प्रदेश के 68 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों के 200 से अधिक छात्रों ने मंगलवार दोपहर महायोगी गुरु गोरखनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय भटहट, पिपरी पहुंच कर अपना पक्ष रखा।
छात्रों का आरोप है कि बीएएमएस प्रथम वर्ष की परीक्षा में कापियों की जांच में लापरवाही के कारण 1445 छात्र फेल हो गए हैं। छात्रों ने कापियों की दुबारा जांच कराए जाने की मांग को लेकर दो-तीन घंटे तक कार्यालय के सामने अपना पक्ष रखा। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कापियों का मूल्यांकन एनसीआईएसएम के नियमानुसार कराया गया है।
प्रदेश के 68 आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में बीएएमएस के वर्ष 2021– 2022 की परीक्षा में 3729 छात्र–छात्राओं ने भाग लिया था, जिसमें 2284 छात्र ही पास हुए थे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों ने कापियों को देखने व पुनर्मूल्यांकन के लिए आयुष विश्वविद्यालय से संपर्क करना शुरू कर दिया। जब उन्हें कोई सार्थक जवाब नही मिला तो सभी छात्र विश्वविद्यालय पहुंच गए।
छात्रों ने लगाए आरोप
लखनऊ से आए सैफ, फर्रुखाबाद से विनम्र सिंह, आजमगढ़ से गौरव उपाध्याय, नोएडा से सौरभ मिश्रा, पीलीभीत से हर्षवर्धन ठाकुर व कृष्णा यादव, मेरठ से सोनू यादव, मुजफ्फरनगर से गुलसनावर तुर्की आदि ने आरोप लगाया है कि एनसीआईएसएम ( नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन ) के नियमों में जो प्रश्नपत्र दो नम्बर के थे , उसे दस नम्बर में में दे दिया गया था। इसके साथ ही छात्रों ने कापियों की जांच में लापरवाही का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि जिस तरह से एमबीबीएस, बीएचएमएस में परीक्षा कापियों की रिचेकिंग की व्यवस्था है तो बीएएमएस के छात्रों की परीक्षा की कापियों की रिचेकिंग क्यों नही करवाई जा रही है।
इसके साथ ही बुलंदशर, गजरौला, कानपुर, लखनऊ, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली आदि जनपदों से आए छात्रों में परीक्षा की कापियों की रिचेकिंग कराने को लेकर काफी आक्रोश दिखा।
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