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Thursday, May 22, 2025 8:51:39 PM

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कनवास हत्याकांड के दोनों आरोपी तीन दिन बाद गिरफ्तार

कनवास हत्याकांड के दोनों आरोपी तीन दिन बाद गिरफ्तार

गिरफ्तार दोनों आरोपियों की अगले दिन निकाली परेड

18 मई को घटना के बाद कस्बे में फैल गया था तनाव

कोटा/ कनवास। कोटा जिले के कनवास में 18 मई को दोपहर 2 बजे मामूली विवाद में हुई एक युवक की चाकू मारकर हत्या की घटना के दो आरोपियों को देवलीमांझी पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।
ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर ने बताया कि रविवार दोपहर को माधोपुर गांव निवासी संदीप शर्मा उर्फ सालिगराम पुत्र लालचंद की चाकू व सरिये से हमला कर हत्या करने के आरोपी कनवास निवासी अतीक उर्फ आदिल कुरैशी उम्र 23 साल पुत्र अब्दुल नईम कुरैशी और दीपक उर्फ दीपू ढोली उम्र 20 साल पुत्र देवकरण राव को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी
बाल कटवाकर और हुलिया बदलकर अपनी पहचान छुपा रहे थे। पुलिस टीमों ने मुखबिर की सूचना पर बुधवार को इन्हें गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त हथियार चाकू व सरिया की बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है। गौरतलब है कि कस्बे में रविवार को हुई हत्या के बाद मृतक के पिता लालचंद पुत्र कालूलाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया कि मेरा बड़ा बेटा संदीप शर्मा सीसीटीवी कैमरे और कंप्यूटर का काम करता है। वह रविवार को दोपहर 1.30 से 2 बजे नरेंद्र सोनी के बाइक शोरूम पर सीसीटीवी कैमरे व कंप्यूटर उपकरण ठीक करने गया था। इसी बीच उन्हें सूचना मिली कि संदीप की अतीक उर्फ आदिल व दीपक उर्फ दीपू ने चाकू मारकर हत्या कर दी है। पुलिस ने प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण दर्ज कर देवलीमांझी थानाधिकारी सुरेश मीणा को जांच सुपुर्द की थी। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार हत्या के बाद से ही आरोपी फरार चल रहे थे। इस पर पुलिस की विशेष टीमों ने आरोपियों के रिश्तेदारों, मित्रों, परिचितों के बारे में सूचना प्राप्त कर उसके छिपने के संभावित स्थानों पर दबिश दी। आरोपियों के आने जाने वाले स्थानों को चिन्हित कर वहां मुखबिर लगाए। इसके बाद हिरासत में ले लिए गए। पुलिस की टेक्नीकल टीम में एएसआई भूपेन्द्र सिंह, कांस्टेबल मोरमुकुट सिंह, लाखन सिंह, नरेंद्र सिंह, रणवीर सिंह, नरेंद्र चौधरी, रविकांत, श्यामाराम विश्नोई थानाधिकारी कनवास, हैंड कांस्टेबल सतीश, कांस्टेबल बीरबल, महिपाल आदि शामिल रहे।

यह विवाद बना हत्या का कारण

ग्रामीण एसपी ने बताया कि हत्या के बाद एएसपी रामकल्याण मीणा और डीएसपी अभय कुमार के निर्देशन में तीन टीमें लगाई। घटना स्थल पर एफएसएल व तकनीकी टीम को भेजा, जिन्होंने बारीकी से वारदातस्थल देखा। रास्ते के सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण किया। टीमों की जांच-पड़ताल में पाया गया कि अतीक उर्फ आदिल कुरैशी ने कस्बे में बाइक शोरूम के अंदर कुर्सी हटाने की बात को लेकर हुए विवाद के कारण उक्त घटना को अंजाम दिया है।

पुलिस की कहानी में झोल

जानकारी के अनुसार पुलिस की कहानी में कई झोल हैं। बताया जा रहा है कि हत्याकांड के बाद ही दोनों आरोपियों को पुलिस ने डिटेन कर लिया था। हत्याकांड की घटना के बाद कस्बे में तनाव फैल गया था। ग्रामीणों की उग्र भीड़ ने दो दुकानों व एक मकान तथा एक टापरी में आग लगा दी थी। साथ ही कनवास-दरा और कनवास-सांगोद रोड पर जाम लगा दिया था। जिसके बाद पुलिस व प्रशासन ने आरोपियों के मकानों को बुलडोज कर दिया गया। बाद में प्रशासन और परिजनों में 10 लाख के मुआवजे व मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने के लिखित आश्वासन के बाद समझौता हो गया। उसके बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी शो नहीं की गई। पुलिस की तरफ से जारी प्रेस नोट में आरोपियों को पहले फरार बताया गया। फिर आगे चल कर बताया गया कि फरार होने की फिराक में थे। एक ही प्रेस नोट में कई विरोधाभास उभर कर सामने आए हैं। फिर यह भी नहीं बताया जा रहा कि गिरफ्तारी कहां से हुई है

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