ऐतरेयोपनिषद का सीएल सांखला कृत राजस्थानी काव्यानुवाद का किया लोकार्पण
-कोटा में साहित्यकार सम्मान एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह सम्पन्न
आनंद प्रकाशन साहित्य संस्थान दादाबाड़ी के तत्वावधान में कोटा के महावीर नगर (द्वितीय) में आयोजित साहित्यकार सम्मान समारोह में हाड़ौती के ख्याति प्राप्त साहित्यकार देवकी दर्पण का शॉल, साफा पहनाकर व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान व ऐतरेयोपनिषद का सीएल सांखला कृत राजस्थानी काव्यानुवाद का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. नरेन्द्रनाथ चतुर्वेदी ने की। मुख्य अतिथि केबी भारतीय, दुर्गाशंकर गहलोत, विशिष्ट अतिथि जितेन्द्र निर्मोही, विजय जोशी, विष्णु शर्मा हरिहर, पंडित लोकनारायण शर्मा, डॉ. नंदकिशोर महावर, हलीम आईना रहे। सरस्वती वंदना अदिति शर्मा, स्वागत चौथमल प्रजापति व संचालन आरसी आदित्य ने किया।
आनंद प्रकाशन की संस्थापक डॉ. क्षमा चतुर्वेदी ने बताया कि मुख्य अतिथि केबी भारतीय ने वैदिक वाङ्मय में ऐतरेय ब्राह्मण की पृष्ठभूमि की जानकारी देते हुए ऐतरेयोपनिषद की रचना पर चर्चा की। समारोह के अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्रनाथ चतुर्वेदी ने देवकी दर्पण को लोक बोली भाषा का कुशल व जीवंत कलमकार बताया। साहित्यकार विजय जोशी ने कहा कि इस राजस्थानी काव्यानुवाद में उपनिषद के मूल भाव भूमि को रोचक एवं प्रभावी काव्यात्मक शैली में संवारा गया है। यह अनुवाद हाड़ौती में वैदिक दर्शन का पहला काव्यानुवाद है। विष्णु शर्मा हरिहर ने राजस्थानी काव्यानुवाद को अद्वितीय अद्भुत कार्य बताया। वरिष्ठ साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही ने कहा कि यह राजस्थानी काव्यानुवाद सम्मान योग्य है। साहित्यकार योगेश यथार्थ ने सम्मानित साहित्यकार देवकी दर्पण का व्यक्तित्व एवं कृतीत्व प्रस्तुत किया। सीएल सांखला कृत राजस्थानी काव्यानुवाद पर ससंदर्भ पत्रवाचन किया। विशिष्ट अतिथि साहित्य अकादमी सदस्य चंदालाल चकवाला, दुर्गाशंकर गहलोत, डॉ. नंदकिशोर महावर, हलीम आईना, जोधराज परिहार, लोकनारायण शर्मा, डॉ. रिंकी शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सम्मान पत्र का वाचन दीनबंधु मीणा ने किया। सम्मानित साहित्यकार देवकी दर्पण तथा सीएल सांखला ने अपनी रचना प्रक्रिया के बारे में बताया।
ये रहे मौजूद
समारोह में रवींद्र बीकावत, नंदसिंह पंवार, गोपाल नामेन्द्र, श्यामा शर्मा, राम शर्मा, रूपनारायण संजय, योगीराज योगी, रामकरण प्रभाती, नवीन गौतम, प्रेम शास्त्री, सुरेश पंडित, हेमसिंह हेम, महेश पंचोली, दिलीप सिंह हरप्रीत, तेजकरण यादव, दुर्गाशंकर बैरागी, घासीलाल पंकज सहित अनेक साहित्यकार उपस्थित थे। संस्थापक, संयोजक डॉ. क्षमा चतुर्वेदी ने सभी संभागी साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया।
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