रामपुर : शाहबाद पटवाई के नवाब नगर में शव को दफनाने को लेकर लोग आमने सामने आ गए। जानकारी के अनुसार पटवाई के नवाब नगर में फैयाज सैफी के घर पर एक बुजुर्ग कई सालों से रहते थे। जोकि उल्फत शाह बाबा के नाम से जाने जाते थे। बाबा की परहेज गारी और दुआओं का असर को देखकर उल्फत शाह बाबा के मुरीदों की तादाद भी काफी बढ़ चुकी थी। लेकिन उल्फत शाह बाबा के दुनिया से रुखसत होने के बाद बाबा के मुरीदो ( चाहने वालों ) में पीर के जनाजे को दफनाने को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आने लगी। बताया गया कि उल्फत शाह बाबा के जनाजे को नवाब नगर निवासी फैयाज के घर में दफन करनें की तैयारी चल रही थी। जिसको लेकर प्रधान पुत्र उस्मान के साथ कई लोग नवाब नगर निवासी फैयाज के घर पहुंच कर बाबा के शव दफनाने को लेकर विरोध करने लगे। विरोध करने वाले लोगों का कहना था। कि जनाजा घर में दफ़न न किया जाए बल्कि कब्रिस्तान में दफन किया जाए अगर जनाजा घर में दफन किया गया तो बाबा के मुरीद और लोगों में ख़ुराफ़ात का माहौल बन जाएगा। उल्फत शाह बाबा के जनाजे को दफन करने को लेकर काफी देर तक जद्दोजहद चलती रही। मामला काफी हद तक बढ़ चुका था। वक्त की नजाकत को समझते हुए लोगों ने मुफ्ती वसीम रजा को बुलवाया। और हदीस की रोशनी में मुफ्ती साहब ने मुरीद और उल्फत शाह बाबा के घर वालों को समझाया। मुफ्ती वसीम रजा के समझाने पर मुरीद और बाबा के घर वालों को लेकर लोग थाने पहुंच गए। थाने पहुंचकर लोग शव को घर में दफन करने की जिद पर अड़े थे। लेकिन मुफ्ती वसीम रजा के साथ कई उलेमाओं की मौजूदगी में हदीस की रोशनी में उल्फत शाह बाबा के बेटे को संभल से बुलाया गया। और शनिवार को बाबा का जनाजा (शव ) को बेटे के हवाले कर दिया गया।
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