शाहजहांपुर। लॉकडाउन के बाद खाद्यान्न सामग्री की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। खास बात यह है कि कालाबाजारी थोक व्यापारियों की तरफ से शुरू हुई है। ऐसे में फुटकर विक्रेताओं को भी किराना का सामान महंगे दामों पर बेचना पड़ रहा है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दालों पर 20 से 25 रुपये तक बढ़ गए हैं। पोहे पर 10 से 15 रुपये बढ़ा दिए गए हैं, इसकी शिकायतें आने के बाद भी प्रशासन की ओर से थोक व्यापारियों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 14 अप्रैल तक 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा होते ही लोगों ने अपने घर में एक से डेढ़ महीने तक का जरूरत का सामान खरीदना शुरू कर दिया था। ऐसे में बाजार में भीड़ बढ़ी तो इन चीजों की कीमतें भी बढ़ गईं। किराना दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद थोक विक्रेता ही महंगे दामों पर चीजें दे रहे हैं। ऐसे में उनकी मजबूरी है कि उन्हें महंगे दामों पर सामान बेचना पड़ रहा है। इस बात की शिकायत प्रशासन की टीमों से भी कर रहे हैं, लेकिन वे थोक विक्रेताओं पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से लोग थोक मंडी की तरफ सामान लेने भाग रहे है। क्योंकि थोक वाले फुटकर विक्रेता और ग्राहक को एक ही दाम में सामान बेच रहे हैं। यह स्थिति हर जगह है।
सामग्री- लॉकडाउन से पहले – लॉक डाउन के बाद
पोहा : 40 रुपये किलो – 50 से 55 रुपये
दालें : 80 रुपये किलो – 90 से 110 रुपये
शक्कर : 3400 रुपये बोरी – 3600 रुपये बोरी
चावल : 2500 रुपये बैग – 3000 रुपये प्रति बैग
रिफाइंड ऑयल : 80 रुपये प्रति लीटर – 110 से 120 रुपये
सरसों का तेल : 90 रुपये प्रति लीटर – 120 रुपये
(क्या कहते हैं शहरवासी)
मिलों से 24 रुपये किलो में मिलने वाला आटा फुटकर में 30 रुपये में बेचा जा रहा है, जबकि लॉकडाउन से पहले यही आटा सिर्फ 25 रुपये में बिक रहा था। लोगों की जरूरत को देखकर दुकानदारों ने आटे के दाम भी बढ़ा दिए हैं, जोकि सरासर गलत हैं। – गोविंद मिश्रा
प्रशासन का ध्यान केवल फुटकर की किराना दुकानों पर ही है, लेकिन उन्हें सप्लाई करने वाले थोक बाजार पर किसी का ध्यान नहीं है। इसलिए थोक विक्रेता बिल तो पुराने हिसाब से ही फुटकर विक्रेताओं को दे रहे हैं, पर बढ़े दामों को बिना बिल के लिया जा रहा है। – सचिन
मोहल्ले में एक दुकान से आज 10:00 बजे किराना का सामान खरीदा है। दस किलो आटा की बोरी 280 रुपये और चीनी 40 रुपये किलो के हिसाब से मिली। जिस पर आपत्ति जताने पर फुटकर दुकानदार थोक में ही सामान महंगा मिलने की बात कह रहा था। – रिंकू
जो सामान लॉकडाउन से पहले सस्ता था, वह बहुत महंगा हो गया है। फुटकर विक्रेता लोगों को अधिक दाम पर सामान बेच रहे हैं। जिसका कारण थोक विक्रेताओं द्वारा फुटकर दुकानदारों को ही सामान महंगे दामों पर बेचा जाना भी है। – प्रदीप कुमार
थोक दुकानदारों द्वारा महंगे दामों पर सामान बेचे जाने की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसा है तो जांच कराई जाएगी। आवश्यक वस्तुओं के दाम पहले से तय किए गए हैं, उससे अधिक दाम लेने वालों पर कार्रवाई होगी।
पूरन सिंह चौहान, जिला पूर्ति अधिकारी
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






