लखीमपुर खीरी। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष पटेल श्रीकृष्ण वर्मा ने उ० प्र० के मुख्यमंत्री जी को पत्र भेजकर कोरोना ( महामारी ) के लांक डाऊन के दृष्टि गत किसानों को बकाया गन्ना भुगतान व विशेष सहायता राशि प्रदान कराये जाने की मांग की है। जिलाध्यक्ष पटेल श्रीकृष्ण वर्मा के मुख्यमंत्री को भेजे पत्र मे लिखा है कि वर्ष 2020 अन्न उत्पादक, अन्नदाता किसानों के लिए अच्छा नहीं है एक तरफ बेमौसमी ओलावृष्टि की वर्षात से किसानों की फसलों, सरसों, गेहूं, मसूर आदि में 3० से 4० प्रतिशत का भारी नुकसान हुआ है जिससे देश के अन्न भण्डारण मे कमी आने के आसार दिख रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ” कोरोना ” ने देश को लगभग 20 वर्ष पीछे ढकेल दिया है। जिसके बचाव व सुरक्षा में शासन प्रशासन रात दिन अपनी जान खतरे में डालकर देशवासियों की सुरक्षा कर बचाने में जुटे हैं जिससे हम सभी को उनके दिशा निर्देशों मे लांक डाऊन करना आवश्यक है और वही बचाव व सुरक्षा है। पटेल श्रीकृष्ण वर्मा ने कहा है कि उ० प्र० भारत का सबसे अधिक गन्ना, गेहूं, सरसों, मसूर, आदि उत्पादक प्रदेश है जो देश के अन्न भण्डारण मे काफी सहायक होता है, जो कि इस समय किसानों की गेहूं, मसूर आदि की कटाई, गहाई व पशुओं को खिलाने के लिए भूषा भरने के साथ गन्ने की छिलाई कर चीनी मिलों को बिक्री करना, गन्ने की बुवाई और सिंचाई करना आदि महत्वपूर्ण कार्य किऐ जा रहे हैं ऐसे में खेती किसानी मे मजदूरों को लांक डाऊन के अनुपालन मे आने जाने मे छूट देकर किसानों की फसलों में हुये नुकसान की बीमा कराकर उसको विशेष सहायता राशि प्रदान कराने की आवश्यकता है। जिससे किसान अपनी फसल के हुए नुकसान की भरपाई प्राप्त कर जरूरत समय देश के अन्न भण्डारण मे सहायक बन सके।
श्रीकृष्ण वर्मा ने कहा है कि जनपद खीरी की सबसे अधिक गन्ना पेराई करने वाली स्थापित बजाज ग्रुप की चीनी मिलें / चीनी मिल गोला व उसके साथ कुछ अन्य चीनी मिलों ने पेराई सत्र 2019 – 20 के लगभग छ : मांह पूर्ण कर गन्ना पेराई बंद करने की रास्ता ढूंढ रही हैं, जब कि बजाज चीनी मिल गोला ने 04 नवम्बर 2019 को गन्ना पेराई का शुभारंभ करके छ : मांह की गन्ना पेराई करने के बाद भी जानबूझकर गन्ना अधिनियम और मा० हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुला उल्लंघन कर, मात्र ०8 नवम्बर तक ( यानी छ : मांह की गन्ना खरीद मे 4 – 5 दिनों ) का ही बकाया गन्ना भुगतान किसानों के बैंक खातों में प्रदान किया है, जब कि चीनी मिल अजबापुर, कुम्भी, गुलरिया आदि कुछ बिलम्ब से भुगतान कर रही हैं।
बजाज चीनी मिल गोला अपने खरीदे गन्ने का भुगतान अपने मनमाने ढंग से कर रही है इस पर उ० प्र० के गन्ना विभाग / गन्ना समिति गोला का कोई दबाव नहीं है और न ही गन्ना समिति के पास चीनी मिल गोला के किये गए बकाया भुगतान का किसी तरह का लेखा जोखा व अभिलेख मौजूद नहीं हैं।
संगठन के जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा ने दिनांक 24 फरवरी 2020 को गन्ना समिति लि० गोला के सचिव को पत्र प्रस्तुत कर बजाज चीनी मिल गोला द्वारा बीते वर्ष 2018-19 के खरीदे गये गन्ने का फरवरी 2020 से 19 फरवरी 2020 तक किऐ गये बकाया भुगतान के साथ वर्तमान पेराई सत्र के भुगतान की प्रमाणित जानकारी मांगी थी, जिसकी जानकारी के लिए सचिव ने अपने पत्र पत्रांक 307 / दिनांक 24- 02-2020, चीनी मिल गोला को भुगतान की जानकारी के लिए भेजा है
जिससे स्पष्ट है कि गन्ना समिति किसानों की रक्षा और सुविधा न देकर मात्र कमीशन वसूल कर समिति में खर्च किया जा रहा है।
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