चतुर्वेदी ने समस्त सम्भागी साहित्यकारों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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