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Wednesday, April 30, 2025 4:08:37 PM

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जेके फैक्ट्री की जमीन रीको को सौंपने के बिल का विरोध

जेके फैक्ट्री की जमीन रीको को सौंपने के बिल का विरोध

मजदूरों ने बिल को बताया भूमाफिया को जमीन देने की साजिश

-35 वें दिन भी जारी रहा मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना

 

कांग्रेस पार्टी के बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा के विधानसभा में जेके फैक्ट्री और उसके मजदूरों का मामला उठाने के बाद दबाव में आकर राज्य सरकार विधानसभा में‌ फैक्ट्री की जमीन को रीको को देने संबंधी बिल लेकर आई है, जिसका मजदूरों ने पुरजोर विरोध किया है। मजदूरों ने इसे फैक्ट्री की जमीन को एक व्यक्ति को सौंपने की साजिश बताया है। बिल में रीको को‌ जेके फैक्ट्री की जमीन को छोटे-छोटे भूखंडों में बांटकर परिवर्तन का अधिकार देने का प्रावधान है जिस पर मजदूरों ने आपत्ति की है। इस बीच जेके के मजदूरों का धरना सोमवार को 35 वें दिन भी जारी रहा।

धरने के संचालक मजदूर नेताओं कामरेड हबीब खान, कामरेड उमाशंकर, कामरेड नरेन्द्र सिंह ने कहा कि मजदूरों को बकाया वेतन दिलाने और फैक्ट्री को चालू कराने की मांग को लेकर जेके फैक्ट्री के मजदूर 18 फ़रवरी से कोटा कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं। लेकिन मजदूरों की बात सुनने और बकाया वेतन जो 250 करोड़ से अधिक है तथा 27 साल से शेष है का मय ब्याज सहित 500 करोड़ का भुगतान करने के बजाय सरकार जेके फैक्ट्री की जमीन को रीको को देने का बिल लेकर आ गई। जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उलट है। सरकार कि मंशा फैक्ट्री कि जमीन को भूमाफियाओं को देने की है।‌ वहीं विपक्ष के कई विधायक सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि किस आधार पर सरकार यह प्रस्ताव मजदूरों के विरुद्ध और भूमाफियों के पक्ष लाई है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जुली ने भी मजदूरों के समर्थन में सरकार को घेरने का काम सदन में किया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कमीशन के लिए जेके की जमीन को एक व्यक्ति को सौंपने के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है। मजदूर नेताओं ने कहा कि‌ सरकार खुद अपने जाल में फंसती जा रही है। हमें डरने की आवश्यकता नहीं है। सभी मजदूरों को एकजुट होकर धरने को लगातार मजबूत करते रहना है। निश्चिय ही धरने की जीत होगी।

सीटू के मीडिया प्रभारी मुरारी लाल बैरवा ने बताया कि 26 मार्च को संयुक्त ट्रेड यूनियनों द्वारा जेके फैक्ट्री के मजदूरों के धरने को समर्थन दिया जाएगा।

 

35 वेंं दिन धरने को इन्होंने किया संबोधित

 

35 वें दिन धरने को कामरेड हबीब खान, कामरेड उमाशंकर, कामरेड नरेंद्र सिंह,कामरेड गोपाल शर्मा, कामरेड पुष्पा खींची, रजनी शर्मा, कामरेड प्रेम शंकर, कालीचरण, अली मोहम्मद, अशोक सिंह, योगेश चंद, गुलाब शंकर आदि नेताओं ने सम्बोधित किया।

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