पीलीभीत। कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाने की प्रधानमंत्री की अपील के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर भी इसे लगाना अनिवार्य किया जा चुका है। खुद को स्वस्थ रखने के लिए मास्क न मिलने पर गमछा और तौलिया भी लपेटा जा सकता है, लेकिन अब भी तमाम लोग मास्क लगाने से बच रहे हैं। बिना मास्क लगाए ही घरों से निकलकर कोई सड़क पर घूम रहा है तो कोई चबूतरों पर बैठकर गपशप करने में मशगूल है। इन्हें न तो खुद की फिक्र है, न अपने परिवार या पड़ोसियों की।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन समाप्त होने की ओर है। लॉकडाउन के दौरान कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए हाथों को अच्छी तरह से धोने और मुंह पर मास्क लगाने के लिए कहा गया है। बीते दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने मास्क पहनने को अनिवार्य भी कर दिया। इसका पालन करने के लिए तमाम लोग आगे भी आए। मगर, शहर में 20 प्रतिशत लोग अब भी कोरोना वायरस को हल्के में ले रहे हैं। वह मास्क न लगाकर खुद के साथ ही परिवार वालों और परिचितों के लिए कभी भी मुसीबत बन सकते हैं। यह आलम तब है जब मास्क न लगाने पर प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। बाजार में लॉकडाउन के बीच दी जा रही छूट के समय भीड़ के बीच भी लापरवाही जारी है। सोमवार को जब सड़कों पर जाकर मास्क न लगाने वालों की पड़ताल की तो तस्वीर कुछ इस तरह सामने आई पेश है रिपोर्ट…।
मोहल्ला मोहतसिम खां
दोपहर करीब 12 बजे। मोहतसिम खां मोहल्ले में शहतूत वाली गली में दो युवक घर के बाहर चबूतरे पर बैठे दिखे। एक कपड़े से मुंह ढके हुए था, जबकि दूसरे ने मास्क नहीं लगाया था। दोनों के बीच दूरी भी नहीं थी।
गांधी स्टेडियम रोड
अपराह्न दो बजे। एक मेडिकल स्टोर पर दो युवा दवा लेने के लिए रुके। वे कार से उतरे और बिना मास्क लगाए ही खड़े हो गए। मेडिकल स्टोर संचालक ने दूरी बनाए रखने के लिए आगे का जाल बंद कर रखा था।
मोहल्ला देशनगर गौढ़ी
मिश्रित आबादी वाले इस इलाके में सड़कों पर चहलकदमी कम थी। दोपहर 12.15 बजे कुछ लोग गुजर भी रहे थे, मगर उनमें से ज्यादातर ने मास्क नहीं लगा रखा था। वे बेफिक्र होकर बिना मास्क के ही घूम रहे थे।
लाल रोड
मास्क लगाने में लापरवाही अपनाने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। लाल रोड पर दोपहर साढ़े 12 बजे कुछ महिलाएं इसी तरह दिखीं। उनके चेहरे पर मास्क नहीं लगा था। उन्हों कोरोना की चिंता बिल्कुल नहीं थी।
संक्रमण से बचाने को जरूरी है मास्क
फिजिशियन डॉ. प्रमोद अग्रवाल का कहना है कि वैसे तो मास्क बीमार व्यक्ति, उनका इलाज करने वाले चिकित्सीय स्टाफ के लिए जरूरी होता है। चूंकि इस वक्त कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन और सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन कराया जाना है, इसलिए मास्क सबके लिए लगाना जरूरी है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने पर एक मीटर तक संक्रमण रहता है। बाजार में हम एक दूसरे के करीब पहुंचते हैं तो ये मास्क ही हमें संक्रमण से बचाता है।
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