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Sunday, April 27, 2025 3:28:25 PM

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लखीमपुर खीरी| गोला के भूतनाथ मेले में उमड़ा भक्तों का सैलाब

लखीमपुर खीरी| गोला के भूतनाथ मेले में उमड़ा भक्तों का सैलाब
/ / से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार प्रांशु वर्मा,सुधीर गुप्ता की रिपोर्ट

लखीमपुर खीरी| छोटी काशी के ऐतिहासिक भूतनाथ मेले में लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं को लंबी लाइन में लगकर घंटों प्रतीक्षा करने के बाद शिवजी के दर्शन हुए।

गोकर्ण नाथ शिव दर्शन के बाद भक्त प्राचीन भूतनाथ मेले गए वहां उन्होंने प्राचीन कुएं पर फूल चढ़ाकर गिट्टी डालकर हूं हूं की आवाज निकालकर मंदिर में भूतनाथ शिव के दर्शन किए। प्राचीन भूतनाथ स्थल पर लगने वाले इस मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने पतावर में मनोकामना की गांठ लगाई। कई ने कामना पूरी होने के बाद भगवान का भोग लगाकर गांठ खोली। श्रद्धालुओं ने मंदिर पर अपनी कामनाएं लिखीं। वहीं कई लोगों ने पर्चे पर लिखकर अपनी कामनाएं मंदिर पर चस्पा कर दीं। नागपंचमी के बाद पड़ने वाले सावन के सोमवार को यहां प्रसिद्ध भूतनाथ का मेला लगता है। बाबा भूतनाथ मंदिर पर लोग दर्शन पूजन करने के बाद कुंए में हूं हूं कर अपनी मन्नतें मांगते हैं। कहा जाता है कि जब लंकाधिपति रावण ग्वाला वेशधारी भगवान गणेश की गोद में शिव¨लग देकर लघुशंका को जाते हैं। उसी समय प्रभु की लीला से शिव¨लिंग का भार बढ़ने पर ग्वाला वेशधारी गणेशजी शिव¨लिंग को पृथ्वी पर रख देते हैं। इस पर कुपित होकर रावण शिव¨लिंग को अपने अंगूठे से दबाकर ग्वाले को पकड़ने के दौड़ता है, तो ग्वाला पौराणिक शिवालय से लगभग एक किलोमीटर तक भागने के बाद एक कुंए में कूदकर अंर्तध्यान हो जाते हैं। इन्हीं किवंदतियों के चलते पौराणिक शिवालय में पूजन के बाद बाबा भूतनाथ मंदिर पर पूजन की प्राचीन परंपरा है। भूतनाथ मंदिर के महंत ने बताया कि यहां भक्तों की सुविधा के लिए तमाम बंदोबस्त किए गए हैं।

हर वर्ष की भांति नहीं जुटी भीड़

बाबा भूतनाथ के मेले में दिखने वाली भीड़ इस बार लगभग 30 प्रतिशत कम रही। जिसका कारण ट्रेनों का बंद होना माना जा रहा है। वैसे तो भक्तगण ट्रेनों की छपों पर चढ़कर बाबा भूतनाथ के दर्शन करने आते थे और ट्रेन भी भूतनाथ मंदिर के पास ही रोकी जाती थी।

भक्तों ने खूब की खरीददारी

बाबा भूतनाथ की पूजा अर्चना को आए भक्तों ने मेले में लकड़ी समेत तमाम चीजों की खरीददारी की। तमाम लोग लकड़ी के बने स्टूल, चारपाई के मचबे और तखत खरीदकर ले गए। भक्तों ने भूतनाथ के मेले में राखी की भी खरीददारी जमकर की।

नहीं दिखी सुरक्षा व्यवस्था

भूतनाथ मेले में हर वर्ष भारी भीड़ होती है। उसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी करने का दावा किया था, पर भूतनाथ मेले में पुलिस सहायता केन्द्र और शिव मंदिर के अलावा कहीं पर भी पुलिस सक्रिय नहीं दिखी। भूतनाथ मेला मंदिर परिसर के निकट बने पुलिस सहायता केन्द्र में सहायता केन्द्र में ही आराम फरमाते रहे जिससे भक्तों को दिक्कतें उठानी पड़ी।

नहीं उड़े ड्रोन कैमरे

सावन शुरू होते ही मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठकों का दौर चला था। जिसमें कहा गया था कि सोमवार को मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी कैमरे के साथ ड्रोन कैमरे निगरानी करेंगे, लेकिन सावन के चार सोमवार निकल चुके हैं। किसी भी सोमवार को मंदिर और उसके आस पास ड्रोन कैमरे नहीं दिखे।

भूतनाथ मेले में बिकता है विशेष सामान

भूतनाथ मेले में तिन्नी, पसाई के चावल, लकड़ी का फर्नीचर, लाठियां और नारियल के बने हुए हुक्के बिकते हैं, जिनकी ग्रामीण जमकर खरीदारी करते हैं। हुक्का विक्रेता सीतापुर के लहरपुर तंबौर निवासी शौकत अली बताते हैं कि वह बचपन से ही यहां हुक्का बेचने आते हैं।

पहले इतने साधन नहीं थे इसलिए वह साइकिल से दुकान लेकर आते थे। अब वह बस पर सामान लादकर लाते हैं। मेले में नागा संप्रदाय के साधु भी देखने को मिले इसलिए भूतनाथ मेला प्राचीन कलाकारी का अनूठा संगम माना जाता है। यहां रस्सी से बना छींका, पिंजड़े, लोहे के सामान खुरपी, कुदाल, हंसिया, फावड़ा, पाटा, बेलन, चारपाई, स्टूल, धनुष वाण आदि की भी खूब बिक्री हुई।

लोक कला का अद्भुत संगम है मेला

भूतनाथ मेला लोक कला का भी अद्भुत संगम है। मेले में दूर-दूर से आए कांवड़ियों के साथ शिव-पार्वती के भेष में कलाकारों ने लोक नृत्य का भी अद्भुत प्रदर्शन किया, जिसे देखकर लोग भाव-विभोर हो उठे। मेले में जिला पीलीभीत से आए रामगोपाल, मुन्नालाल, ओमप्रकाश, वेदप्रकाश, गेंदालाल, मंसाराम, बंधालाल, प्रेमपाल, हरिशंकर आदि ने वाद्य यंत्रों पर आल्हा और भजन गाकर श्रद्धालुओं को आनंदित किया।

चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस

प्राचीन शिव मंदिर तीर्थ और भूतनाथ मेले के साथ नगर के प्रमुख मार्गो के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही। कांवड़ियों के बीच में भी पुलिस के जवानों ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली। एएसपी घनश्याम चौरसिया ने स्वयं मंदिर के पास बने कंट्रोल रूम में जाकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। चिकित्सा सुविधा के लिए मेला कार्यालय में डॉक्टरों की टीम और नीलकंठ मैदान के पास एंबुलेंस मुस्तैद रही। विशाल मेला होने के बावजूद भूतनाथ मेले में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरा देखने को नहीं मिले जबकि अधिकारियों ने इन कैमरों के लगाए जाने की बात कही थी

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