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Monday, March 24, 2025 2:28:28 AM

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सीएफसीएल फैक्ट्री में अमोनिया गैस का रिसाव ,15 स्कूली बच्चों सहित 18 की बिगड़ी तबियत

सीएफसीएल फैक्ट्री में अमोनिया गैस का रिसाव ,15 स्कूली बच्चों सहित 18 की बिगड़ी तबियत

सीमलिया इलाके के गड़ेपान गांव में मचा हडकंप -मौके पर पहुंचा कलक्टर सहित पूरा लवाजमा, गांव का किया सर्वे

कोटा। कोटा जिले के सीमलिया के समीप गड़ेपान गांव में चंबल फर्टिलाइजर्स एंड कैमिकल्स लिमिटेड सीएफसीएल फैक्ट्री में शनिवार सुबह अचानक अमोनिया गैस के रिसाव से फैक्ट्री से सटे राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के 15 स्टूडेंट्स सहित 18 लोग बीमार हो गए। स्टूडेंट्स को सांस लेने में तकलीफ और उल्टी होने लगी। अमोनिया गैस के रिसाव से गड़ेपान में अफरा-तफरी मच गई। गैस की बदबू से लोग परेशान हो गए। आनन-फानन में बच्चों को सीए‌फसीएल के अस्पताल ले जाया गया। एम्बुलेंस के अभाव में स्कूली कर्मचारियों ने बच्चों को कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया।
ग्रामीणों का आरोप है कि शनिवार सुबह साढ़े दस बजे सीएफसीएल फैक्टी से अमोनिया गैस का रिसाव होने लगा था। उस समय फैक्ट्री के नजदिक ही स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में प्रार्थना सभा चल रही थी। इसी दौरान गैस रिसाव से कुछ बच्चों की तबियत खराब हो गई। लेकिन धीरे-धीरे गैस की गंध का प्रभाव बढ़ने पर दो घंटे बाद स्कूल में एक-एक कर बच्चे गिरने लगे और बेसुध हो गए। बच्चों को सांस लेने में तकलीफ और उल्टी होने लगी। ऐसे में गड़ेपान गांव में हड़कंप मच गया। बीमार बच्चों को साथी विद्यार्थियों और स्कूल स्टाफ ने संभाला। अमोनिया गैस की तेज गंध से 15 स्कूली बच्चे, एक चपरासी, एक महिला सहित 18 लोगों की तबियत अधिक खराब हो गई। जिन्हें सीएफसीएल के अस्पताल ले जाया गया। हालत अधिक खराब होने पर 8 छात्राएं, एक छात्र सहित 9 बच्चों को कोटा के जेके लोन, 3 लोगों को कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूचना पर जिला कलक्टर, मेडिकल और तकनीकी टीमों का लवाजमा घटनास्थल पर पहुंच गया।
प्रत्यक्षदर्शी अध्यापक सुरेंद्र नागर ने बताया कि सुबह साढ़े 10 बजे करीबन प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को दुर्गंध आने लगी थी। इसके बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। एंबुलेंस को कॉल किया। लेकिन बच्चों की हालत गंभीर होने पर खुद की कार से उनको सीएफसीएल के अस्पताल पहुंचाया।

बच्चों को संभाला, खुद भी हुए बीमार

विद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हेमंत कुमार ने बताया कि अमोनिया गैस से बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी थी। आनन-फानन में पहले अध्यापक की कार से 7 बच्चों को अस्पताल लेकर गया। फिर 5 और छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें भी अस्पताल लाया। तीसरे राउंड में फिर गया। बच्चों को कंधे पर लेकर आया। जहां बच्चों के बाद मेरी भी तबियत बिगड़ गई और चक्कर आने लगे। मुझे भी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। गड़ेपान गांव में स्कूल के पास ही स्थित चाय की चलाने वाले सूरज गोचर ने बताया कि सुबह से ही गांव में अजीब सी गंध आ रही थी। जिससे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। यह एक नही बल्कि गांव के अन्य लोग भी कह रहे थे। हालांकि लोग इसे सामान्य समझ रहे थे।

मौके पर पहुंचे आला अधिकारी

अमोनिया गैस के रिसाव की सूचना मिलते ही कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी, ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर, सीएमएचओ डॉ. नरेंद्र नागर, एसडीएम दीपक महावर आदि मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। जिला कलक्टर ने पूरे गडेपान का दौरा कर फैक्ट्री में जाकर जानकारी ली। साथ ही अस्पताल में भर्ती बच्चों की सेहत की भी जानकारी ली। कलक्टर ने बताया कि गैस लीकेज या रिलीज को लेकर अभी तक स्पष्ट कारण सामने नहीं आए हैं। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को मौके पर बुलवाया है।

इन बच्चों की हुई हालत खराब

बीसीएमओ डॉ. राजेश सामर ने बताया कि रेफर किए जाने वाले बच्चों में मुस्कान पुत्री रामेश्वर, प्रियंका, मुस्कान प्रजापति, ज्योति प्रजापति, शीबा शेख, अंजलि प्रजापति, राधिका मेघवाल, मोनिका, भारत सिंह और बुजुर्ग महिला धूली बाई शामिल हैं। इनके अलावा कृष्णा, तमन्ना, भावना, विद्या, दीपिका, अंजलि, हेमंत प्रजापति और दिव्या वैष्णव को उपचार के बाद घर भेज दिया गया।

250 घरों का किया सर्वे

गैस रिसाव के मामले को गम्भीरता से लेते हुए सीएमएचओ डॉ. नागर ने तुरंत सुल्तानपुर बीसीएमओ डॉ. राजेश सामर के नेतृत्व में आधा दर्जन टीमों का गठन किया। बीसीएमओ ने बताया कि सात सदस्यीय मेडिकल टीम गठित की गई। जिसने गांव के 250 घरों का डोर टू डोर सर्वे किया। लोगों से सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, घबराहट आदि के लक्षण पूछे। सभी सामान्य मिले। जिस विद्यालय में हादसा हुआ, वहां 399 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से शनिवार को 209 बच्चे विद्यालय में उपस्थित थे। जिनमें से 17 बच्चों की तबियत बिगड़ी।

बच्चों की हालत खतरे से बाहरः डॉ. संगीता

मेडिकल कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. संगीता सक्सेना ने बताया कि भर्ती बच्चों की हालत खतरे से बाहर है। घटना से बच्चे घबराए हुए हैं। अस्पताल में कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी, कोटा ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर, एमबीएस अस्पताल अधीक्षक धर्मराज मीणा, जेके लोन अधीक्षक डॉ. निर्मला शर्मा, विधायक संदीप शर्मा, भाजपा देहात जिला अध्यक्ष प्रेम गोचर, सीएमएचओ डॉ. नरेंद्र नागर, बीसीएमएचओ डॉ. राजेश सामर ने बच्चों की कुशलक्षेम पहुंची।

लोकसभाध्यक्ष और ऊर्जा मंत्री ने ली जानकारी

लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने भी प्रशासन से पूरे मामले की जानकारी ली। छात्राओं की तबीयत पूछी। साथ ही अधिकारियों से बच्चों में उपचार में कोई कमी नहीं रखने के निर्देश दिए। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कलक्टर व अन्य अधिकारियों से बातचीत कर मामले की बारीकी से जांच करने और रिपोर्ट से अवगत करवाने के निर्देश दिए हैं।

स्कूल में कर दी छुट्टी

प्राचार्य रंजना शर्मा ने बताया कि शनिवार को सुबह स्कूल में प्रार्थना चल रही थी। इसी दौरान गैस रिलीज की गई। इससे कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ी। बच्चों की हालत बिगड़ती देख सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल की छुट्टी कर दी गई।

गड़ेपान सरकारी स्कूल में कुछ बच्चों को असहजता महसूस होने की सूचना मिलते ही सीएफसीएल प्रबंधन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी विद्यार्थियों को फैक्ट्री परिसर स्थित हेल्थ सेंटर में लाकर प्राथमिक उपचार कराया। प्रारंभिक उपचार के बाद अधिकांश विद्यार्थियों को सामान्य होने पर घर भेज दिया गया। कुछ स्टूडेंट्स, एक कर्मचारी, एक महिला को अतिरिक्त चिकित्सा जांच के लिए एमबीएस अस्पताल भेजा है। जहां सभी के स्वस्थ्य होने की जानकारी मिली। कलक्टर, एसपी, सीएमएचओ, मेडिकल टीम सहित अन्य अधिकारियों ने स्कूल और प्लॉट परिसर का निरीक्षण किया और उन्होंने स्थिति को सामान्य पाया। चंबल फर्टिलाइजर्स प्रबंधन ने उनको पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। इस घटना की संबंधित अधिकारियों से जांच के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। सीएफसीएल का कारखाना उच्चतम सुरक्षा और पर्यावरणीय अनुपालन मानकों से संचालित होता है। यह संयंत्र अत्याधुनिक ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम और संकेतकों से सुसज्जित है। परिसर में किसी भी गैस रिसाव का तुरंत पता लगाते हैं। एक जिम्मेदार कॉर्पोरिट के रूप में सीएफसीएल सभी विद्यार्थियों की देखभाल में पूर्ण सहयोग कर रहा है।
-शशांक राजावत, डिप्टी मैनेजर, सीएफसीएल, गड़ेपान

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