सिद्धार्थनगर/खेसरहा। विकास खण्ड खेसरहा के बेलौहा बाजार में स्थित सनराइज पब्लिक स्कूल में हुआ विश्वकर्मा पूजन व विश्वकर्मा भगवान के माहात्म्य को बताया गया। पूजन के उपरांत वहाँ उपस्थित स्कूल के ड्राइवर अंगद पाण्डेय, जितई यादव, हफ़िजूल भेलई अशोक, कृपा शंकर आदि लोगो को स्कूल प्रबन्धन द्वारा 501 रुपये व अंग वस्त्र भेंट स्वरूप दिया गया। और सभी को मिठाइयां बांटी गयीं। तदोपरांत विश्वकर्मा भगवान के माहात्म्य को कुछ इस प्रकार बताया गया।
हर साल विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति को मनाई जाती है. इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था, इसलिए इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहते हैं.
विश्वकर्मा को दुनिया को सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. इसलिए इस दिन उद्योगों, फेक्ट्रियों और हर तरह के मशीन की पूजा की जाती है. कथा के अनुसार सृष्टि के प्रारंभ में सर्वप्रथम 'नारायण' अर्थात साक्षात विष्णु भगवान सागर में शेषशय्या पर प्रकट हुए. उनके नाभि-कमल से चर्तुमुख ब्रह्मा दृष्टिगोचर हो रहे थे. ब्रह्मा के पुत्र 'धर्म' तथा धर्म के पुत्र 'वास्तुदेव' हुए. कहा जाता है कि धर्म की 'वस्तु' नामक स्त्री से उत्पन्न 'वास्तु' सातवें पुत्र थे, जो शिल्पशास्त्र के आदि प्रवर्तक थे. उन्हीं वास्तुदेव की 'अंगिरसी' नामक पत्नी से विश्वकर्मा उत्पन्न हुए. पिता की भांति विश्वकर्मा भी वास्तुकला के अद्वितीय आचार्य बने.
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