पीलीभीत। सरकारी गेहूं खरीद देर से शुरू होने का फायदा उठाकर माफियाओं ने अपना खेल हर सीजन की तरह इस बार लॉकडाउन में भी चालू कर दिया। माफिया किसानों से औने-पौने दामों में किसानों का गेेहूं खरीदकर जमाखोरी करने में लग गए हैं। लॉकडाउन की बंदिशों की वजह से किसान अपना गेहूं खेत से काटकर तुरंत बेचने की जल्दी में हैं। उनकी इसी कमजोरी का फायदा उठाकर माफिया सीड के नाम पर तय रेट से 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल सस्ता खरीद रहे हैं। इसके बाद उनकी योजना इस खरीदे हुए गेहूं की सरकारी क्रय केंद्रों पर खतौनी में चढ़वाकर खपाने की है।
सरकार चाहे भाजपा की हो या फिर सपा-बसपा की। हर साल गेहूं और धान की सरकारी खरीद में माफिया हावी रहते हैं। अधिकांश छोटे खाद्यान्न माफियाओं का सरगना बीसलपुर का एक बड़ा माफिया है। बीती सरकारी धान खरीद में भी बीसलपुर के माफिया ने अफसरों की शह पाकर करोड़ों के वारे-न्यारे किए थे। अब जबकि लॉकडाउन के चलते शासन ने एक अप्रैल से होने वाली सरकारी गेहूं खरीद 15 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी, तब माफियाओं ने किसानों से सस्ते रेट में गेहूं की खरीद शुरू करते हुए उसका स्टाक करना शुरू कर दिया। गेहूं का सरकारी रेट 1925 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। सरकारी क्रय केंद्रों पर अभी खरीद शुरू नहीं हुई है।
उधर, कोरोना के चलते लॉकडाउन में किसान तेजी से कंबाईन से अपना गेहूं कटवा रहे हैं। ज्यादातर किसानों के पास अपना गेहूं स्टॉक करने की जगह नहीं होती। चूंकि किसानों को गेहूं कटाई के तुरंत बाद भूसा भी बनवाना होता है। इसलिए किसान खेत से गेहूं कटते ही उसे तुरंत बेचने के प्रयास में रहते हैं। माफियाओं ने आढ़तियों के माध्यम से किसानों से 1600 से 1700 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीदना शुरू कर दिया है। किसानों से सस्ते में गेहूं खरीदकर उसे स्टॉक करने की योजना है, ताकि यही गेहूं अपने खास किसानों की खतौनी में चढ़वाकर उसे सरकारी रेट में बेचा जा सके।
प्रशासन ने 37 नए क्रय केंद्र बनाए
कोरोना की जंग के बीच प्रशासन ने क्रय केंद्रों पर भीड़ जमा न होने देने के लिए 37 नए क्रय केंद्र बना दिए हैं। पहले 87 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद होनी थी। मगर, 37 नए केंद्र बनने के बाद 124 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद होगी। खाद्य विभाग समेत आठ एजेंसियां किसानों से 1925 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं की खरीद करेंगी। उतराई, छनाई और सफाई 20 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को स्वयं वहन करनी होगी।
यह एजेंसियां करेंगी खरीद
भारतीय खाद्य निगम तीन, एसएफसी 10, कर्मचारी कल्याण निगम पांच, यूपी एग्रो तीन, पीसीएफ 29, पीसीयू 29 और यूपीएसएस 32 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद करेगी। पीलीभीत मंडी में 19, बीसलपुर मंडी में चार और पूरनपुर मंडी में सात क्रय केंद्र खोले गए हैं। किसानों को अपना गेहूं सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट एफसीएसडॉटयूपीजीओवीडॉटइन पर पंजीकरण कराना होगा। किसान अगर चाहे तो इस वेबसाइट पर स्वयं भी मोबाइल या कंप्यूटर से अपना पंजीकरण कर सकते हैं।
डीजल, खाद की जरुरत, क्या करें
माधोटांडा के गांव केसरपुर निवासी किसान निशान सिंह का कहना है कि बाकी फसलों की बुआई के लिए किसानों को डीजल, खाद की जरूरत है। इसलिए उन्होंने 1780 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं आढ़ती को बेचा है।
गांव मुजफ्फरनगर निवासी कमलप्रीत सिंह ने बताया कि गेहूं भंडारण को जगह नहीं है। कई जरूरी काम हैं, इसलिए गेहूं मजबूरी में बेचा। व्यापारी ने गेहूं 1770 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा है।
भाकियू नेता ने डीएम को भेजा ज्ञापन
पूरनपुर। भाकियू जिला उपाध्यक्ष मंजीत सिंह ने गेहूं खरीद में अनियमितताओं को लेकर डीएम को सात सूत्री ज्ञापन भेजा है। इसमें 15 अप्रैल से गेहूं खरीद हर हाल में शुरू कराने, केंद्रों को बिचौलियों से मुक्त रखने, प्रत्येक केंद्र पर 600 क्विंटल गेहूं की खरीद कराने, केंद्रों पर पर्याप्त वारदाना रखने समय से भुगतान और सार्वजनिक स्थानों पर केंद्र लगवाने और केंद्रों पर भीड़ रोकने की दिशा में कदम उठाने की मांग की गई है।
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